शकील अख्तर, रांची : छत्तीसगढ़ में झारखंड के मुकाबले नक्सली घटनाएं दोगुनी हुई हैं. हालांकि, झारखंड में पुलिस पर होनेवाला खर्च छत्तीसगढ़ के मुकाबले ज्यादा है. वह भी तब, जब झारखंड में पुलिस की उपलब्धता छत्तीसगढ़ के मुकाबले कम है. झारखंड में प्रति व्यक्ति आय के मुकाबले पुलिस पर खर्च आठ गुना से ज्यादा है. राज्य में नक्सली गतिविधियों पर काबू पाने के लिए गठित एसटीएफ, पुलिस और अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों की पुलिस पर होनेवाले खर्च की समीक्षा के बाद समिति ने रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है. उग्रवाद प्रभावित राज्यों में पुलिस पर होनेवाले खर्च की समीक्षा के लिए योजना सह वित्त विभाग से संबंधित आंकड़ों की मांग की.
मिले आंकड़ों की समीक्षा के बाद समिति ने पाया कि झारखंड में पुलिस पर होनेवाला खर्च छत्तीसगढ़ से ज्यादा है. झारखंड में पुलिस पर खर्च राज्य के कुल बजट का 5.28 प्रतिशत और प्रति लाख आबादी पर पुलिस की उपलब्धता 172.18 है. इसके मुकाबले छत्तीसगढ़ में बजट के मुकाबले पुलिस पर खर्च कुल बजट का 4.17 प्रतिशत और प्रति लाख की आबादी पर पुलिस की उपलब्धता 220.53 है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड में प्रति व्यक्ति आय और प्रति पुलिस खर्च का आकलन किया है.
प्रति पुलिस खर्च, प्रति व्यक्ति आमदनी से 8.87 गुना ज्यादा : रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में पुलिस के वेतन भत्ता और स्थापना पर सालाना 5066.67 करोड़ रुपये का खर्च है. झारखंड में कार्यरत पुलिस बल 72,241 है. यानी राज्य में प्रति पुलिस 7.01 लाख का खर्च है. राज्य सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (2020-21) के अनुसार वर्तमान मूल्य पर झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 79,873 रुपये है. यानी प्रति पुलिस खर्च, प्रति व्यक्ति आमदनी से 8.87 गुना ज्यादा है.
विभिन्न राज्यों में नक्सली घटनाओं का ब्योरा
राज्य वर्ष 2018 वर्ष2019 वर्ष 2020
झारखंड 205 200 199
बिहार 59 62 26
ओड़िशा 75 45 50
छत्तीसगढ़ 392 263 315
महाराष्ट्र 65 66 30
मध्य प्रदेश 04 05 04
आंध्र प्रदेश 11 8 00
झारखंड में पुलिस की उपलब्धता छत्तीसगढ़ के मुकाबले कम
झारखंड में पुलिस पर खर्च कुल बजट का 5.28 %, वहीं छत्तीसगढ़ में 4.17 %
विभिन्न राज्यों में पुलिस उपलब्धता व खर्च का ब्योरा
राज्य क्षेत्रफल आबादी पुलिस खर्च कुल
उपलब्धता बजट का
झारखंड 79,839.00 3.77 172.18 4234.46 5.28%
तेलंगाना 1,12,122.30 3.73 130.88 5146.00 2.95%
केरल 38,870.87 3.52 152.49 4025.81 3.48%
छत्तीसगढ़ 1,35,192.00 2.89 220.53 4177.99 4.17%
ओड़िशा 1,55,707.47 4.52 129.31 3559.51 0.97%
क्या है रिपोर्ट में : राजस्व पर्षद सदस्य एपी सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की ओर से पिछले तीन वर्ष में विभिन्न राज्यों में नक्सली घटनाओं से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराये गये. इनके विश्लेषण से इसकी जानकारी मिलती है कि वर्ष 2020 के दौरान बिहार और महाराष्ट्र में नक्सली घटनाओं में काफी कमी आयी है. हालांकि झारखंड में स्थिति तकरीबन पहले जैसी ही है. वर्ष 2018 में झारखंड में हुई उग्रवादी घटनाएं छत्तीसगढ़ में हुई घटनाओं का 52 प्रतिशत, 2019 में 76 प्रतिशत और 2020 में 63 प्रतिशत हैं. यानी छत्तीसगढ़ में झारखंड के मुकाबले करीब-करीब दोगुनी घटनाएं हुईं.