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बिहार: फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहा शिक्षक सेवामुक्त, इंटर में कम नंबर आने पर मुखिया से कराया था नियोजन

भगवानपुर प्रखंड की मोकरम पंचायत स्थित अरारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक नंदकिशोर भारती ने 2005 में इंटरमीडिएट में तृतीय श्रेणी प्राप्त रहने के बावजूद पंचायत के मुखिया से मिलीभगत कर फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर अपना नियोजन करा लिया था.

कैमूर में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करना एक शिक्षक को महंगा पड़ गया है. शिक्षक नंदकिशोर भारती को पठन-पाठन कार्य से छुट्टी दे दी गयी है, यानी प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा शिक्षक का नियोजन रद्द करते हुए सेवा मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. हालांकि, जारी किये गये आदेश में प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा मानवता के आधार पर शिक्षक से पठन-पाठन कार्य के दौरान विभाग द्वारा दिये गये रुपये को वापस नहीं लेने का आदेश जारी किया गया है. नंदकिशोर भारती जिले के भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के अरारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

इंटर में कम मार्क्स रहने पर मुखिया से करा लिया था नियोजन

दरअसल, भगवानपुर प्रखंड की मोकरम पंचायत स्थित अरारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक नंदकिशोर भारती ने 2005 में इंटरमीडिएट में तृतीय श्रेणी प्राप्त रहने के बावजूद पंचायत के मुखिया से मिलीभगत कर फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर अपना नियोजन करा लिया था. शिक्षक का नियोजन होने के बाद ग्रामीण आलोक रंजन द्वारा नियोजन इकाई को आवेदन दिया गया व बताया गया कि शिक्षक नंदकिशोर भारती का इंटरमीडिएट में रिजल्ट 42 प्रतिशत है. जबकि, प्रावधान है कि 45 प्रतिशत से कम जिनका रिजल्ट है ऐसे अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं करना है.

शिकायत मिलने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने दर्ज कराई शिकायत

इधर, आलोक रंजन द्वारा दिये गये आवेदन पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उक्त मामले की जांच करायी गयी. जांच के दौरान शिक्षक से स्पष्टीकरण भी पूछा गया. स्पष्टीकरण के दौरान शिक्षक द्वारा जवाब में कहा गया कि मेरा रिजल्ट इंटरमीडिएट में 42 प्रतिशत है. वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उक्त मामले की जांच की गयी.

डीपीओ ने शिक्षा विभाग से मांगा था मार्गदर्शन

जांच के बाद रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या 1458 के कंडिका 5, 6 में नियोजन हेतु न्यूनतम अर्हता इंटरमीडिएट अथवा समकक्ष परीक्षा में 45 प्रतिशत होना अनिवार्य दिखाया गया है. साथ ही डीपीओ स्थापना से भी इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं दिया गया कि किस संकल्प के आधार पर शिक्षक की नियुक्ति की गयी है. हालांकि, उक्त सभी बिंदुओं पर नियोजन इकाई द्वारा कागजात व साक्ष्य की जांच की गयी.

नियोजन इकाई ने शिक्षक को किया सेवामुक्त

साक्ष्य की जांच के दौरान नियोजन इकाई द्वारा निर्णय लिया गया कि शिक्षक की अर्हता के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य था, लेकिन नंदकिशोर भारती का इंटरमीडिएट में 45 प्रतिशत अंक नहीं था. इसलिए नियोजन इकाई विचार करने के बाद निर्णय लेती है कि नंद किशोर भारती द्वारा नियम के विरुद्ध अपना नियोजन कराया गया है, जो की गलत है. नंद किशोर भारती का नियोजन रद्द किया जाता है और यह आदेश दिया जाता है कि नंद किशोर भारती द्वारा जो पठन-पाठन का कार्य किया गया है, उसका मानदेय मानवता के आधार पर दिया जायेगा. हालांकि, आदेश के निर्गत तिथि से इनका नियोजन मान्य नहीं होगा.

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क्या बोले अधिकारी…

इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रखंड नियोजन इकाई सह प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी सुशेंद्र पाल सिंह ने कहा कि अरारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय में कार्यरत शिक्षक नंदकिशोर भारती का नियोजन रद्द कर दिया गया है. शिक्षक द्वारा इंटरमीडिएट में 42 प्रतिशत मार्क्स रहने के बाद भी पंचायत नियोजन इकाई से मिलीभगत कर अपना नियोजन कराया था, जहां जांच में मामला सही पाये जाने पर यह कार्रवाई की गयी है.

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