Ranchi News: मेन रोड में 10 जून को उपद्रव की घटना हुई थी. उसके अगले दिन मेन रोड समेत पूरा शहर बंद था. 12 जून से शहर के अन्य हिस्सों में दुकानें खुलने लगीं. इधर, प्रशासन ने मेन रोड समेत छह थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू करते हुए दुकाने खोलने का समय (दोपहर 12:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक) तय कर दिया. 13 जून से मेन रोड की दुकानें खुलने लगीं, लेकिन यहां पहले वाली रौनक गायब हो गयी. शहरवासी फिलहाल मेन रोड और उसकी गलियों से जुड़े बाजारों में जाने से कतरा रहे हैं. इससे बिक्री गिर गयी है, जिससे यहां के दुकानदार परेशान हैं. सबसे ज्यादा परेशानी उन फुटपाथ दुकानदारों को हो रही है, जो रोज कमाते-खाते हैं.
झारखंड फुटपाथ दुकानदार संघ के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता के अनुसार, मेन रोड के दोनों ओर अलबर्ट एक्का चौक से सुजाता चौक तक रोजाना करीब 2000 से ज्यादा फुटपाथ दुकानें लगती हैं. हर दुकानदार रोजाना लगभग 2000 से 2500 की बिक्री करता है, जिससे उसकी 500 से 700 रुपये की आमदनी होती है. इस लिहाज से यहां केवल फुटपाथ दुकानदारों का रोजाना का 50 लाख रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हो रहा है. इधर, बुधवार को पांच घंटे लिए खुली फुटपाथ दुकानों में इक्का-दुक्का खरीदार नजर आये. लेकिन, फुटपाथ दुकानदार कह रहे हैं कि अगर हालात जल्द सामान्य नहीं हुए, तो उनके लिए घर चलाना भी मुश्किल हो जायेगा. क्योंकि, मॉनसून के दौरान वैसे भी फुटपाथ दुकानदारों की बिक्री कम हो जाती है.
मे न रोड के उपद्रव से कपड़ा सिलने वाले टेलरों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है. डेली मार्केट, हिंदपीढ़ी और उर्दू लाइब्रेरी बाजार में स्थित कई टेलरों की दुकानों में फिलहाल लगन के मद्देनजर कुर्ता-पायजामा, सूट और शर्ट-पैंट की सिलाई ऑर्डर पड़ा हुआ है. उर्दू लाइब्रेरी बाजार के एक टेलर मास्टर नुरूल इस्लाम ने बताया कि पिछले पांच दिन दुकान बंद होने से उन्हें काम पूरा कर देने में दिक्कत हो रही है. एक टेलर दुकान में कम से कम दो कारीगर काम करते हैं. उपद्रव के बाद कई कारीगर अपने घर चले गये हैं.
उपद्रव के बाद से ही मेन रोड में ई-रिक्शा और पैडल नहीं चल रहे हैं. मेन रोड के ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि उनके पास दूसरे रूट का परमिट नहीं है. अगर ट्रैफिक पुलिस ने दूसरे रूट में पकड़ लिया, तो जुर्माना भी लगेगा. सड़कों पर इक्का-दुक्कता पैडल रिक्शा भी हैं, लेकिन उनकी भी फांकाकशी चल रही है. इधर, चर्च रोड की तरफ से ऑटो का परिचालन भी बंद है, जिससे ऑटो चालकों को भी दिक्कत हो रही है. हालांकि, बुधवार से मेन रोड में सिटी बसों के चलने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है.
कोकर-लालपुर मार्ग में डिस्टिलरी पुल के समीप बने वेंडर मार्केट में 200 से अधिक दुकानदारों को बसाया जायेगा. इस मार्केट के निचले तल्ले पर मांस-मछली के दुकानदारों और ऊपर के फ्लोर में सब्जी दुकानदारों को बसाया जायेगा. उम्मीद है कि इसके बाद कोकर-लालपुर मार्ग भी पूरी तरह जाममुक्त हो जायेगा.
मॉनसून के दस्तक देते ही शहर के सब्जी विक्रेता सहम गये हैं. क्योंकि नगर निगम ने वादा तो कर दिया है, लेकिन अब तक इनके लिए स्थायी शेड का इंतजाम नहीं किया है. यानी इन सब्जी विक्रेताओं को पूरे मॉनसून के दौरान इन्हें खुले आसमान के नीचे ही दुकान लगानी होगी. बारिश से बचाव के लिए इनके पास छाता और तिरपाल लगा कर काम चलाना होगा. लालपुर-कोकर, मोरहाबादी मैदान से लेकर अन्य बाजारों का हाल यही है. जहां स्थायी शेड बन कर तैयार हैं, उन्हें भी शुरू करने में नगर निगम कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है.
नगर निगम ने फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित करने के लिए कोकर डिस्टिलरी पुल और मोरहाबादी में वेंडर मार्केट का निर्माण शुरू किया गया है. नगर निगम की मानें तो कोकर में वेंडर मार्केट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस माह के अंत तक यहां दुकानदारों के शिफ्टिंग की तैयारी है. वहीं, मोरहाबादी में मार्केट निर्माण का कार्य पिछले ही माह शुरू हुआ है. इसे तैयार होने में अभी एक साल का समय लगेगा. माेरहाबादी के इस नये मार्केट में सभी फूड वैन संचालकों व ठेला खोमचा लगानेवालों को दुकानें आवंटित की जायेंगी.
नगर निगम ने फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित करने के लिए कोकर डिस्टिलरी पुल और मोरहाबादी में वेंडर मार्केट का निर्माण शुरू किया गया है. नगर निगम की मानें तो कोकर में वेंडर मार्केट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस माह के अंत तक यहां दुकानदारों के शिफ्टिंग की तैयारी है. वहीं, मोरहाबादी में मार्केट निर्माण का कार्य पिछले ही माह शुरू हुआ है. इसे तैयार होने में अभी एक साल का समय लगेगा.
Also Read: Jharkhand News: छह माह से राशन नहीं उठा रहे 2.85 लाख लाभुक, खाद्य आपूर्ति विभाग ने कही ये बात