Kanpur: प्रदेश के कानपुर में लड़खड़ाती हुई बिजली व्यवस्था पर अब जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा. इसके साथ ही केस्को (Kanpur Electricity Supply Company Ltd) सात नए सब स्टेशन भी बनाएगी. नए सब स्टेशन के लिए केस्को एमडी ने प्रदेश सरकार के चार विभागों से जमीन मांगी है. इन सभी सबस्टेशनों पर 10 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा. नए सब स्टेशनों (केसा) के बन जाने के बाद शहर में इनकी संख्या 102 हो जाएगी.
दरअसल कानपुर शहर में कई सबस्टेशन पर बिजली के वोल्टेज का काफी ओवरलोड हैं. इसको देखते हुए केस्को ने सात नए सब स्टेशन बनाने प्लान तैयार किया है. इसके लिए केस्को एमडी ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद, यूपीसीडा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंट और नगर आयुक्त से जमीन मांगी है.
केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन के मुताबिक सात नए सबस्टेशन बन रहे हैं. इनके लिए चार विभागों से जमीन मांगी गई है. इनके निर्माण के बाद शहर में 102 सबस्टेशन हो जाएंगे. नए सबस्टेशन बनने से ओवरलोड सबस्टेशनों को काफी राहत मिलेगी.
बताया जा रहा है कि हैरिसगंज डिवीजन में रेलबाजार पुलिस स्टेशन के सामने, जाजमऊ में गोल्फ क्लब के सामने, हंसपुरम् में गल्ला मंडी के अंदर, दादानगर में पनकी औद्योगिक एरिया साइट नंबर दो दादानगर, जरीब चौकी डिवीजन में रायपुरवा जीआईएस, किदवई नगर में साइट नंबर वन पर ये सबस्टेशन बनाए जाएंगे.
इस बीच शहर में बिजली की समस्या लगातार जारी है. शहर में सोमवार को 24 घंटे में 194 बार ट्रिपिंग हुई. दहेली सुजानपुर समेत शहर के बारह से ज्यादा सबस्टेशन ओवरलोडिंग की समस्या से जूझे. पिछले 24 घंटे में श्यामनगर ई ब्लॉक, सी ब्लाक समेत कई मोहल्लों में कई बार बिजली आई और गई.
इसके साथ ही गंगा बैराज फीडर की आपूर्ति मरम्मत कार्य के चलते सुबह 9:40 से 11:20 बजे आपूर्ति रोकी गई. साइकिल मार्केट के पानी की टंकी कुआं व फीडर से जुड़े 10 एमवीए पावर ट्रांसफार्मर में मरम्मत के चलते सुबह 8:40 से सुबह 10:30 बजे तक शट डाउन लिया गया. दादानगर पालीमार उपकेंद्र फीडर ओवरलोडिंग के चलते दो घंटे ठप रहा.
दरअसल प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच ट्रांसफार्मर फुंकने की दर लगातार बढ़ रही है. जून में जहां हर दिन औसतन 850 ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं, वहीं जुलाई में यह दर एक हजार से ज्यादा पहुंच गई. अकेले 25 जुलाई को 1159 ट्रांसफार्मर फुकें हैं. इसमें सर्वाधिक 359 ट्रांसफार्मर पूर्वांचल में फुंके हैं. कहा जा रहा है कि उपकेंद्रों पर कैपेसिटर बैंक लगाने का प्रावधान हैं, लेकिन ज्यादातर जगह इसे नहीं लगाया गया है. जहां लगे हैं, वहां चल नहीं रहे हैं. इसे लगाकर ट्रांसफार्मर को फुंकने से बचाया जा सकता है.
प्रदेश में बिजली की खपत ने इस बार रिकॉर्ड कायम किया है. खपत की दर 28 हजार मेगावाट से अधिक होने के बाद लोकल फाल्ट बढ़ गया है. स्थिति यह है कि जून माह में जहां हर दिन करीब 850 ट्रांसफार्मर जल रहे हैं, वहीं जुलाई में इसकी दर एक हजार से अधिक हो गई है.
पूरे प्रदेश में 25 जुलाई तक 27027 ट्रांसफार्मर लगे हैं. इस वर्ष जहां हर दिन करीब 1080 ट्रांसफार्मर जल रह हैं वहीं वर्ष 2022 में जुलाई माह में हर दिन करीब 1144 ट्रांसफार्मर फुंक रहे थे. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में हर दिन ओवर लोड की वजह से 408 ट्रांसफार्मर जल रहे हैं. इसी तरह हर दिन लो आयल की वजह से 30, केबल फाल्ट की वजह से 177 और लाइन फाल्ट की वजह से 221 ट्रांसफार्मर फुक रहे हैं.
इस बीच कानपुर में केस्को में ऑनलाइन भुगतान पर रोक से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. उमस भरी गर्मी में लाइन में लगकर बिल जमा कर रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि केस्को और बैंक की गलती से आम आदमी परेशान है. वहीं, केस्को ने पत्र जारी करके ऑफलाइन तरीके से ही बिल आदि भुगतान करने की अपील की है.
पत्र में कहा गया है कि केस्को, आईसीआईसीआई बैंक के माध्यम से हो रहे ऑनलाइन भुगतान को सुरक्षित एवं उच्च तकनीकी क्षमतावृद्धि करने के लिए कार्य किया जा रहा है. इस वजह से ऑनलाइन भुगतान स्थगित किया गया है. उपभोक्ता केस्को के किसी भी नजदीकी कैश कलेक्शन सेंटर के माध्यम से बिल जमा कर सकते है.
ऑनलाइन सर्विस क्रियाशील होते ही सभी उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी. कृष्णानगर निवासी और पूर्व पार्षद मदनलाल भाटिया ने बताया कि केस्को कानपुर के निर्णय से उपभोक्ताओं की परेशानी को बढ़ गई है. शहर में छह लाख से अधिक केस्को के उपभोक्ता हैं.
उपभोक्ता करीब 45 से 50 करोड़ रुपए प्रति माह ऑनलाइन भुगतान करते हैं. वहीं किदवईनगर कलेक्शन सेंटर में बिजली का बिल जमा करने आए एक व्यक्ति ने बताया कि उपभोक्ताओं को गर्मी में लाइन में लगना पड़ रहा है. केस्को और बैंक की गलती का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है.
बिजली का बिल जमा करने, नए कनेक्शन के लिए पैसा जमा करने के लिए, खराब मीटर को बदलवाने के लिए, अपने घर, व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं औद्योगिक प्रतिष्ठान के लिए लोड बढ़ाने के लिए, खराब मीटर को चेक कराने तक के लिए उपभोक्ताओं को लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं.