Jharkhand News: झारखंड के जामताड़ा जिले के 1169 पहाड़िया परिवार तीन माह से खाद्यान्न से वंचित हैं, जबकि सरकार दावा करती है कि डाकिया योजना के तहत पहाड़िया परिवारों को घर तक पहुंचा कर राशन दिया जाता है. राशन को लेकर ये लोग कई दिनों से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें निराशा हाथ लग रही है. लाभुकों का कहना है कि किसी प्रकार दूसरे के घर से चावल उधार मांग कर भरण-पोषण कर रहे हैं.
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जामताड़ा जिले के फतेहपुर प्रखंड की खमारबाद पंचायत की पहाड़िया महिला चांदनी पुजहर, अर्जुन पुजहर सहित अन्य लाभुक बताते हैं कि कई माह से उन्हें राशन नहीं मिल रहा है. वे मजदूरी करके कमाते हैं. उसी से घर को चलाना पड़ रहा है. जिला प्रशासन द्वारा भी उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वे ऑफिस का चक्कर भी लगा रहे हैं, लेकिन राशन नहीं मिल रहा है. इन्होंने जल्द से जल्द राशन उपलब्ध कराने की मांग की है. जानकारी के अनुसार जामताड़ा जिले में बीते दिसंबर माह से पहाड़िया परिवारों को राशन नहीं मिला है. यह भी बताया जा रहा है कि विभिन्न प्रखंडों के एमओ के द्वारा खाद्यान्न वितरण के बाद शत प्रतिशत ऑनलाइन इंट्री नहीं की गयी है. आधी अधूरी ऑनलाइन इंट्री करने के कारण खाद्यान्न स्टॉक में दिख रहा था. जिस कारण राज्य से जिले में खाद्यान्न का स्टॉक समझा गया और खाद्यान्न नहीं भेजा गया क्योंकि पहाड़िया परिवार को एमओ के लॉगइन से ही खाद्यान्न का वितरण किया जाना है. इधर, एमओ की ओर से शिथिलता बरती गयी है. जिसका खामियाजा पहाड़िया परिवारों को तीन माह से भुगतना पड़ा रहा है.
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जामताड़ा जिले के सभी प्रखडों में एमओ का पद प्रभार में चल रहा है. जामताड़ा, करमाटांड़, नारायणपुर व फतेहपुर में बीडीओ ही एमओ के प्रभार में हैं, तो कुंडहित व नाला में बीसीओ एमओ के प्रभार में हैं. प्रधान माझी ने कहा कि पहाड़िया परिवारों के लिए खाद्यान्न डिमांड किया गया है. आते ही वितरण कर दिया जायेगा. राज्य के कई जिलों में कमोवेश यही स्थिति है.
रिपोर्ट: उमेश कुमार