Bihar Naxal News: जमुई में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में सोमवार का दिन बेहद खास रहा. इनामी शीर्ष नक्सली ने अपने गिरोह के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. जिन तीन हार्डकोर नक्सली ने सरेंडर किया है उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस लंबे समय से प्रयासरत थी. इस तरह जमुई जिले के बरहट थाना क्षेत्र के चोरमारा में सीआरपीएफ कैंप लगाए जाने का आईडिया सही साबित हो गया और महज 4 महीने में ही उक्त कैंप के जरिए पुलिस को एक बड़ी सफलता मिल गई.
गौरतलब है कि जमुई जिला नक्सल प्रभावित रहा है तथा 90 के दशक में यहां बहुत बड़ी-बड़ी नक्सल घटनाएं होती रही हैं. इसके बाद जिले में अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति की गई तथा एसएसबी, सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा आदि के जवानों को यहां लगाया गया. इन 10 सालों में नक्सल संगठन को कमजोर करने में पुलिस को कई बड़ी सफलता मिली. लेकिन एक साथ इतनी बड़ी सफलता पुलिस को पहले कभी नसीब नहीं हुई थी.
गौरतलब है कि चोरमारा कैंप में ही बालेश्वर कोड़ा और उसके साथी नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. नक्सलियों के आत्मसमर्पण की जहां तक बात करें तो चोरमारा में महज 4 महीने पहले ही सीआरपीएफ का कैंप लगाया गया था. बताते चलें कि मलयपुर में सीआरपीएफ मुख्यालय है तथा 215 बटालियन स्थित है. जिसके द्वारा 2 फरवरी 2022 को चोरमारा में कैंप लगाया गया.
Also Read: Bihar News: राजद विधायक अनंत सिंह दोषी करार, घर से बरामद AK-47 मामले में अदालत का फैसला
चोरमारा वही गांव है जहां पर उक्त सभी नक्सलियों का घर है. ऐसे में नक्सली मांद में पुलिस कैंप लगाना पुलिस के लिए एक बड़ा साहसिक फैसला था. लेकिन उनका यह फैसला सही साबित हो गया. चार महीने तक लगातार कैंप में अभियान चलाया गया, कई कार्यक्रम किये गए और नक्सली के परिवारों को समझाने का प्रयास किया जाता रहा. जिसके फलस्वरूप पुलिस को यह सफलता मिली है. और उन सभी नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष समर्पण किया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan
Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.
FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram
YOUTUBE