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CBSE 10th Result 2020 : रांची की लीजा व हर्षा सहित सात बने स्टेट टॉपर, सभी को 99 फीसदी मार्क्स

सीबीएसइ ने बुधवार को 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. देश भर के कुल 16 जोन में 99.28 प्रतिशत रिजल्ट के साथ त्रिवेंद्रम पहले व 79.12 प्रतिशत रिजल्ट के साथ गुवाहाटी अंतिम पायदान पर है.

रांची : सीबीएसइ ने बुधवार को 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. देश भर के कुल 16 जोन में 99.28 प्रतिशत रिजल्ट के साथ त्रिवेंद्रम पहले व 79.12 प्रतिशत रिजल्ट के साथ गुवाहाटी अंतिम पायदान पर है. जबकि 90.69 प्रतिशत रिजल्ट के साथ पटना जोन (झारखंड शामिल) 10वें स्थान पर है. वर्ष 2019 में पटना जोन 91.86 प्रतिशत रिजल्ट के साथ सातवें स्थान पर था. यानी इस बार जोन वाइज रैंक में पटना जोन तीन रैंक पीछे खिसक गया.

सीबीएसइ 10वीं में इस वर्ष झारखंड में सफल विद्यार्थियों का रिजल्ट 90.64 प्रतिशत रहा. इसमें 99 प्रतिशत अंकों के साथ सात विद्यार्थियों ने संयुक्त रूप से स्टेट टॉपर की लिस्ट में अपनी जगह बनायी है. स्टेट टॉपरों में डीएवी हेहल रांची की छात्रा लीजा उरांव, जेवीएम श्यामली रांची की छात्रा हर्षा प्रियम, डीपीएस बोकारो के छात्र हर्ष राय, एसबीएम बोकारो की छात्रा श्रद्धा श्रेया, रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ देवघर के छात्र प्रभात रंजन, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर धनबाद के कृष्णांशु चौधरी और डीएवी पब्लिक स्कूल कोयलानगर धनबाद के साईं कृष्णा शामिल हैं.

झारखंड में भी बेटियां आगे : सीबीएसइ 10वीं में इस वर्ष झारखंड में 89.88 प्रतिशत छात्र और 91.88 प्रतिशत छात्राएं सफल रहीं. झारखंड में कुल 63 हजार 784 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें 57 हजार 817 विद्यार्थी सफल घोषित किये गये हैं. कुल 63,784 में 39,488 छात्र व 24,296 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए. इनमें 35,493 छात्र सफल हुए व 22,324 छात्राएं सफल हुईं.

पिछले साल के टॉपर को 98.8 अंक मिले थे : 10वीं की परीक्षा में वर्ष 2019 में झारखंड के तीन विद्यार्थियों ने समान अंक लाकर स्टेट टॉपर बनने का गौरव हासिल किया था. इनमें एंजेल्स हाइ स्कूल हजारीबाग के छात्र पीयूष कुमार, डीएवी गांधीनगर के छात्र शुभम ठाकुर व जेवीएम श्यामली के छात्र शशांक कुमार शामिल हैं. तीनों विद्यार्थियों को 98.8 प्रतिशत अंक मिले थे. पिछली बार राजधानी के कुछ स्कूलों द्वारा कुल प्राप्तांक में विषयवार अंक जोड़ने को लेकर विवाद भी हुआ था.

मार्क्स वेरिफिकेशन करा सकते हैं विद्यार्थी : यदि विद्यार्थी अपने प्राप्तांक से संतुष्ट नहीं हैं, तो सीबीएसइ ने उनके लिए भी विकल्प तैयार किये हैं. विद्यार्थी 17 से 21 जुलाई 2020 तक सीबीएसइ की अॉफिसियल वेबसाइट पर जाकर अॉनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए छात्रों को प्रति विषय 500 रुपये शुल्क जमा करना होगा. इसी प्रकार विद्यार्थी स्क्रूटनी भी करा सकते हैं. इसके लिए अॉनलाइन आवेदन जमा करने की प्रक्रिया छह अगस्त 2020 से शुरू होगी, जो यह सात अगस्त शाम पांच बजे तक खुला रहेगा.

विद्यार्थी अपनी उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति (फोटोकॉपी) भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए सीबीएसइ की वेबसाइट पर जाकर अॉनलाइन फॉर्म जमा करना होगा. छायाप्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन एक अगस्त 2020 से दो अगस्त 2020 शाम पांच बजे तक जमा किया जा सकेगा. प्रति अंसर शीट 700 रुपये शुल्क भी अॉनलाइन जमा करने होंगे. जो विद्यार्थी मार्क्स वेरिफिकेशन के लिए आवेदन करेंगे, सिर्फ वही उस विषय के अंसरशीट की छायाप्रति के लिए आवेदन कर सकते हैं.

इसके लिए cbse.nic.in पर जाकर आवेदन भरने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. आवेदन शुल्क क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के माध्यम से भरना होगा. अॉफलाइन आवेदन या शुल्क स्वीकार नहीं किये जायेंगे. री-इवेल्युएशन या मार्क्स वेरिफिकेशन के दौरान अंक बढ़ भी सकते हैं या घट भी सकते हैं. इसके बाद जो भी रिजल्ट आयेगा, विद्यार्थी को उसी नये अंक को स्वीकार करना होगा. अंकों में बदलाव होने पर पुराने मार्क्सशीट सरेंडर करने होंगे.

स्टेट टॉपर होनेवाली राज्य की पहली आदिवासी बेटी बनी लीजा उरांव : झारखंड की आदिवासी बेटी लीजा उरांव ने स्टेट टॉपर बनने का गौरव प्राप्त किया है. उन्हें 99% प्राप्तांक मिले हैं. डीएवी हेहल के प्राचार्य एमके िसन्हा ने बताया िक झारखंड गठन के बाद से अब तक में यह पहला मौका है जब किसी आदिवासी बेटी को सीबीएसइ 10वीं का स्टेट टॉपर होने का गौरव प्राप्त हुआ है.

इससे पहले डीएवी कपिलदेव की आिदवासी छात्रा सोनाली इला एक्का को 12वीं साइंस का स्टेट टॉपर होने का गौरव प्राप्त हो चुका है. डीएवी हेहल में पढ़नेवाली लीजा के पिता दशरथ उरांव सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं. फिलहाल ये लोग सपरिवार रांची के कटहल मोड़ में रहते हैं.

लीजा कहती है कि यूपीएससी में सफल होने का लक्ष्य तय कर वह आगे बढ़ रही है. वह कहती है कि इतना मार्क्स आने पर बहुत खुशी हो रही है. लगा कि मेहनत सफल हुई. मां-पिता से लेकर टीचर्स और दोस्तों ने बहुत साथ दिया है. सबका योगदान है. वह कहती है कि साइंस से बारहवीं की पढ़ाई करेगी, लेकिन स्कूल नहीं बदलेगी.

डीएवी में ही पढ़ेगी. उसका कहना है कि वह लगातार मेहनत से तैयारी करती रही है. आगे भी करेगी. लीजा की प्रतिभा को देखते हुए डीएवी हेहल के प्राचार्य ने आगे की पढ़ाई के लिए उसकी पूरी फीस माफ करने की घाेषणा की है.

Post by : Pritish Sahay

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