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Jharkhand News: बिजली खरीदने के लिए JBVNL को 1690 करोड़ रुपये, रात 12 से सुबह छह बजे तक नहीं होगा पावर कट

Jharkhand News: डीवीसी अपने कमांड एरिया में 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है. कमांड एरिया से बाहर के लिए डीवीसी से अतिरिक्त 50 मेगावाट बिजली जेबीवीएनएल खरीदेगा. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि यह बिजली मंगलवार की रात से ही खरीदी जायेगी.

Jharkhand News, Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में भारी गर्मी और देशभर में जारी बिजली संकट के बीच झारखंड में भी बिजली संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है. लेकिन बिजली की कमी न हो, इसके लिए अतिरिक्त बिजली जेबीवीएनएल खरीदेगा. राशि स्वीकृत कर दी गयी है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में झारखंड बिजली वितरण निगम को सब्सिडी के रूप में राज्य सरकार द्वारा 1690 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी. इधर जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया कि लोडशेडिंग को रिशिड्यूल किया गया है. इसमें प्रयास होगा कि रात 12 बजे से सुबह के छह बजे के बीच लोडशेडिंग न की जाये. इससे संबंधित निर्देश सभी जीएम को दिया गया है.

डिमांड के अनुरूप बिजली उपलब्ध हो, यह प्रयास किया जा रहा है- सीएम

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि मौजूदा गर्मी कहर बरपा रही है. इससे बिजली की मांग अचानक बढ़ी है. बिजली की समस्या देश के अन्य राज्यों में भी है. बिजली की उपलब्धता में पूरे देश में कमी आयी है. बाजार से भी खरीदना चाहते हैं, तो बिजली उपलब्ध नहीं है. कई बार दर काफी अधिक हो जाती है. इन सबके बावजूद अतिरिक्त बिजली खरीदने की जरूरत पड़े, तो इसके लिए विभाग को राशि उपलब्ध करा दी गयी है. डिमांड के अनुरूप बिजली उपलब्ध हो, यह प्रयास विभाग के स्तर से किया जा रहा है.

डीवीसी से अतिरिक्त 50 मेगावाट बिजली लेगा

डीवीसी अपने कमांड एरिया में 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है. कमांड एरिया से बाहर के लिए डीवीसी से अतिरिक्त 50 मेगावाट बिजली जेबीवीएनएल खरीदेगा. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि यह बिजली मंगलवार की रात से ही खरीदी जायेगी. सरकार ने राशि स्वीकृत कर दी है. अतिरिक्त बिजली भी खरीदने की व्यवस्था हो रही है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में बिजली की भारी कमी है.

केंद्रीय मंत्री बोले : बिजली की कमी नहीं, झारखंड सरकार खरीद नहीं रही

केंद्रीय राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने मंगलवार को लोहरदगा में कहा कि झारखंड सरकार केंद्र के ऊपर दोषारोपण कर जनता को सुविधा मुहैया नहीं कराना चाहती. इसका उदाहरण बिजली की लचर व्यवस्था है़ झारखंड में आज सुबह से बिजली आ और जा रही है. इसके लिए झारखंड सरकार जिम्मेवार है. आज हम बिजली उत्पादन में कमजोर नहीं हैं, झारखंड सरकार बिजली खरीदकर नहीं देना चाहती है.

मांग के अनुरूप नहीं मिल रही बिजली

झारखंड में पिछले एक सप्ताह से बिजली की भारी कटौती हो रही है. जिस कारण शहर में जहां 12 से 16 घंटे बिजली मिल रही है, वहीं गांवों में छह से 10 घंटे तक ही बिजली मिल रही है. मांग के अनुरूप राज्य में बिजली नहीं मिल रही है. डीवीसी कमांड एरिया को छोड़कर राज्य में 1767 मेगावाट बिजली की मांग है, लेकिन इसके एवज में केवल 1090 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध है. इसमें भी जेबीवीएनएल 51 मेगावाट ओवर ड्रॉ करके ले रहा है, जिसकी कीमत अधिक चुकानी पड़ रही है. इसके बावजूद 626 मेगावाट की लोडशेडिंग पूरे राज्य में हो रही है.

ग्रिडों में मांग और आपूर्ति में भारी अंतर

झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के अधीन राज्य में इस समय 50 ग्रिड हैं, जिनमें मांग के अनुरूप बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है. मांग और आपूर्ति में भारी गैप है. जिस कारण जमकर लोडशेडिंग हो रही है. सुबह हो या रात हर समय लोगों को लोडशेडिंग कर आपूर्ति की जा रही है. राजधानी रांची में तो हर घंटे पर लोडशेडिंग हो रही है.

बिजली की मांग और आपूर्ति

ग्रिड मांग आपूर्ति

हटिया 90 75

एचइसी 20 7

नामकुम 100 60

कांके 60 40

बुढ़मू 10 1

तमाड़ 25 10

Posted by: Pritish Sahay

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