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कोयला घोटाला: होटल ली लैक के मालिक को तीन साल की सजा, 50 लाख रुपये का जुर्माना, अन्य दोषियों को मिली ये सजा

कोयला घोटाले में दोषी करार दिये गये कंपनी के निदेशकों व चार्टर्ड अकाउंटेट को भी तीन-तीन साल सश्रम कारावास की सजा दी गयी और 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

  • दिल्ली सीबीआइ की अदालत ने सुनायी सजा

  • निदेशकों व चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी तीन-तीन साल की सजा

  • अभियुक्तों की ओर से उनकी बीमारी व उम्र का हवाला दिया गया

दिल्ली स्थित सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने कोयला घोटाले में ली लैक होटल के मालिक विनय प्रकाश को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोयला घोटाले में दोषी करार दिये गये कंपनी के निदेशकों व चार्टर्ड अकाउंटेट को भी तीन-तीन साल सश्रम कारावास की सजा दी गयी और 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. हालांकि सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्तों को जमानत भी दी.

विनय प्रकाश, परमानंद मंडल और बसंत दिवाकर मांजरेकर ने एक-एक लाख रुपये का मुचलका भरा. वहीं संजय खंडेलवाल ने जमानत के तौर पर गाड़ी का आॅनर बुक जमा किया. दिल्ली स्थित सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में 17 सितंबर को कोयला घोटाले में दोषी करार दिये गये अभियुक्तों को सजा देने के बिंदु पर सुनवाई हुई.

सीबीआइ के वकील संजय कुमार की ओर से सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के 10 फैसलों को उदाहरण के तौर पर पेश किया गया. कहा गया कि अभियुक्तों ने सुनियोजित साजिश के तहत जो अपराध किया है, इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है.

इसलिए अभियुक्तों को कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए. सीबीआइ की ओर से यह भी अपील की गयी कि अदालत अभियुक्तों को दी जानेवाली सजाएं क्रमवार भुगतने का आदेश दे. दूसरी तरफ अभियुक्तों की ओर से उनकी बीमारी और उम्र का हवाला दिया गया और कम से कम सजा देने की अपील की गयी. होटल ली लैक के मालिक व डोमको प्रोजेक्ट के तत्कालीन एमडी विनय प्रकाश की ओर से उनकी गंभीर बीमारी (कैंसर) और कोविड-19 के मद्देनजर डॉक्टरों द्वारा घर में रहने की सलाह दिये जाने का हवाला दिया गया. यह भी कहा गया कि कंपनी ने कोयला खनन नहीं किया.

इसलिए इससे सरकार को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ, बल्कि कंपनी को ही नुकसान हुआ. सरकार ने कंपनी की ओर से दी गयी छह करोड़ की बैंक गारंटी को भी जब्त कर लिया है. कंपनी के निदेशक बसंत दिवाकर मांजरेकर की ओर से कहा गया कि वे 84 साल के हैं और दिल के मरीज हैं. निदेशक परमानंद मंडल की ओर यह कहा गया कि वह 82 साल के हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में 70 साल से ज्यादा उम्र के अभियुक्तों को सजा देने में रहम किया है.

इसलिए विशेष न्यायाधीश की अदालत भी रहम करे और कम से कम सजा दे. सीए संजय खंडेलवाल की ओर से कहा गया कि वह सीए हैं. उनकी दो नाबालिग बेटी हैं. अगर उन्हें सजा दी जाती है, तो उनका परिवार बिखर जायेगा. इसलिए कम से कम सजा दी जाये. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अभियुक्तों को तीन-तीन साल सश्रम कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनायी. अदालत ने कोयला घोटाले के इस मामले में 14 सितंबर को फैसला सुनाते हुए अभियुक्तों को दोषी करार दिया था.

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मुजरिमों को दी गयी सजा का ब्योरा

  • मेसर्स डोमको प्रोजेक्ट : 50 लाख रुपये का जुर्माना

  • विनय प्रकाश : तीन साल सश्रम कारावास, 50 लाख रुपये जुर्माना नहीं चुकाने पर अतिरिक्त तीन महीना जेल

  • बसंत दिवाकर मांजरेकर : तीन साल सश्रम कारावास, 10 लाख जुर्माना नहीं चुकाने पर अतिरिक्त तीन महीना जेल

  • परमानंद मंडल : तीन साल सश्रम कारावास, 10 लाख जुर्माना नहीं चुकाने पर अतिरिक्त तीन महीना जेल

  • संजय खंडेलवाल : तीन साल सश्रम कारावास, 10 लाख जुर्माना नहीं चुकाने पर अतिरिक्त तीन महीना जेल

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Posted by: Pritish Sahay

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