Kanpur News: कानपुर देहात की माती कचहरी में कई दिनों से वकीलों की हड़ताल के कारण एक बार फिर बिकरू कांड की सुनवाई टल गई. कई तारीखों से आरोपियों पर चार्ज फ्रेम नहीं हो पा रहे हैं. अब मामले की सुनवाई 9 मई को होगी. बिकरू कांड की सुनवाई एडीजे एंटी डकैती की कोर्ट में चल रही है. सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में 37 आरोपियों पर आरोप तय किए जाने हैं. पहले ही लंबे समय तक यह केस डायरी के पेंच फंसा रहा जिसके कारण आरोप तय नही हो सके.
आपको बता दें कि 2 जुलाई 2020 की आधी रात 12:45 बजे बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी थीं. पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. अभी 45 आरोपी जेल में बंद हैं और केस का ट्रायल जारी है. दो जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था.
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एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई. यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे, घर पर पुलिस को रोकने के लिए जेसीबी लगाई थी. पुलिस के पहुंचते ही बदमाशों ने उनपर छतों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं. चंद मिनटों में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर ये सभी फरार हो गए थे. जिसके बाद गांव वालों में दहशत भर गई.
देश को हिला देने वाली वारदात के बाद तीन जुलाई की सुबह सबसे पहले पुलिस ने विकास के रिश्तेदार प्रेम कुमार पांडेय और अतुल दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया. यहीं से एनकाउंटर पर एनकाउंटर शुरू हुए. इसके बाद हमीरपुर में अमर दुबे को ढेर किया. इटावा में प्रवीण दुबे मारा गया, पुलिस कस्टडी से भागने पर पनकी में प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय मिश्रा ढेर कर दिया गया.
विकास दुबे का नौ जुलाई की सुबह उज्जैन में नाटकीय ढंग से सरेंडर हुआ था. एसटीएफ की टीम जब उसको कानपुर लेकर आ रही थी तो सचेंडी थाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में विकास मार दिया गया था. एसटीएफ ने दावा किया था कि गाड़ी पलटने की वजह से विकास पिस्टल लूटकर भागा और गोली चलाईं जवाबी कार्रवाई में वो ढेर हो गया था.