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Jharkhand: ग्रेच्युटी पर सीलिंग व वेतन समझौते के मुद्दे पर सुलग रहा बोकारो

बीएसएल कर्मियों के ग्रेच्युटी पर सीलिंग व वेतन समझौते के मुद्दे पर बोकारो सुलग रहा है. एनजेसीएस के साथ-साथ नन एनजेसीएस यूनियन प्लांट के अंदर व बाहर लगातार आंदोलनरत है. इनमें बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर-एचएमएस, सीटू-बोकारो, जय झारखंड मजदूर समाज मुख्य रूप से शामिल है.

Bokaro News: बीएसएल कर्मियों के ग्रेच्युटी पर सीलिंग व वेतन समझौते के मुद्दे पर बोकारो सुलग रहा है. एनजेसीएस के साथ-साथ नन एनजेसीएस यूनियन प्लांट के अंदर व बाहर लगातार आंदोलनरत है. इनमें बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर-एचएमएस, सीटू-बोकारो, जय झारखंड मजदूर समाज मुख्य रूप से शामिल है. इधर, नेशनल ज्वाइंट कमेटी आफ स्टील (एनजेसीएस) की बैठक 19 जुलाई को होने जा रही है. एनजेसीएस यूनियन प्रबंधन को ग्रेच्युटी पर सीलिंग व वेतन समझौते के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बना रही हैं. इस बार एनजेसीएस की बैठक अहम होगी. इस बैठक में एनजेसीएस यूनियन प्रबंधन को ग्रेच्युटी पर सीलिंग व वेतन समझौते के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बना रही हैं.

अक्टूबर 21 की बैठक में पे-स्केल देने की हुई थी बात

बताते चलें कि एनजेसीएस की अक्टूबर-2021 में हुई बैठक में सेल-बीएसएल के कर्मचारियों का वेतन समझौता किया गया था. उस समय प्रबंधन की ओर से यही कहा गया था कि एक-दो माह के भीतर हीं पे-स्केल तैयार कर इसे लागू कर दिया जायेगा. इसके लिये एनजेसीएस की सब-कमेटी भी बनी. लेकिन, मामला अभी तक अटका हुआ है. फरवरी 2022 में एनजेसीएस सब-कमेटी की बैठक बुलायी गयी, जिसमें पे-स्केल का निर्धारण कर दिया गया. लेकिन, अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है. इसके कारण बीएसएल कर्मियों को अब तक वेतन समझौते का लाभ नहीं मिल पा रहा. कर्मियों का का कहना है कि एमओयू के दौरान हीं पे-स्केल का निर्धारण कर लिया जाना था. जिससे मामला लंबित नहीं होता.

कर्मियों को नहीं मिला वेतन समझौता का लाभ

बीएसएल के कर्मियों को सेल की अन्य यूनिट की तरह 39 माह के बकाया एरियर का भुगतान भी नहीं हो पाया है. वहीं, दूसरी ओर सेल प्रबंधन की ओर से अधिकारियों को पीआरपी का भुगतान कर दिया गया है. इसके कारण कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है. कर्मियासें के आक्रोश से यूनियन भी अवगत है. यहीं कारण है कि बोकारो में सभी यूनियन, चाहे वह मान्यता प्राप्त हो या फिर गैर मान्यता प्राप्त, सभी इन दिनों सक्रिय है. वर्तमान में ग्रेच्युटी पर सीलिंग के मुद्दे पर भी कर्मचारियों में आक्रोश है. 19 जुलाई को होने वाली एनजेसीएस की बैठक में इन दोनों ही मुद्दों पर प्रबंधन को घेरने की कवायद शुरू हो गयी है. एनजेसीएस के नेता बैठक में कर्मियों के साथ-साथ ठेका मजदूरों की लंबित मांग को भी जोरदार ढंग से उठाने की तैयारी में है.

