Jharkhand Panchayat Chunav: त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के चौथे चरण में होने वाले चुनाव को लेकर रांची के बुढ़मू प्रखंड क्षेत्र में प्रत्याशियों की रेस काफी बढ़ गयी है. सभी प्रत्याशी अपने-अपने जीत का दावा कर मतदाताओं के बीच है. हर कोई पंचायत क्षेत्र में विकास की बात कह रहे हैं. खासकर महिला प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की भरसक प्रयास में जुटी है.
महिला प्रत्याशियों ने गिनायी प्राथमिकता
पंचायत चुनाव के तहत बाड़े पंचायत की मुखिया प्रत्याशी सुमन देवी ने कहा कि पति हरिश्चंद्र पाहन वर्ष 2010 से बाड़े पंचायत में पंचायत समिति सदस्य और मुखिया रहकर पंचायत के विकास में अहम योगदान दिये हैं. कहती हैं कि अगर क्षेत्र की जनता हमें विजयी बनाती है, तो मेरे पति द्वारा किये गये विकास कार्यों को आगे बढ़ाते हुए पंचायत का चहुंमुखी विकास में योगदान देंगे. वहीं, बुढ़मू पंचायत की मुखिया प्रत्याशी तारा देवी प्राथमिकता गिनाते हुए कहती है कि पीएम आवास और मनरेगा योजना में अवैध वसूली बंद कराने के अलावा महिला सशक्तीकरण पर जोर, घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने, केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ पंचायत के सभी घरों तक पहुंचाना सुनिश्चित करने, सभी राजस्व गांव में एक कार्यालय खोलने और रोजाना दो घंटे कार्यालय में रहकर ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने पर जोर दिया.
मूलभूत सुविधाओं पर विशेष जोर
बुढ़मू पंचायत की मुखिया प्रत्याशी रजनी देवी ने चुनाव में विजयी होने के बाद सभी गांव में अच्छी सड़क और नालियों के निर्माण के अलावा स्वच्छता पर विशेष कार्य करने, मजदूर साथियों के रोजगार की व्यवस्था पंचायत में उपलब्ध कराने पर जोर देने की बात कही, ताकि मजदूरों का दूसरे राज्यों में पलायन पर रोक लगे. वहीं, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, राशन कार्ड, पीएम आवास का लाभ ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को दिलाने पर जोर दिया.
ठाकुरगांव को स्मार्ट विलेज बनाने पर दिया जाएगा जोर
वहीं, ठाकुरगांव पंचायत की मुखिया प्रत्याशी जितराम उरांव (बबलू उरांव) ने कहा कि ठाकुरगांव को स्मार्ट विलेज के तौर पर विकसित करने के लिए चयनित किया गया था. विजयी होने के बाद इन सभी योजनाओं को धरातल पर लाने का सतत प्रयास करने पर जोर दिया. साथ ही पंचायत में प्राथमिकता के आधार पर नाली, पेयजल, पीएम आवास, विधवा एवं वृद्धा पेंशन दिलाने का कार्य करने की बात कही.
चकमे पंचायत प्रत्याशी की राय
इसके अलावा चकमे पंचायत के मुखिया प्रत्याशी धनंजय मुंडा ने कहा कि वर्ष 2010 में मुखिया बनने के बाद चकमे में मूलभूत सुविधाओं के विकास का कार्य करते हुए लोगों के विश्वास पर खरा उतरा. वर्ष 2015 से मेरी पत्नी चकमे पंचायत की मुखिया बनी. कहते हैं कि पंचायत के विकास के लिए सदैव तत्पर रहे हैं. आशान्वित होते हुए श्री मुंडा कहते हैं कि अगर चुनाव में विजयी हुए, तो पंचायत के विकास कार्यों को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे.
मुरुपीरी पंचायत में विकास होगी पहली प्राथमिकता
वहीं, मुरूपीरी पंचायत की मुखिया प्रत्याशी सीता देवी ने कहा कि वर्ष 2015 में चुनाव जीत कर मुरूपीरी पंचायत की मुखिया बनने के बाद अपने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर पंचायत के विकास पर जोर रहा. वहीं, जरुरतमंदों को पेंशन, राशन कार्ड, पीएम आवास सहित अन्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने में सहयोग किया. जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था की गयी. अब एक बार फिर पंचायत के विकास में अपनी महती भूमिका निभाने को आतुर है.
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रिपोर्ट : कालीचरण, बुढ़मू, रांची.