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वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के निर्माण में आ सकती है बाधा, किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी, जानें कारण

किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण का दर क्या होगा, यह भी किसानों को नहीं बताया गया है. किसानों को अंदेशा है कि सरकार उन्हें मार्केट वैल्यू से भी कम का मुआवजा देगी. इसी बात को लेकर किसान काफी आक्रोशित हैं.

वाराणसी से रांची होते हुए कोलकाता तक बनने वाली एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा है. इसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. वहीं, किसानों का कहना है कि वे एक्सप्रेस-वे का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में हो रही धांधली का विरोध कर रहे हैं. प्रखंड के किसान जिनकी जमीन एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहण की जा रही है, वे सभी शनिवार को चैनपुर थाना के समीप स्थित दुर्गा मंदिर में इकट्ठा हुए. यहां सिकंदरपुर के किसान अनुपम पांडे की अध्यक्षता में सभी किसानों ने बैठक कर उचित मुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

अधिग्रहण कार्य के बारे में किसानों से बातचीत नहीं की गयी

अनुपम पांडे ने कहा कि चैनपुर के किसान एक्सप्रेस-वे के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जमीन का अधिग्रहण तो शुरू कर दिया गया, लेकिन इससे संबंधित जानकारी किसी भी किसान को नहीं दी गयी. जगरिया के किसान संजय सिंह ने बताया कि सभी किसान खेती करते हैं, ना की जमीनों का व्यापार. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए चल रहे अधिग्रहण कार्य के बारे में किसानों से बातचीत ही नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि सभी किसानों की मांग है कि एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ सर्विस लेन बनायी जाये, ताकि किसानों को खेत तक पहुंचने में कोई परेशानी ना हो, साथ ही एक्सप्रेसवे बनने के बाद सिंचाई की समस्या उत्पन्न होगी. इसके लिए एक्सप्रेस-वे के नीचे पानी के बहाव के लिए स्थान दिया जाये, ताकि खेतों की सिंचाई सुचारू रूप से हो सके.

किसानों को नहीं पता भूमि अधिग्रहण का दर

किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण का दर क्या होगा, यह भी किसानों को नहीं बताया गया है. किसानों को अंदेशा है कि सरकार उन्हें मार्केट वैल्यू से भी कम का मुआवजा देगी. इसी बात को लेकर किसान काफी आक्रोशित हैं. सभी किसानों का कहना है कि उनके जीविकोपार्जन का साधन एकमात्र खेती ही है और इसी खेती से वह अपने परिवार के भरण पोषण के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाने का कार्य करते हैं.

बगैर नोटिस दिये ही एक्सप्रेस-वे का सीमांकन किया जा रहा

बैठक में मौजूद किसानों ने कहा कि बिना किसानों को सूचना दिये या बगैर नोटिस दिये ही एक्सप्रेस-वे का सीमांकन किया जा रहा है. इसके लिए खेतों में पाइलिंग भी की जा रही है. किसानों ने बताया कि जब किसी से बात करने का प्रयास किया जाता है, तो कोई बात करने को भी तैयार नहीं है. 2013 के बाद 2023 में एक्सप्रेस-वे के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण में यदि वही रेट दिया जायेगा, तो सभी किसान आंदोलन को बाध्य होंगे.

कैमूर के इन गांवों से होकर गुजरेगी एक्सप्रेस-वे

काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी से शुरू होकर रांची होते हुए कोलकाता तक जाने वाली भारत माला परियोजना के तहत बनने वाली यह एक्सप्रेस-वे जिले के कई गांवों से होकर गुजरेगी. एक्सप्रेस-वे जिले में चांद प्रखंड के गोईं में प्रवेश करेगी. यहां से जिगना, सिहोरिया, खराटी, बघेला, पिपरिया, मोरवा होते हुए चैनपुर प्रखंड में प्रवेश करेगी. यहां एक्सप्रेस-वे चैनपुर प्रखंड के सीरबीट, मसोई, सिकंदरपुर, मानपुर, दुलहरा होते हुए भभुआ प्रखंड में प्रवेश करेगी. भभुआ में ये मानिकपुर, देवरजी कला, बेतरी, कूड़ासन, सारंगपुर, पलका, भभुआ, सीओ, माधवपुर, धरवार, सेमरा, भगवानपुर के अकोढ़ी, दादरा, महिंद्रवार, रामपुर प्रखंड के दुबौली, पसाईं, बसुहारी, सोनारा, अकोढ़ी पछहरा, गंगापुर, वसीनी, ठकुरहट, सवार होते हुए रोहतास जिले में प्रवेश करेगी.

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चार राज्यों से होकर गुजरेगी एक्सप्रेस-वे

भारत माला परियोजना के तहत बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे चार राज्यों से गुजरेगी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस-वे बिहार, झारखंड की राजधानी रांची होते हुए पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता तक पहुंचेगी. इस प्रकार चार राज्यों को यह एक्सप्रेस-वे जोड़ेगी. कैमूर में जहां यह एक्सप्रेसवे चांद, चैनपुर, भभुआ, भगवानपुर व रामपुर से तो रोहतास में यह एक्सप्रेस-वे चेनारी, शिवसागर, सासाराम, तिलौथू प्रखंड से गुजरेगी.

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