सुनील रवि, गुमला: भरनो प्रखंड के अताकोरा गांव में चिकन पॉक्स बीमारी फैल गयी है. इस बीमारी से गांव के 150 बच्चे एवं 50 अभिभावक संक्रमित हैं. सभी बच्चे गांव के ही स्कूल में पढ़ते हैं. स्कूल के किसी एक बच्चे को चिकन पॉक्स होने के बाद यह महामारी तेजी से गांव में फैल रही है. जिसे लेकर स्वास्थ विभाग की टीम अलर्ट है.
बच्चों व बड़े लोगों के साथ जानवरों में भी यह बीमारी फैल गयी है. इस निमित्त बुधवार को रिम्स से स्टेट रैपिड रेस्पॉन्स टीम अताकोरा गांव पहुंची. टीम में रिम्स के डॉ आशा किरण, डॉ भारद्वाज चौधरी, डॉ विक्रम, डॉ विदुषी टोपनो, डॉ आयशा रानी, डॉ अनित कुजूर, डॉ भुवन कुमार सिंह सहित चिकित्सा प्रभारी डॉ अखिलेश टोपनो व एएनएम शीलवंती टोपनो शामिल थी. टीम ने स्कूल में कैंप लगाकर संक्रमित बच्चों का ब्लड सैंपल कलेक्ट किया. स्कूल के एचएम सतेंद्र कुमार की उपस्थिति में 32 संक्रमित बच्चों का सैंपल लिया गया. साथ ही संक्रमित लोगों के घर जाकर जानकारी प्राप्त की.
गांव में इस प्रकार फैली बीमारी
जांच में पता चला कि गांव में यह बीमारी मार्च महीने से ही शुरू हुई है. सबसे पहले 5वीं कक्षा के छात्र बबलू महली को चिकन पॉक्स हुआ था. इसके बाद स्कूल के 32 बच्चे संक्रमित हो गये. जो बच्चे संक्रमित हुए उनके कुछ अभिभावक भी संक्रमित होते चले गये. फिर गांव की एएनएम शीलवंती टोपनो ने इसकी जानकारी चिकित्सा प्रभारी भरनो को दी. उसके बाद मामला जिला से राज्य तक पहुंच गया. कुछ दिन पहले डब्ल्यूएचओ द्वारा भी स्थिति का जायजा लिया गया. परंतु संक्रमित बच्चों का कोई इलाज नहीं किया गया. जिससे स्थिति भयावह होती चली गयी.
जानवर भी हो रहे हैं बीमार
ग्रामीणों ने बताया कि इंसानों के साथ साथ मवेशी भी बीमार हो रहे हैं. स्कूल की रसोइया तेतरी उरांइन ने बताया कि फरवरी माह में मंगलो गांव के कुछ गाय-बकरी को चिकन पॉक्स हुआ था और आताकोरा गांव के कुछ बच्चे मवेशी चराने जाते थे. इससे चिकन पॉक्स फैलता जा रहा है.
शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर
यहां बता दें जब स्कूली बच्चों में यह बीमारी तेजी से फैलने लगा, तो कि गांव एएनएम ने एचएम को स्कूल बंद करने की सलाह दिया. ताकि संक्रमण को रोका जा सके. परंतु विभागीय आदेश के बिना एचएम ने स्कूल बंद नहीं किया. इस मामले की जानकारी चिकित्सा प्रभारी और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को भी था. परंतु विभागीय आदेश के दांवपेंच के कारण किसी ने विद्यालय बंद कराने की जहमत नहीं उठाया. अब स्थिति बत्तर होते चली गयी. अगर संक्रमित बच्चों को आइसोलेट किया जाता, तो अन्य बच्चे संक्रमित नहीं होते.
193 में 150 बच्चे मिले संक्रमित
अताकोरा गांव प्रखंड मुख्यालय से 18 किमी दूर स्थित है. जिसकी आबादी 1350 है. गांव में पेयजल के लिए लोग कुआं व चापाकल का पानी उपयोग करते हैं. आताकोरा स्कूल में 193 बच्चे नामांकित है. जिसमें 150 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. अब स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली है.
गांव में अंधविश्वास भी है : डॉक्टर
रिम्स के डॉ भारद्वाज नारायण चौधरी ने कहा कि यह बीमारी जानवरों से नहीं फैलती है. बल्कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है. चिकन पॉक्स सामान्य रूप से छोटे बच्चों को ही होती है. परंतु व्यस्क को होने से स्थिति ज्यादा खराब होती है. उन्होंने कहा कि इस गांव में अंधविश्वास फैला है. लोग इसे माता मानकर किसी प्रकार का इलाज नहीं करा रहे हैं. वयस्क लोग जांच हेतु सैंपल भी नहीं देना चाहते हैं. कुछ लोग सोच रहे हैं कि हम कोविड का वैक्सीन देने आये हैं. हमने स्कूल के संक्रमित बच्चों का ब्लड सैंपल ले लिया है. आज शाम तक रिम्स में जांच रिपोर्ट सौंप दी जायेगी. उसके बाद इलाज की प्रक्रिया शुरू होगी.