बिहार के कैमूर जिला में शिक्षा विभाग ने बीते चार-पांच दिनों में जिले के कुल 19076 छात्रों का नामांकन नियमित नहीं आने की वजह से रद्द कर दिया है. नाम काटने से पहले इस बात की जानकारी छात्रों के अभिभावकों को देते हुए कहा गया कि बच्चों को नियमित स्कूल भेजें. लेकिन इस बात को न तो छात्रों ने और न ही अभिभावकों ने गंभीरता से लिया. जिसके बाद प्रबंधन ने ऐसे छात्र-छात्राओं को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई करते हुए नाम काट दिया है. जिले में इसी तरह हर रोज दर्जनों छात्रों का नामांकन विद्यालय द्वारा रद्द किया जा रहा, जिसकी सूची भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध करायी जा रही है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिला व जिला द्वारा विभाग को प्रतिदिन छात्रों के नामांकन रद्द से संबंधित सूची उपलब्ध करायी जा रही है.
10वीं व 12वीं में नामांकन रद्द होने वाले वार्षिक परीक्षा से होंगे वंचित
अपर मुख्य सचिव के आदेश पर शिक्षा विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाकर 15 दिनों तक विद्यालय नहीं आने वाले छात्रों का नामांकन रद्द किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के आदेश पर अभी तक विद्यालयों में छात्रों के रद्द किए गए नामांकन के आंकड़े पर नजर डालें, तो 10वीं में 2586, 12वीं में 815 छात्र-छात्राओं का नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की गयी है, यानी जिन छात्रों को नामांकन रद्द किया गया है. ऐसे छात्र इस वर्ष आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षा से भी वंचित रह जायेंगे. हालांकि, विभाग का आदेश है कि जो छात्र 75 प्रतिशत विद्यालय में उपस्थित नहीं होंगे, उनका परीक्षा फॉर्म नहीं भरा जायेगा, ना ही वार्षिक परीक्षा देंगे. लेकिन, इससे पहले ही विद्यालय द्वारा बड़ी कार्रवाई की गयी है. जिले में मैट्रिक व 12वीं में पढ़ने वाले तीन हजार से अधिक छात्रों का नामांकन रद्द किया गया है.
10वीं व पांचवीं के छात्रों का सबसे ज्यादा हुआ नामांकन रद्द
शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजी जा रही छात्रों के नामांकन रद्द से संबंधित सूची में अभी तक जिले के सबसे ज्यादा नामांकन रद्द 10वीं व पांचवीं में पढ़ने वाले छात्रों का किया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा विभाग को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार, 10वीं में अभी तक 2586 छात्रों का नामांकन रद्द किया गया है. वहीं, वर्ग पांचवीं में 2078 छात्रों का नामांकन रद्द किया गया है. सबसे कम वर्ग एक में पढ़ने वाले 598 छात्रों का नामांकन रद्द किया गया है.
मैट्रिक व 12वीं में नामांकन रद्द होने से छात्रों में हड़कंप
विद्यालय नहीं जाकर कोचिंग संस्थान के सहारे कोर्स पूरा करने वाले छात्रों में भी विद्यालय प्रबंधन द्वारा लगातार नामांकन रद्द होने की कार्रवाई को देखते हुए हड़कंप मच गया है व छात्र बेचैन दिख रहे हैं कि विद्यालय के टाइम पर कोचिंग संचालन किया जा रहा है. कोचिंग करें या विद्यालय में जाकर पठन-पाठन करें. यह छात्रों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. गौरतलब है कि जिले के कोचिंग संचालकों द्वारा पूरे दिन मैट्रिक व इंटर की छात्रों की क्लास ली जा रही है. इधर, विद्यालय की टाइम पर कोचिंग संचालन होने के चलते छात्रों में अब असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि कोचिंग में पढ़ाई करें या विद्यालय में जाकर पढ़ाई करें.
शपथ पत्र देने पर एक बार मिलेगा मौका
विद्यालय से नाम कटने की जानकारी मिलने के बाद कई अभिभावक स्कूल पहुंचने लगे. अभिभावकों ने बच्चों का नाम फिर से जोड़ने का आग्रह किया. जिस पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा उन्हें बताया गया कि अगर वो बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की जानकारी देते हुए शपथ पत्र देते हैं तो बच्चों का नाम वापस से जोड़ लिया जाएगा. लेकिन नाम जुड़ने के बाद बच्चों को नियमित स्कूल आना होगा. अगर शपथ पत्र देने के बाद भी बच्चे नियमित स्कूल नहीं आते हैं तो दुबारा उनका नाम नहीं जोड़ा जाएगा.
केके पाठक ने अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नाम काटने का जारी किया था आदेश
गौरतलब है कि बीते दिनों विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा एक आदेश दिया गया था. जारी निर्देश में कहा गया था कि विद्यालय में छात्र अगर लगातार तीन दिन नहीं आ रहे हैं, तो ऐसे छात्रों को चिह्नित कर नोटिस दिया जायेगा. नोटिस के बाद भी अगर छात्र-छात्राएं 15 दिनों तक विद्यालय नहीं आ रहे हैं, तो ऐसे छात्र-छात्राओं पर कार्रवाई करते हुए नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की जाये. इधर, विभाग द्वारा आदेश के बाद विद्यालय से अनुपस्थित रहने वाले छात्रों की नामांकन प्रतिदिन रद्द करते हुए सूची विभाग को उपलब्ध करा दी जा रही है.
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