Gumla News: गुमला शहर के जाने-माने पेंटर प्रदीप सिंह दीवारों में अग्निवीर में भर्ती अभियान को लेकर स्लोगन व पेंटिंग बनाकर युवाओं को जागरूक कर रहे हैं. श्री सिंह गुमला शहर के दर्जनों दीवारों में नि:शुल्क स्लोगन लिखे हैं. जिसमें युवाओं को भ्रम में न पड़कर अग्निवीर में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
प्रदीप सिंह हमेशा गुमला के लोगों को जागरूक करने के लिए नि:शुल्क दीवार लेखन करते रहते हैं. उन्हें क्रांतिवीर के नाम से भी जाना जाने लगा है. प्रदीप सिंह पेशे से पेंटर हैं. आजीविका का सहारा मात्र पेंटिंग है. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. तीन बच्चे हैं. परंतु समाज सेवा व लोगों को जागरूक करने का जज्बा उनमें कूट-कूटकर भरा हुआ है. पेंटिंग से जो आय होती है. उससे बच्चों को अच्छे शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाकर ऑफिसर बनाने की ठान रखी है. साथ ही समाजसेवा का जज्बा या देश के जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी निभाने में किसी से पीछे नहीं हैं.
कोरोना संक्रमण काल के फर्स्ट लॉकडाउन पीरियड में जब गाइडलाइन के अनुसार ज्यादातर लोग अपने-अपने घरों में कैद थे. प्रदीप अपनी कूची रंग लेकर गुमला की प्रमुख चौक-चौराहों पर कोरोना उन्मूलन जनजागरूकता हेतु स्लोगन लिखने में जुटे हुए थे. वे भी अपने पैसे से. बगैर किसी लालच के निःस्वार्थ भाव से. अभी भी गुमला के अनेक जगहों पर कोरोना से बचाव हेतु इनके लिखे स्लोगन देख सकते हैं. स्लोगन के नीचे कहीं भी इसने अपना नाम तक नहीं लिखा. एक अनसंग हीरो की तरह राष्ट्रीय आपदा में निष्काम कर्मयोगी की तरह अपना कर्तव्य निभाते रहे. इनके कार्यो को देखते हुए गुमला शहर के लोगों ने प्रदीप को सम्मानित भी किया है.
अभी प्रदीप सिंह केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना का नि:शुल्क प्रचार कर रहे हैं. युवाओं में अग्निवीर के संबंध में भ्रम फैला तो प्रदीप सिंह अपनी ब्रश कूची रंग उठा लिया है. अग्निवीर की वास्तविकता नौजवानों के सामने लाने के लिए स्लोगन्स लिखने की पुनः शुरुआत कर दी है. कोई निजी महत्वाकांक्षा नहीं. कोई राजनैतिक लाभ से मतलब नहीं. प्रदीप सिंह का देशहित में समर्पण का जज्बा आश्चर्यजनक है. अनुकरणीय है.
रिपोर्ट: दुर्जय पासवान