रांची : हाइकोर्ट में राशन कार्ड के लिए आवेदन देने व आवेदन नहीं देनेवालों को भी राशन देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि राशन कार्ड के लिए आवेदन देने या आवेदन नहीं देनेवालों को भी राशन देने की जो घोषणा की गयी है, उसे क्रियान्वित किया जाए. ऐसी व्यवस्था हो, ताकि सभी को राशन मिलने में सुविधा हो सके. 27 अप्रैल को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.
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हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि हमने समाचार पत्रों में पढ़ा है कि दिल्ली में सरकार बिना राशन कार्डवाले लोगों को राशन देती है. इसलिए राज्य सरकार चाहे, तो यहां भी ऐसी व्यवस्था कर सकती है. खंडपीठ ने जानना चाहा कि सरकार समस्या से कैसे निबट रही है और सभी के लिए भोजन व राशन सुनिश्चित करने के लिए कौन सा तंत्र विकसित किया जायेगा.
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हाइकोर्ट ने बुधवार को सरकार से अधिवक्ताओं की आर्थिक सहायता को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को जवाब देने को कहा. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ ), झारखंड स्टेट बार काउंसिल व अधिवक्ता कल्याण ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष को जवाब दायर करने को कहा. उनसे पूछा कि अधिवक्ताओं व उनके क्लर्कों को वित्तीय सहायता देने की क्या योजना है. खंडपीठ ने बीसीआइ से जानना चाहा कि वह किस हद तक झारखंड स्टेट बार काउंसिल को अपने सदस्यों की मदद करने के लिए धन मुहैया करा सकती है. इस मामले की भी अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी.