18.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने संस्थान को दान किया 100 करोड़ रुपये, जानें वजह

आईआईटी कानपुर की महत्वाकांक्षी परियोजना स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना के लिए संस्थान के ही पूर्व छात्र और इंडिगो एयरलाइन्स के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने 100 करोड़ रुपये की धनराशि दी है.

Kanpur News: आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल इंडिगो एयरलाइंस के सह-संस्थापक है. उन्होंने आईआईटी कानपुर परिसर में स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना के लिए मिलकर काम करने के लिए एक समझौता किया है. गंगवाल ने महत्वाकांक्षी परियोजना का समर्थन करने के लिए 4 अप्रैल, 2022 को आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत गंगवाल स्कूल की स्थापना में सहयोग के लिए 100 करोड़ रुपये का दान देंगे.

Undefined
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने संस्थान को दान किया 100 करोड़ रुपये, जानें वजह 3

इस स्कूल की परिकल्पना देश में चिकित्सा अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों को मिलाकर एक आदर्श बदलाव लाने के लिए आईआईटी कानपुर के प्रयास के अनुरूप की गई है. यह क्लीनिकल अनुसंधान और मेडटेक डोमेन में अकादमिक और अनुसंधान नेतृत्व का निर्माण करने की उम्मीद है. आईआईटी कानपुर संस्थान को वैश्विक संस्थानों की लीग में लाने के लिए अपनी प्रौद्योगिकी और नवाचार दक्षताओं को चिकित्सा विज्ञान के साथ मिलाएगा. यह फ्यूचरिस्टिक मेडिसिन पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) और एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के माध्यम से हासिल किया जाएगा.

Also Read: IIT Kanpur के प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला राष्ट्रीय खोसला पुरस्कार से सम्मानित, जानें वजह स्कूल के सलाहकार बोर्ड में शामिल होंगे राकेश गंगवाल

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और राकेश गंगवाल के बीच दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों और अन्य आमंत्रित लोगों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. प्रस्तावित स्कूल का नाम ‘गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी’ रखा जाएगा. राकेश गंगवाल स्कूल के सलाहकार बोर्ड में भी शामिल होंगे.

Also Read: IIT Kanpur Convocation: कॉलर वाला सूट पहन दीक्षांत में पहुंचे PM नरेंद्र मोदी, जानें क्यों खास है उनका ड्रेस?
Undefined
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने संस्थान को दान किया 100 करोड़ रुपये, जानें वजह 4

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने इस मौके पर कहा कि राकेश गंगवाल के उदार योगदान के लिए हम बेहद आभारी हैं. प्रस्तावित मेडिकल स्कूल चिकित्सा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में आईआईटी कानपुर के नवाचारों को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत को उन संस्थानों की वैश्विक लीग में पहुंचाएगा, जो मानव जाति को लाभ पहुंचाने के लिए चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी को परिवर्तित कर रहे हैं.

अपने संस्थान के साथ इस तरह के एक नेक प्रयास से जुड़ना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मुझे यह देखकर गर्व हो रहा है कि जिस संस्थान ने विभिन्न क्षेत्रों में हजारों लीडर पैदा किए हैं, वह अब स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मार्ग प्रशस्त कर रहा है. पहले से कहीं अधिक, स्वास्थ्य सेवा तकनीकी विकास के साथ जुड़ी हुई है और यह स्कूल स्वास्थ्य सेवा में नवाचार को गति देगा.
राकेश गंगवाल , पूर्व छात्र, आईआईटी कानपुर
स्कूल को दो चरणों में पूरा किया जाएगा

गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. परियोजना के पहले चरण में लगभग 8,10,000 वर्ग फुट के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ 500-बेड सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल, अकादमिक ब्लॉक, आवासीय / छात्रावास और सर्विस ब्लॉक की स्थापना शामिल होगी. पहले चरण में फ्यूचरिस्टिक मेडिसिन में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना भी शामिल होगी.

Also Read: कई बड़े शहर पीते हैं गंगा का पानी, किसान उगाते हैं सब्जियां, बहती लाशों का कितना पड़ेगा असर, आईआईटी कानपुर करेगा शोध

इस चरण को अगले 3-5 वर्षों में पूरा करने की संभावित योजना है. परियोजना के दूसरे चरण में अस्पताल की क्षमता बढ़कर 1000 बिस्तर, क्लीनिकल विभागों/केंद्रों, अनुसंधान क्षेत्रों में विस्तार, पैरामेडिकल विषयों, वैकल्पिक चिकित्सा, अस्पताल प्रबंधन, स्पोर्ट्स मेडिसन, और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा. दूसरे चरण को 7-10 वर्षों की अवधि में पूरा करने की योजना है.

1959 में हुई थी आईआईटी कानपुर की स्थापना

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी. संस्थान को 1962-72 की अवधि के दौरान अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों और प्रयोगशालाओं की स्थापना में यू.एस.ए. के नौ प्रमुख संस्थानों द्वारा सहायता प्रदान की गई थी. अग्रणी नवाचारों और अत्याधुनिक अनुसंधान के अपने रिकॉर्ड के साथ, संस्थान को इंजीनियरिंग, विज्ञान और कई अंतःविषय क्षेत्रों में ख्याति के एक शिक्षण केंद्र के रूप में दुनिया भर में जाना जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें