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बिहार में बालू माफियाओं ने मृत व्यक्ति की कोर्ट से करा ली जमानत, आठ पर FIR दर्ज, जानें पूरा मामला

जमुई के लखापुर से पुलिस ने छह जुलाई को एक अवैध बालू से लदा हुआ ट्रैक्टर जब्त किया था और उस ट्रैक्टर को छुड़ाने के लिए कोर्ट में मरे हुए व्यक्ति की जगह पर किसी और व्यक्ति का आधार कार्ड और फोटो कोर्ट में जमा कराया और जमानत ले ली.

पुलिस को चकमा देकर थाने में जब्त वाहन छुड़ाने के लिए जमुई में कुछ लोगों ने मरे हुए व्यक्ति की कोर्ट से जमानत करा ली. उन्होंने मरे हुए व्यक्ति की जगह पर किसी और व्यक्ति का आधार कार्ड और फोटो कोर्ट में जमा कराया और पूरी प्रक्रिया के बाद अपना वाहन छुड़ाने का आदेश लेकर पुलिस के पास पहुंच गये. लेकिन मामले में अनुसंधानकर्ता को जब जानकारी हुई कि जिसके नाम पर जमानत करायी गयी है, वह पहले ही मर चुका है. तब उन्होंने इसके बारे में और जानकारी जुटायी और इसकी सूचना पुलिस को दी. अभी मामले में पुलिस षड्यंत्र रचने के आरोप में आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन कर रही है. दरअसल यह पूरा मामला बालू के अवैध खनन से जुड़ा हुआ है. पुलिस ने छह जुलाई को एक ट्रैक्टर मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

सदर प्रखंड के लखापुर गांव से पुलिस ने जब्त किया था ट्रैक्टर

जानकारी के अनुसार सदर थाना क्षेत्र के लखापुर से पुलिस ने छह जुलाई को एक अवैध बालू से लदा हुआ ट्रैक्टर जब्त किया था और उस ट्रैक्टर के मालिक जय नारायण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. 21 जुलाई को जय नारायण सिंह की न्यायालय से जमानत करवा दी गयी थी. लेकिन अनुसंधान में यह ज्ञात हुआ कि ट्रैक्टर मालिक जयनारायण सिंह की मृत्यु 19 जुलाई 2019 को ही हो चुकी है.

नकली आधार कार्ड कोर्ट में किया गया पेश

इस मामले में जब जांच की गयी तब पता चला कि 13 जुलाई को जमानतदार राम बहादुर सिंह और गोविंद मांझी ने कोर्ट में खड़े होकर उसकी जमानत करा दी थी. जांच के दौरान यह भी सामने आया कि जय नारायण सिंह की जगह पर गांव निवासी मोनू सिंह उर्फ रमाकांत सिंह की तस्वीर चिपका दी गयी थी. इसी नाम के साथ एक आधार कार्ड भी कोर्ट में पेश किया गया. जबकि असली आधार कार्ड में तस्वीर अलग है. इस तथ्यों की जांच के बाद न्यायालय को भी इसकी सूचना दी गयी तथा न्यायालय ने इस मामले में उक्त सभी लोगों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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आठ लोगों के खिलाफ दर्ज की गयी है प्राथमिकी

मामले में कार्रवाई करते हुए षड्यंत्र के तहत जब्त वाहन को मुक्त करने तथा न्यायालय के समक्ष गलत तथ्य प्रस्तुत कर गुमराह करने के आरोप में लखापुर गांव निवासी मुकेश सिंह उर्फ बम बम सिंह, मोनू सिंह उर्फ रमाकांत सिंह, बरूअट्टा गांव निवासी जमानतदार रामबहादुर सिंह, राजपुरा गांव निवासी गोविंद मांझी, निशु सिंह, बबीता देवी, राहुल सिंह के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की गयी है. इतना ही नहीं मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

पहले भी इनामी अपराधी की जगह पर किसी अन्य को कोर्ट में खड़ा कर जमानत लेने का किया गया था प्रयास

गौरतलब है कि इससे पहले इनामी अपराधी पप्पू मंडल की जगह पर किसी अन्य व्यक्ति को कोर्ट में खड़ा कर जमानत लेने का प्रयास किया गया था. इस मामले में भी अधिवक्ता और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कोर्ट पहुंचे शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया था. एक बार फिर ऐसा ही मामला जमुई में सामने आया है.

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क्या कहते हैं एसपी

पुलिस अधीक्षक डॉ शौर्य सुमन ने कहा कि इस तरीके का मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस के द्वारा प्राथमिक की दर्ज की गयी है तथा मामले में अग्रेत्तर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि बालू माफिया के द्वारा इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस लगातार अवैध बालू कारोबार के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. कुछ लोग पुलिस को चकमा देकर बालू का कारोबार करते रहना चाहते हैं इसलिए उनके द्वारा यह सब किया गया है.

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