Kanpur News: सन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगे पर कानपुर में एक ही परिवार के 7 लोगो को पेट्रोल डाल कर जिंदा जलाया गया था. एसआईटी जांच में गिरफ्तार हुए आरोपी पूर्व पार्षद उसके भाई ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह पिपिया में पेट्रोल लेकर गए थे. आरोपियों ने पहले भीड़ के साथ मे परिवार वालों को मार मार बेहोश कर दिया था. उसके बाद पूरे घर में पेट्रोल डाल कर आग के हवाले कर दिया था.
बता दें कि घर को आग के हवाले करने से एक ही परिवार के सात लोगों की जिंदा जलकर में मौत हो गई थी. वहीं गुरुवार को एसआईटी नेइस कांड के मुख्य आरोपित पूर्व पार्षद व उसके सगे भाई को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया. गोविंद नगर थाने में केस नंबर 404/84 में विशाखा सिंह उनकी पत्नी सरनकौर, बेटी गरवचन सिंह, बेटे जोगेन्द्र, गुरुचरन, छत्तरपाल और गुरुमुख सिंह की हत्या हुई थी.इस केस में गवाही पर मुख्य आरोपित पूर्व पार्षद दबौली निवासी भरत शर्मा और उसके सगे भाई योगेश शर्मा को गिरफ्तार किया गया था.
डीआईजी एसआईटी बालेन्दु भूषण सिंह का कहना है कि आरोपित भरत गुप्ता की बाईपास सर्जरी हो चुकी है. उसे डायबिटीज और बीपी भी है परिजन सुबह एसआईटी ऑफिस पहुंचे. उन्होंने मेडिकल हिस्ट्री के दस्तावेज दिखाए. बता दें कि 31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में कानपुर में 127 सिखों की हत्या की गई थी. जिसकी जांच एसआईटी कर रही है.