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UPSC Result: जमशेदपुर की श्रुति राज लक्ष्मी को मिला 25वां रैंक, झारखंड के अन्य टॉपर्स को जानें

संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम सोमवार को जारी कर दिया है. झारखंड के कई प्रतिभागी टॉपर हुए हैं. जमशेदपुर की श्रुति राज लक्ष्मी को जहां 25वां रैंक मिला है, वहीं अन्य प्रतिभागियों ने भी बेहतर परिणाम लाये हैं.

UPSC Result: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission- UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है. झारखंड के जमशेदपुर की श्रुति राज लक्ष्मी को जहां 25वां रैंक मिला है, वहीं देवघर के उत्सव आनंद को 26वां रैंक, आयुष बैंकट को 74वां रैंक और चिरंजीव आनंद को 126वां मिला है. इसके अलावा गिरिडीह शहरी क्षेत्र के गद्दी मुहल्ला निवासी रवि कुमार को 38वां रैंक, गढ़वा की नम्रता चौबे को 73वां रैंक, सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर निवासी सुमित कुमार ठाकुर को EWS कटगरी में 263वां रैंक, लातेहार के मनीष को 246वां रैंक, रजरप्पा निवासी दिव्या पांडेय को 323वां रैंक, धनबाद स्थित छाताबाद के उमर नाजिश को 344वां रैंक, पलामू जिले के पांडु निवासी कुमार सौरभ को 357वां रैंक और गुमला के घाघरा निवासी अंकित बड़ाइक को 667वां रैंक प्राप्त हुआ है.

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पहले प्रयास में रजरप्पा की बेटी दिव्या को मिला 323वां रैंक

रामगढ़ जिले के रजरप्पा प्रोजेक्ट निवासी दिव्या पांडेय ने यूपीएससी की परीक्षा में 323वां रैंक लाकर रजरप्पा क्षेत्र का मान बढ़ायी है. दिव्या के इस उपलब्धि से इनके परिजनों में जहां उल्लास है, वहीं पूरे रजरप्पा क्षेत्र में हर्ष का माहौल है. दिव्या को पहले प्रयास में सफलता मिली है. प्रभात खबर से बातचीत में दिव्या ने कहा कि वर्ष 2021 में RBI असिस्टेंट के लिए परीक्षा दी थी. जिसमें इंटरव्यू के दौरान मुझे डिसक्वालीफाई कर दिया गया था. इसमें बाद कुछ बड़ा करने को ठानी और यूपीएससी की पढाई में जुट गयी. वह इसके लिए अपनी बड़ी बहन, यूट्यूब एवं संबंधित किताबों से सामग्री जुटा कर पढ़ाई शुरु की और सफलता पायी. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं पूरे परिजनों को दिया. उन्होंने बताया कि झारखंड में पली-बढ़ी हूं. कैडर चुनने के बारे में कहती है कि झारखंड, बिहार, यूपी एवं दिल्ली का कैडर चुनी हूं. जहां भी मुझे कार्य करने का मौका मिलेगा, मैं वहां अपना बेहतर देने का प्रयास करूंगी.

कोल माफिया से संबंधित पूछे गये थे सवाल

दिव्या जब कोयला क्षेत्र में रहने की जानकारी साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों को दी, तो इस दौरान इनसे कोयला उद्योग एवं कोयला माफियाओं से संबंधित सवाल पूछे गये. इसका जवाब उन्होंने काफी सरलता से दी. उन्होंने बताया कि साक्षात्कार में मुझसे छह प्रश्न पूछे गये थे. जिसमें से चार प्रश्नों का जवाब मैंने दी थी.

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सोशल मीडिया से रही दूर

आज कल के युवा और छात्र जहां मोबाइल से चिपके रहते हैं. वहीं, दिव्या इससे दूर रही वह अपने फोन से फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम को ऑनस्टॉल कर रखी थी. उन्होंने बताया कि वे प्रतिदिन 16 से 17 घंटा पढ़ाई करती थी. उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर आप कहीं से भी कोचिंग करते हैं, तो वहां से सिर्फ गाइडेंस मिलता है. आपको खुद से ही अध्ययन करना होगा, तो ही इसमें सफलता मिलेगी. उन्होंने छात्रों से कहा कि मन में अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है.

इससे बड़ी खुशी नहीं मिल सकती है

दिव्या के माता-पिता ने कहा कि आज का दिन हमलोगों के लिए ऐतिहासिक है. बेटी ने जो उपलब्धि पायी है, इससे बड़ी खुशी नहीं मिल सकती है. वहीं, माता-पिता ने बताया कि घर का सभी काम करते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास करना बड़ी बात है. माता-पिता एवं परिजनों ने दिव्या को मिठाई खिला कर बधाई दी है.

दिव्या का एक भाई और एक बहन है

दिव्या के पिता जेपी पांडेय रजरप्पा प्रोजेक्ट से वर्ष 2016 में शॉवेल ऑपरेटर के पद से सेवानिवृत्त हुए है. जबकि इनकी मां मनोरमा पांडेय गृहणी है. दिव्या का एक भाई व एक बहन है. दिव्या की बड़ी बहन प्रियदर्शिनी पांडेय भी दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास की है. लेकिन इन्हें इंटरव्यू में सफलता नहीं मिली. जबकि इसका छोटा भाई सिद्धार्थ पांडेय पढ़ाई कर रहा है.

