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Jharkhand: राज्य में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 14 कॉलेज, जहां की 1058 सीटों में नीट स्कोर से मिलता है एडमिशन

राज्य में मेडिकल की पढ़ाई के प्रति राज्य के स्टूडेंट्स की रुचि और सीटों की संख्या दोनों मे इजाफा हुआ है. बीते पांच साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी है. पहले एमबीबीएस कॉलेजों की संख्या महज तीन थी. अब इनकी संख्या आठ हो गई है. सीटें बढ़‍कर 1058 हो गई हैं.

Jharkhand Medical Education: राज्य में मेडिकल की पढ़ाई के प्रति राज्य के स्टूडेंट्स की रुचि और सीटों की संख्या दोनों मे इजाफा हुआ है. बीते पांच साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी है. साल 2019 से पहले तक एमबीबीएस और डेंटल की पढ़ाई के लिए एडमिशन रैंकिंग के लिए संघर्ष करना होता था. ऐसा इसलिए कि एमबीबीएस कॉलेजों की संख्या महज तीन थी. अब इनकी संख्या आठ हो गई है. ऐसे में झारखंड के स्टूडेंट्स के लिए अपने राज्य से मेडिकल की पढ़ाई करना ज्यादा आसान हो गया है. बताते चलें कि वर्ष 2022 में यूजी नीट की प्रवेश परीक्षा 17 जुलाई को होगी. इसके लिए लगभग 18 लाख रजिस्ट्रेशन हुए हैं.

इन कॉलेजों में एमबीबीएस सीटें

कॉलेज का नाम स्टेट कोटा सीट

रिम्स रांची 148

एमजीएम जमशेदपुर 83

शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद 41

फूलो-झानों मेडिकल कॉलेज, दुमका 83

मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज, बारीडीह, जमशेदपुर 25

लक्ख्मी चंद्रवंशी मेडिकल कॉलेज, विश्रामपुर, पलामू 100

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज, पलामू 83

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग 83

इन कॉलेजों में बीडीएस सीटें

कॉलेज का नाम स्टेट कोटा सीट

डेंटल इंस्टीट्यूट रिम्स, रांची 52

हजारीबाग कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस एंड हॉस्पिटल 85

वनांचल डेंटल कॉलेज, गढ़वा 85

अवध डेंटल कॉलेज, जमशेदपुर 85

इन कॉलेजों में होमियापैथी की सीटें

कॉलेज का नाम स्टेट कोटा सीट

राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, परसपानी, गोड्डा 54

आरोग्य होमिपैथिक मेडिकल कॉलेज, झलुआ, गढ़वा 51

कोटा के आधार पर सीट का लाभ

मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों को उनके श्रेणी के आधार पर भी सीट का लाभ मिलता है. राज्य स्तरीय मेडिकल काउंसेलिंग सत्र में विद्यार्थी को उनके यूजी नीट के ऑल इंडिया रैंक और स्टेट मेरिट लिस्ट के आधार पर सीट चिह्नित किये जाते हैं. मेडिकल कॉलेजों में राज्य कोटा के अंतर्गत कोटिवार सीट का बंटवारा किया गया है. इसके तहत जेनरल कोटा के विद्यार्थियाें के लिए राज्य स्तर के 40% सीटें सुनिश्चित की गयी है. इसके अलावा इडब्ल्यूएस कोटा पर 10%, एससी कोटा पर 10%, एसटी कोटा पर 26%, बीसी-1 पर 8% और बीसी-2 पर 6% सीटें सुनिश्चित की जाती हैं.

कई चरणों में पूरी होती है काउंसेलिंग की प्रक्रिया

12वीं पास विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज में सीट उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीइसीइबी) पूरी करती है. काउंसेलिंग सत्र में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों से आवेदन की मांग की जाती है. प्राप्त आवेदन के आधार पर राज्य सतरीय मेधा सूची तैयारी की जाती है. इसके आधार पर बाद काउंसेलिंग सत्र में विद्यार्थी शामिल होते हैं. इसमें प्रथम चरण की काउंसेलिंग के बाद द्वितीय और तृतीय चरण की काउंसेलिंग मेडिकल कॉलेजों में रिक्त सीटों के आधार पर की जाती है. तीन चरण के बाद भी सीटें शेष रहने पर मॉप-अप राउंड काउंसेलिंग, स्ट्रे वेकेंसी राउंड काउंसेलिंग से विद्यार्थियों को सीट उपलब्ध कराया जाता है. इन काउंसेलिंग सत्र के बाद भी अगर सीटें शेष रह गयी तो विद्यार्थियों को स्पेशल राउंड काउंसेलिंग के जरिये सीट उपलब्ध कराया जाता हैं.

कोरोना काल के बाद मेडिकल क्षेत्र में बढ़ रही रुचि

कोरोना काल ने विश्व को डॉक्टर्स क्यों जरूरी है इसका एहसास दिलाया. समाज में डॉक्टर्स की अहमियत बढ़ी. इससे युवा वर्ग में डॉक्टर्स बनने का क्रेज तैयार हुआ है. यह बातें केवल बातचीत में नहीं है. आंकड़े इन्हें साबित कर रहे हैं. इस आंकड़ें को यूजी नीट में 2020 से अब तक हुए आवेदन के तर्ज पर समझा जा सकता है. 2020 से 2022 तक यूजी नीट में आवेदक की संख्या करीब 202565 से अधिक बढ़ी है.

– वर्ष 2020 में यूजी नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए 1597435 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था और 1366945 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे.

– वर्ष 2021 में यूजी नीट के लिए 1614777 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था और परीक्षा में 1544275 विद्यार्थी शामिल हुए थे.

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