28 जून से प्लांट के अंदर आंदोलनरत है जय झारखंड मजदूर समाज

39 माह के बकाया एरियर का भुगतान, सम्मानजनक वेतन समझौता, जनवरी 2017 से सभी प्रकार के एरियर का भुगतान सहित अन्य मांग को लेकर जय झारखंड मजदूर समाज 28 जून से प्लांट के अंदर विभागवार आंदोलन कर रहा है. इसके तहत अभी तक 28 जून को एसएमएस/सीसीएस विभाग, 30 जून को कोक ओवेन एंड बाईं प्रोडक्ट प्लांट, 02 जुलाई को शॉप्स एंड फाउंड्री विभाग में कार्यक्रम हो चुका है. यूनियन के महामंत्री बीके चौधरी ने कहा : एनजेसीएस के नेताओं ने अपने चाल-चरित्र के अनुसार इस बार भी प्रबंधन की गोद में बैठकर हस्ताक्षर करने का काम किया है. मजदूरों को ठगने और गुमराह करने का काम किया है. लंबित मांग को लेकर याचना नहीं, अब रण होगा. इसकी तैयारी चल रही है.

11 जुलाई से मजदूरों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है सीटू

मेमोरंडम ऑफ अन्डरस्टैंडिंग को रद्द कर मजदूर पक्षीय वेतन समझौता अविलंब करने सहित अन्य मांग को लेकर सीटू-बोकारो की ओर से 11 जुलाई से 03 अगस्त तक मजदूरों के बीच सघन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. यूनियन के संयुक्त महामंत्री बीडी प्रसाद ने कहा : एनजेसीएस के इतिहास में पहली बार कुछ यूनियन को बहका कर सेल प्रबंधन बहुमत यूनियन के आधार पर आधा-अधूरा मेमोरंडम कर मजदूरों के पूरा वेज रिवीजन को हीं बर्बाद कर रख दिया है. पदाधिकारियों की सभी मुरादें पूरी हुई है और मजदूर ठगा हुआ महसूस कर रहा है. सम्मानजनक एमजीबी व पर्क, एक जनवरी 2017 से पूरा एरियर, ग्रैच्युटी बिना सिलिंग आदि मांग को लेकर 11 जुलाई से लगातार मजदूरों के बीच जन जागरण अभियान चल रहा है.

विरोध दर्ज करा चुका है क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ

वेज रिवीजन सहित अन्य मांगों को लेकर क्रांतिकारी इस्पात मजदूर (संबंद्ध हिंद मजदूर सभा) संघ धरना-प्रदर्शन (23 जून को गांधी चौक सेक्टर-चार पर चेतावनी प्रदर्शन) के माध्यम से विरोध दर्ज करा चुका है. संघ के महामंत्री सह एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा : वेज रिवीजन एमओयू पर हस्ताक्षर हुये नौ माह बीत चुके हैं. लेकिन, प्रबंधन की लापरवाही से आज तक वेज रिवीजन को अंतिम रूप नहीं दिया गया. इससे मजदूरों के बीच आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर, जैसे हीं मजदूरों का एमओयू साइन हुआ, तुरंत अधिकारियों का वेज रिवीजन हो गया. साथ हीं, लाखों रूपये का पीआरपी व एरियर का भी भुगतान तुरंत कर दिया गया. इस भेदभाव पूर्ण व्यवहार से कर्मियों में असंतोष व्याप्त है.

28 मार्च से आंदोलन कर रहा बोकारो इस्पात कामगार यूनियन

बीएसएल-सेल कर्मियों के लंबित मुद्दों आधा-अधूरा वेतन समझौता, 39 माह का एरियर भुगतान, नाइट शिफ्ट एलाउंस के साथ अन्य एलाउंस सहित अन्य मांगों को लेकर बोकारो इस्पात कामगार यूनियन-एटक 28 मार्च लगातार आंदोलनरत है. कभी पास सेक्शन तो कभी इस्पात भवन निकट, कभी गांधी चौक सेक्टर-चार तो कभी प्लांट के अंदर…यूनियन का विरोध-प्रदर्शन जारी है. प्लांट के अंदर व बाहर यूनियन की ओर से लगातार विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा : पे-स्केल फाइनल होने के बावजूद अभी तक लागू नहीं हुआ है. ठेका मजदूरों का शोषण जारी है. कर्मी व ठेका मजदूरों की कई मांग आज तक लंबित है. इससे मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है.

रिपोर्ट : सुनील तिवारी

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