जामताड़ा: 16 अक्टूबर से जिले के बालू घाटों से बालू के उठाव पर लगी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक हट जाएगी, लेकिन अभी तक जिले के बालू घाटों का टेंडर नहीं हो पाया है. एनजीटी की ओर से हर साल मानसून के दौरान 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू के उठाव पर रोक लगी रहती है. हालांकि इस दौरान भी जिले के अधिकतर बालू घाटों से अवैध तरीके से बालू की निकासी होती रही. जिले के कैटेगरी-टू में कुल 21 बालू घाटों की डीएसआर रिपोर्ट तैयार कर ली गयी है. लेकिन राज्य स्तर से बालू घाटों की टेंडर की प्रक्रिया लटकी हुई है. ऐसे में बालू की निकासी पर लगी एनजीटी की रोक हटने के बाद से नदी से यदि बालू का उठाव किया जाता है तो बालू का अवैध उठाव ही माना जायेगा.
झारखंड में हैं 435 बालू घाट
आपको बता दें कि झारखंड में 435 बालू घाट हैं. इनमें से अब तक केवल 28 घाटों का टेंडर हो पाया है. इन घाटों से बालू निकासी के लिए झारखंड राज्य खनिज विकास निगम की ओर से माइंस डेवलपर ऑपरेटर (एमडीओ) का चयन किया जा चुका है. ऐसे में झारखंड में बालू की निकासी पर लगी एनजीटी की रोक हटने के बाद से राज्य में केवल 28 घाटों से ही वैध तरीके से बालू की निकासी की जा सकती है. राज्य भर में शेष 413 घाटों से यदि बालू निकाला जाता है तो वह अवैध ही कहलाएगा.
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21 बालू घाटों का डीएसआर तैयार
जामताड़ा के सतसाल, गोपालपुर, बोधबांध, अमलाचातर के अलावा नाला प्रखंड व कुंडहित प्रखंड, नारायणपुर प्रखंड के कुल 21 बालू घाटों का डीएसआर तैयार किया गया है. इन घाटों की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो आम लोगों को काफी राहत मिलेगी और उचित दामों पर बालू उपलब्ध हो सकेगा.
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क्या कहते हैं डीएमओ
जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि जिले में कैटेगरी-टू के लिए 21 बालू घाटों का डीएसआर तैयार किया जा चुका है. विभाग का आदेश आते ही बालू घाटों की टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.