कानपुर.समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का कानपुर से गहरा नाता रहा है. कानपुर से ही उनको पहली बार धरतीपुत्र और भूमिपुत्र के नाम से पुकारा गया.जिसके बाद वह प्रदेश और देश मे इस नाम से जाने जाने लगे थे. नेताजी ने मुख्यमंत्री बनने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त कर कानपुर समेत प्रदेश के व्यापारियों को काफी राहत पहुंचाने का काम किया था. मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्यतिथि पर शहर के नेताओं ने उनसे जुड़ी यादें ताजा की.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र मोहन अग्रवाल उर्फ बाबूजी ने बताया कि वह नेताजी के साथ करीब 30 साल से जुड़े थे और उनका मुलायम सिंह यादव के साथ में छोटे व बड़े भाई के जैसा संबंध था. उन्होंने बताया कि मुलायम सिंह यादव ने सरकारी कार्यालय में अंग्रेजी में कामकाज बंद करने की घोषणा फूलबाग में 25 मार्च वर्ष 1990 में की थी. उसे दौरान में मुख्यमंत्री थे और डॉ राम मनोहर लोहिया स्मारक समिति के बैनर तले फूल बाग में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे.
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इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा 3/7 और चुंगी समाप्त करने का वादा 25 जुलाई 1993 को लाजपत भवन में हुई व्यापारियों की सभा में किया था. नेताजी ने कहा था कि जैसे ही सरकार बनेगी सभी समस्याएं निस्तारित होगी. चाहे उनकी बातें रिकॉर्ड कर ली जाए.जैसे ही मुलायम सिंह की सरकार बनी तो उन्होंने सबसे पहले आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त कर दिया.
मुलायम सिंह यादव को धरतीपुत्र और भूमिपुत्र का नाम कानपुर से ही मिला था. यह नाम देने वाले उनके जिगरी यार और पूर्व विधायक श्याम बिहारी मिश्रा थे. कानपुर आने पर नेताजी और श्याम दादा रिक्शा पर बैठकर पूरे शहर का हाल-चाल लेते और साथ मे ही बैठकर खाना खाते थे. नेताजी जब भी कानपुर आते थे तो वह श्याम मिश्रा और मेहरबानसिंह पुरवा में हरमोहन सिंह यादव से जरूर मिलते थे.जनवरी2007 में श्याम मिश्रा की मृत्यु होने पर नेता जी शहर आये थे.