Kanpur News: अभी तक आपने डकैतों को डकैती डालते सुना और देखा होगा. आप हैरान हो जाएंगे कि उत्तर प्रदेश पुलिस भी डकैती डालने में माहिर है. इन पुलिसकर्मियों ने जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली और अब डकैती जैसी घटना में शामिल हैं. इसकी एक बानगी लखनऊ में देखने को मिली जहां लखनऊ पुलिस कमिश्नरी के डीसीपी पूर्वी लखनऊ की क्राइम ब्रांच में तैनात आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ काकादेव थाना कानपुर में डकैती समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है.
कोर्ट के आदेश पर दरोगा रजनीश वर्मा, सिपाही देवकी नंदन, संदीप शर्मा, नरेंद्र बहादुर सिंह, राम निवास शुक्ला, आनंद मणि सिंह, अमित लखेड़ा, रिंकू सिंह पर डकैती, धमकी, गाली गलौज समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. एफआईआर दर्ज करने के बाद काकादेव इंस्पेक्टर ने मामले की जांच शुरू भी कर दी है. वहीं, इस पूरे मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है.
आरोप है कि बीबीए छात्र, उसके मामा और दोस्तों को उठाकर फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देकर 40 लाख रुपए वसूले गए थे. दबिश के दौरान घर से जेवरात भी लूटे गए. शिकायत करने पर तीनों के खिलाफ गोमती नगर थाने में जुआ अधिनियम में एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा गया था. सुनवाई नहीं होने पर पीड़ित ने कोर्ट का सहारा लिया. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिसकर्मियों पर रिपोर्ट दर्ज हुई.
शास्त्री नगर कानपुर के रहने वाले मयंक लखनऊ में बीबीए की पढ़ाई कर रहे हैं. मयंक के मुताबिक 24 जनवरी 2021 की शाम दोस्त जमशेद और आकाश गोयल के साथ काकादेव में चाय पी. जब मयंक और आकाश वहां से घर के लिए चले तो डबल पुलिया के पास एक स्विफ्ट डिजायर (यूपी 32 एलई 2282) और बिना नंबर वाली नीले रंग की टाटा सूमो गोल्ड रुकी. इसमें डीसीपी पूर्वी लखनऊ की क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी मौजूद थे. पुलिसकर्मी मयंक और आकाश गोयल को कार में उठा ले गए.
लखनऊ कैंट थाने में मारा पीटा. फिर हजरतगंज में मयंक के मामा के घर जाकर दुर्गा सिंह को उठा लिया. कोचिंग संचालक शमशाद को लेकर फिर कैंट थाने आए. टॉर्चर के बाद 25 जनवरी के तड़के करीब साढ़े तीन बजे सभी को लेकर पुलिसकर्मी मयंक के घर पर दबिश देती है. जहां से तीस हजार रुपए, एक हार का सेट लूटा जाता है. पुलिसकर्मियों ने खुद को फंसते देखा तो वसूली की रकम को जुए में बरामदगी दिखाई.
आरोप है कि घर में डाका डालने के बाद मयंक के परिवार वालों से आरोपी पुलिसकर्मी छोड़ने के बदले एक करोड़ मांग करते हैं. इसके बाद 40 लाख रुपए में सेटलमेंट की बात तय होती है. उसी दिन सुबह परमट चौराहे पर पुलिसकर्मी रकम लेते हैं. इसकी शिकायत डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह से की जाती है तो आरोपी पुलिसकर्मियों को भनक लग जाती है. पुलिसकर्मी साजिश के तहत दुर्गा सिंह, मयंक सिंह, शमशाद अहमद, मुस्ताक, आकाश गोयल पर जुआ अधिनियम के तहत केस दर्ज कराकर 23 लाख रुपये की रिकवरी दिखाते हैं. अब इस मामले के पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ है.
(रिपोर्ट:- आयुष तिवारी, कानपुर)