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Monsoon Session : 2584.82 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पेश, कोरोना को लेकर आपदा प्रबंधन के लिए 912.33 करोड़ के प्रावधान का प्रस्ताव

सरकार ने विधानसभा के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में चालू वित्तीय वर्ष(Financial Year) 2020-21 के लिए 2584.82 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट (Supplementary budget) पेश किया. सरकार की ओर से पेश किये गये प्रथम अनुपूरक में राजस्व खर्च के लिए 2484.05 करोड़ रुपये और पूंजीगत खर्च के लिए 100.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

रांची : सरकार ने विधानसभा के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में चालू वित्तीय वर्ष(Financial Year) 2020-21 के लिए 2584.82 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट (Supplementary budget) पेश किया. सरकार की ओर से पेश किये गये प्रथम अनुपूरक में राजस्व खर्च के लिए 2484.05 करोड़ रुपये और पूंजीगत खर्च के लिए 100.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. अनुपूरक बजट पारित करने के बिंदु पर 22 सितंबर को चर्चा होगी. सरकार द्वारा पेश किये गये प्रथम अनुपूरक बजट में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मद्देनजर सबसे ज्यादा 912.33 करोड़ रुपये का प्रावधान आपदा प्रबंधन विभाग के लिए किया गया है.

कोविड-19 के दौरान रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्रामीण विकास विभाग के लिए 548.86 करोड़ रुपये और शहरी रोजगार योजना को क्रियान्वित करने के लिए नगर विकास विभाग के लिए 363.00 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कुल 2584.82 करोड़ के अनुपूरक बजट में चार्जड एक्सपेंडिचर के रूप में 5.04 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

अनुपूरक बजट पारित करने के बिंदू पर 22 को चर्चा

कार्यमंत्रणा समिति गठित : रांची. झारखंड विधानसभा में मॉनसून सत्र के सुचारू संचालन के लिए कार्य मंत्रणा समिति का गठन किया गया है. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, सीपी सिंह, सुदेश कुमार महतो, सरयू राय, चंपई सोरेन, रामेश्वर उरांव, स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम, नीलकंठ सिंह मुंडा, प्रदीप यादव, विनोद सिंह, अपर्णासेन गुप्ता तथा पूर्णिमा सिंह को रखा गया है.

सभापति बनाये गये : सदन में विधानसभा अध्यक्ष को सहयोग करने के लिए कई विधायकों को सभापति बनाया गया है. इसमें प्रो स्टीफन मरांडी, रामचंद्र चंद्रवंशी, डॉ सरफराज अहमद, सीता मुरमू और अनंत ओझा शामिल हैं.

पांच अध्यादेश सदन में चर्चा के लिए पेश : विधानसभा सत्र के पहले दिन हेमंत सोरेन की झारखंड सरकार ने पांच अध्यादेश सदन में पेश किया. सदन से पारित होने के बाद यह कानून का रूप लेगा. हेमंत सोरेन की सरकार ने कैबिनेट से अनुमोदन के बाद अध्यादेश के रूप में इसे लागू किया है. छह माह के अंदर इसको सदन से पारित कराने की बाध्यता है. सरकार ने सदन में झारखंड माल और सेवा कर (कतिपय प्रावधानों में छूट) अध्यादेश-2020, झारखंड मूल्य वर्द्धित कर (संशोधन) अध्यादेश-2020, झारखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश-2019 के साथ-साथ झारखंड राज्य मोटर वाहन करारोपण (संशोधन) अध्यादेश-2020 तथा द झारखंड मिनिरल बियरिंग लैंड्स (कोविड-19) पेंडामिक सेस आर्डिनेंस-2020 है. द झारखंड मिनिरल बियरिंग लैंड्स (कोविड-19) पेंडामिक सेस आर्डिनेंस-2020 में झारखंड में खनन करनेवाली कंपनियों पर कोविड-19 के दौरान सेस लगाने का प्रावधान किया गया है.

इससे राज्य सरकार इस महामारी के दौरान अपनी जरूरतों पूरा कर पायेगी. कोविड-19 के दौरान ही सरकार ने झारखंड मोटरवाहन करारोपण (संशोधन) अध्यादेश-2020 लाया है. इसमें मोटर वाहन संचालन दौरान महामारी को देखते हुए कई प्रकार के नये कर का प्रावधान किया है. सोमवार और मंगलवार को सदन चलेगा. इस दौरान बिल पर चर्चा होगी. सदन के पारित होने के बाद यह कानून का रूप लेगा.

पूर्व राष्ट्रपति समेत कई को श्रद्धांजलि : विधानसभा ने मॉनसून सत्र के पहले दिन पिछले छह माह के दौरान दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी. अनुपूरक बजट और बिल पेश करने के बाद सदन ने एक-एक कर दिवंगतों को याद किया. उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया. शोक प्रस्ताव पेश करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो ने कहा कि इस दौरान हमने कई दिग्गजों को खोया है. इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, झारखंड के छत्रपति शाही मुंडा, पत्रकार रामानुजम आदि शामिल हैं.

डॉ मुखर्जी का व्यक्तित्व पार्टी लाइन से ऊपर था. हर दल में उनको सम्मान मिलता था. सदन के नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण लोगों को हम लोगों ने खोया है. इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, रघुवंश प्रसाद सिंह, मजदूर नेता राजेंद्र सिंह, कांके के पूर्व विधायक रामचंद्र बैठा भी शामिल हैं. इस बार अपने बीच से चले जानेवालों की सूची काफी लंबी है. अब तक के मेरे संसदीय इतिहास इतनी लंबी सूची नहीं थी. माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 के कारण हम इन लोगों को वैसी विदाई नहीं दे पाये, जिनके ये हकदार थे. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, रामचंद्र चंद्रवंशी, सुदेश महतो, सत्यानंद भोक्ता, प्रदीप यादव, सरयू राय व अमित यादव ने भी इसमें हिस्सा लिया.

प्रलय के बाद सृष्टि का वक्त, सदन का सदुपयोग करें : स्पीकर : मॉनसून सत्र में स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि पूरा विश्व कोरोना महामारी से गुजर रहा है. दिसंबर से इस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद यह विभिषिका ने विकराल रूप ले कर जीवन को गतिहीन बना दिया. प्रलय के बाद सृष्टि का वक्त है. हमें परस्पर एक साथ बढ़ना होगा. यह सत्र छोटा है, लेकिन यह सार्थक व सदुपयोगी होगा. सभी सदस्य इसमें सहयोग करें और समय का सुदपयोग करें. स्पीकर ने कहा कि कोरोना के बाद कई नयी समस्या सामने आयी हैं.

इसके निदान का रास्ता निकलना चाहिए. हमें यह प्रयास करना होगा कि हमारे जिन नौनिहालों की पढ़ाई बाधित हुई है, उनके अधूरे शिक्षण कार्य की भरपाई हो. हमें रोजगार के नये अवसर तलाश करने होंगे. हमें फिर से उठ खड़ा होना है. निर्माण की नयी दिशा तय करने के नेतृत्व सामने आया है. उन्होंने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने में सरकार की भूमिका की सराहना की. हमारे मजदूर महानगरों में लॉकडाउन मेें फंस गये थे. हेमंत सोरेन ने दृढ़ निश्चय का परिचय दिया. घर वापसी का प्रबंध किया.

Post by : Pritish Sahay

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