Jharkhand News: एम्स देवघर का उद्घाटन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. 250 बेड के इस एम्स का निर्माण महज चार साल में हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस देवघर एम्स का उद्घाटन करने आ रहे हैं, उस एम्स की नींव खुद उन्होंने ही रखी थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को एम्स देवघर की नींव रखी थी. नींव रखने के ठीक चार साल बाद वे इसका उद्घाटन कर रहे हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक साल 2014 से पहले देश में केवल 7 एम्स थे. पिछले 8 वर्षों के दौरान, 16 एम्स को मंजूरी दी गई है. इन 16 एम्स में से 10 नए एम्स में एमबीबीएस क्लास और ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई हैं. लिमिटेड आईपीडी सेवाओं को भी 6 एम्स में परिचालित किया गया है.
PM Modi laid foundation of AIIMS Deoghar on 25th May 2018. There were only 7 AIIMS before 2014. During the last 8 yrs, 16 AIIMS have been approved. Out of these 16 AIIMS, MBBS classes & OPD services started in 10 new AIIMS. Ltd IPD services also been operationalized in 6 AIIMS. pic.twitter.com/DNyBk7NTY0
— ANI (@ANI) July 11, 2022
कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवघर एम्स के 250 बेड का अस्पताल व दो ऑपरेशन थिएटर का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे. इसके साथ एकेडमिक ब्लॉक का भी उद्घाटन करेंगे. यहां 250 बेड के अस्पताल में फिलहाल वैसे मरीजों को भर्ती किया जायेगा, जिन्हें एम्स ओपीडी के डॉक्टर भर्ती के लिए लिखेंगे. ओपीडी में जो विभाग संचालित हैं, उन विभाग के संबंधित बीमारियों का अस्पताल में इलाज किया जायेगा.
अस्पताल में अभी इमरजेंसी सुविधा बहाल नहीं हो पायेगी, लेकिन रूटीन ऑपरेशन की सुविधा होगी. अस्पताल में भर्ती होनेवाले मरीजों को आवश्यकतानुसार 200 तरह की जांच की सुविधा मिलेगी. एम्स के अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को दो हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा. उन्हें 25 रुपये प्रति मरीज बेड चार्ज शुल्क भी चुकाना होगा. दो हजार रुपये की राशि से जांच का शुल्क कटौती होगा. जांच का शुल्क भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय सीजीएचएस से बेहद रियायत दर पर निर्धारित है. अगर मरीज तीन दिन में ही ठीक हो जायेंगे, तो उन्हें दो हजार रुपये में तीन दिन का बेड चार्ज की राशि व जांच शुल्क की राशि कटौती कर शेष राशि वापस कर दी जायेगी. एम्स में भर्ती मरीजों को शुरू से भोजन की सुविधा दी जायेगी. सभी बेड में सेंटरलाइज ऑक्सीजन पाइप है.
देवघर एम्स के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज पहले ओपीडी में दिखायेंगे. ओपीडी में जिस प्रकार मरीज रजिस्ट्रेशन कराते हैं, उस अनुसार रजिस्ट्रेशन करायेंगे. ओपीडी के संबंधित विभाग के डॉक्टर जब उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता बतायेंगे, तो दो हजार रुपये जमा करने के बाद उनका भर्ती कार्ड बन जायेगा. इस भर्ती कार्ड से मरीज अस्पताल में भर्ती हो जायेंगे. ओपीडी में संचालित विभाग के अधीन अस्पताल में उन मरीजों का इलाज होगा. अस्पताल में 100 से ऊपर डॉक्टर मरीज के इलाज में रहेंगे. अभी सुपर स्पेशलिस्ट विभाग का इलाज नहीं हो पायेगा.