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डीएवी रजरप्पा से की 10वीं और 12वीं की पढ़ाई

दिव्या डीएवी पब्लिक स्कूल रजरप्पा प्रोजेक्ट से 2010 में 61 फीसदी अंक के साथ दसवीं की परीक्षा एवं 2012 में कला संकाय से 60 फीसदी अंक के साथ बारहवीं की परीक्षा पास की थी. इसके बाद वह रांची विश्वविद्यालय से 2015 में बीबीए व 2018 में एमबीए की है.

रजरप्पा के पूर्व महाप्रबंधक समेत डीसी उपायुक्त का किया आभार

दिव्या ने बताया कि महत्वपूर्ण समय में रजरप्पा के पूर्व महाप्रबंधक आलोक कुमार, रामगढ़ उपायुक्त माधवी मिश्रा, रजरप्पा प्रोजेक्ट के चंदेश्वर सिंह, आशुतोष साव ने मार्गदर्शन दिया. जिसका लाभ मुझे साक्षात्कार में मिला. इसके लिए उन्होंने इन सभी का आभार प्रकट की.

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पलामू के पांडू निवासी सौरभ पांडेय का यूपीएससी में हुआ चयन

पलामू जिला अंतर्गत पांडू के स्वर्गीय दिलीप कुमार पांडेय का पुत्र सौरभ कुमार पांडेय का यूपीएससी में चयन हुआ है. सौरभ को 357वां रैंक हासिल हुआ है. सौरभ की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई है, इसके बाद 7वीं से 10वीं तक की पढ़ाई विश्रामपुर के भागमनी चंद्रवंशी पब्लिक स्कूल से किया है. इसके बाद 10वीं से 12वीं तक कि पढ़ाई राजकीयकृत प्लस टू कल्याण उच्च विद्यालय से किया है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स की पढ़ाई की. इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गये. सौरभ के पिता दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में कार्यरत थे, लेकिन कैंसर की बीमारी से पीड़ित होने के कारण उनकी वर्ष 2012 में मृत्यु हो गयी. पति के मौत के बाद सौरभ की मां किरण पांडेय के सामने चुनौती थी कि दो बच्चे के भरण- पोषण और पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेवारी कैसे पूरी होगी. पति के मौत के बाद किरण पांडेय अपने दोनों बच्चे को लेकर अपने गांव पांडू आ गयी. इसके बाद से दोनों बच्चे की पढ़ाई पांडू में ही होने लगी. सौरभ की बड़ी बहन साक्षी पांडेय बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपने भाई को पढ़ाई कराती थी. सौरभ पांडेय ने बताया कि इस सफलता में बहन साक्षी पांडेय का अहम योगदान रहा है.

गुमला के अंकित बड़ाइक को मिला 667वां रैंक

गुमला जिले के घाघरा प्रखंड निवासी अंकित बड़ाइक ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 667वां रैंक प्राप्त कर सफलता हासिल किया है. प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वर्गीय संजीवन बड़ाइक के पुत्र अंकित बड़ाइक ने सफलता प्राप्त कर प्रखंड एवं जिले का नाम रोशन किया है. अंकित ने प्राथमिक शिक्षा प्रखंड मुख्यालय स्थित सर्वेश्वरी बाल मंदिर से प्राप्त किया है. इसके बाद राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, घाघरा में पढ़ाई के दौरान नेतरहाट आवासीय विद्यालय में चयन हुआ. नेतरहाट विद्यालय में पढ़ाई की. इसके बाद रांची के जेभीएम श्यामली से इंटर की पढ़ाई की. जिसके बाद बीएचयू से आइआइटी किया. उसके बाद दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगे. इसी दौरान अंकित ने पहली प्रयास में सफलता हासिल की. यहां बता दें कि अंकित के पिता स्वर्गीय संजीवन बड़ाइक जो एमबीबीएस डॉक्टर थे. जिन्होंने पढ़ाई को सर्वोपरि रखा और एक मिशाल कायम की.

अंकित की बहन है बीडीओ

अंकित बड़ाइक की बहन नुपूर बड़ाइक भी छठी जेपीएससी पास कर बीडीओ बनी है. अंकित ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता संजीवन बड़ाइक, मां भारती बड़ाइक के साथ-साथ अपने शिक्षक व सहपाठियों को दिया है. अंकित ने बताया कि पढ़ाई से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया. रूटीन के अनुसार पढ़ाई को निरंतर जारी रखा. पहली प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास किया. अंकित की मां भारती बड़ाइक ने कहा आज मुझे बहुत ही खुशी है कि मेरा बेटा यूपीएससी परीक्षा पास कर घाघरा के साथ-साथ पूरे जिले का नाम रोशन किया. बधाई देने वालों में शिवकुमार भगत टुनटुन, अमित नाग, बॉबी भगत, आलोक उरांव, ऋषि महापात्रा, सोनू साहू, पुरुषोत्तम साहू, नीरज जायसवाल, सोनू जायसवाल, कुमार अनिल, मुरली मनोहर सिंह, शिवकुमार शौर्य, रंजीत सिंह, सहित दर्जनों प्रखंड वासियों ने अंकित को बधाई दिया है.

Posted By: Samir Ranjan.

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