Kanpur News: संजीत अपहरण और हत्याकांड मामले में मृतक के पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पिता का आरोप है कि पुलिस की लचर पैरवी के चलते आरोपी जमानत पर बाहर आने के बाद उनका पीछा कर रहे हैं. इसकी शिकायत उन्होंने बर्रा थाने में की थी. पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून 2020 को अपरहण करने के बाद उसके दोस्तों ने हत्या कर शव पांडु नदी में फेंक दिया था. पुलिस ने रामजी शुक्ला, ज्ञानेंद्र सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
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संजीत के पिता चमनलाल के अनुसार कुछ माह पहले आरोपी जमानत पर बाहर आए थे. बेल पर छूटने के बाद आरोपियों ने उनका पीछा शुरू कर दिया. इससे परिवार में डर बना हुआ है. मामले में परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसके बाद संजीत यादव मर्डर केस में सीबीआई ने केस दर्ज किया था. इस केस में अपहरणकर्ताओं ने परिवार से 30 लाख रुपए फिरौती की मांगी थी. परिजनों ने बदमाशों को 30 लाख रुपये की फिरौती भी दी. उसके बाद भी बदमाशों ने संजीत को मार दिया था.
अपहरण कांड में परिवार ने शासन से सीबीआई जांच की मांग की थी. शासन ने 2 अगस्त 2020 को केंद्र को सीबीआई जांच के लिए पत्र भेजा. केंद्र ने 22 सितंबर 2021 को सीबीआई जांच कराए जाने की सूचना जारी की. सीबीआई ने कानपुर के बर्रा थाने में दर्ज केस को लखनऊ के स्पेशल क्राइम ब्रांच में दर्ज किया है.
22 जून 2020 को लैब टेक्निशियन संजीत यादव का अपहरण उसके 2 दोस्तों ने कर लिया था. अपहरण में दोस्तों ने परिजनों से 4 दिन बाद 30 लाख रुपए फिरौती मांगी थी. जिसकी शिकायत परिजनों ने तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता से मामले की थी. शिकायत में परिजनों ने एसपी साउथ से फिरौती मांगने की बात कही थी, जिसमें पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए परिजनों से 30 लाख रुपये की रकम भी दिलाई थी. फिरौती की रकम लेने के बाद बदमाश पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए. बाद में संजीत की हत्या कर शव नदी में फेंक दिया. आज तक पुलिस शव पुलिस बरामद नहीं कर पाई है. पुलिस ने 2 दोस्तों समेत 4 लोगों गिरफ्तार किया था. मामले में शासन ने तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता को निलंबित भी किया था.
(रिपोर्ट: आयुष तिवारी, कानपुर)