Ranchi: शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद भी आउट ऑफ स्कूल/ड्रॉपआउट बच्चों का नामांकन विद्यालयों में नहीं हो पा रहा है. विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारी को दिशा-निर्देश दिया था. इसको लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना की निदेशक किरण कुमारी पासी ने फिर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है.
जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 में कराये गये सर्वे के अनुसार, राज्य में छह से 14 आयु वर्ग के 621703, 14 से 18 आयु वर्ग के 1,95,324 व तीन से पांच आयु वर्ग के 269348 बच्चे आउट आॅफ स्कूल/ड्रापआउट हैं. छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन को लेकर जिलों को निर्देश दिये गये थे. जिलों द्वारा अब तक भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार 6,21,703 बच्चों में से 67562 बच्चों का ही नामांकन हो पाया है.
554141 बच्चों का नामांकन अब तक नहीं हुआ है. इन बच्चों का नामांकन कराने का निर्देश दिया गया है. विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चों को विद्यालय के शिक्षकों के साथ बराबर संख्या में टैग करने को कहा गया है. शिक्षक अपने साथ टैग किये गये बच्चों के अभिभावक से मुलाकात करेंगे. बच्चों के नामांकन के लिए अभिभावक को प्रेरित करेंगे.
नामांकन के बाद बच्चों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधा देने का निर्देश दिया गया. बच्चों को किताब, पोशाक आदि सुविधा मिलेगी. अगर कोई बच्चा विद्यालय नहीं अाना चाहता है, तो इसकी पूरी रिपोर्ट विभाग को देने को कहा गया है. इसकी पूरी जानकारी सीआरसी में जमा करने को कहा गया है.
नामांकन के बाद बच्चों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधा देने का निर्देश दिया गया. बच्चों को किताब, पोशाक आदि सुविधा मिलेगी. अगर कोई बच्चा विद्यालय नहीं अाना चाहता है, तो इसकी पूरी रिपोर्ट विभाग को देने को कहा गया है. इसकी पूरी जानकारी सीआरसी में जमा करने को कहा गया है.
शिक्षक 14 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावक से भी मिलेंगे. बच्चों को विद्यालय आने के लिए प्रेरित करेंगे. जो बच्चे किसी परिस्थितिवश विद्यालय नहीं आ पा रहे हैं, उन्हें एनओआइएस में नामांकन के लिए प्रेरित करेंगे. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के नामांकन को लेकर भी जिलों को दिशा-निर्देश दिये गये हैं. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए गृह आधारित शिक्षा का प्रारूप तैयार किया गया था. इसके तहत बच्चों को साधनसेवी के साथ टैग करने को कहा गया है.
Posted by: Pritish Sahay