कानपुर सेंट्रल पर अब यात्रियों के लिए चौबीस घंटे ओपीडी की सुविधा उपलब्ध होगी. यहां यात्रियों के साथ ही आसपास मोहल्लों के लोग भी इलाज करवा सकेंगे. इसके टेंडर भी हो चुके हैं. सेंट्रल स्टेशन पर चौबीस घंटे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. इसके लिए रेलवे स्थान उपलब्ध कराएगा. वहीं, ओपीडी में गंभीर मरीज आने पर उन्हें अनुबंधित अस्पताल में रेफर किया जाएगा. ओपीडी में रेल यात्रियों और आम लोगों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में तय दरों से ही इलाज का खर्च देना होगा.
एनसीआर में पहला स्टेशन जहां प्राइवेट ओपीडी
एनसीआर के प्रयागराज मंडल का कानपुर सेंट्रल पहला स्टेशन होगा, जहां पर ओपीडी चलाने की व्यवस्था निजी हाथों में होगी. रेलवे का मानना है कि इस नई व्यवस्था से एक ओर तो यात्रियों को समय पर इलाज मिल सकेगा. वहीं, दूसरी ओर आसपास के क्षेत्रीय लोग व स्टेशन पर परिवार को लेने या छोड़ने आने वाले भी यहां उपचार करवा सकेंगे. सेंट्रल स्टेशन पर चौबीसों घंटे में रोजाना औसतन 12 से 15 उपचार करने के लिए मैसेज आते हैं. अब इन सबका उपचार हो सकेगा. रेल प्रशासन ने ओपीडी चलाने वाले को पर्याप्त मरीज मिलते रहे, इसके लिए बाहरी और परिजनों के इलाज की सुविधा का प्रावधान किया.
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डॉक्टरों के देरी से आने पर होता था बवाल
अभी रेल यात्रियों के बीमार होने या फिर घायल होने पर लोको अस्पताल से डाक्टरों को बुलाया जाता है. लोको अस्पताल स्टेशन से लगभग सवा किमी. की दूरी पर है. इससे डॉक्टरों को आने में करीब आधे घंटे का समय लग जाता है. यात्रियों को समय पर इलाज न मिलने पर उनके परिजन बवाल भी करते थे. प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह का कहना है कि सेंट्रल स्टेशन पर ओपीडी का संचालन होने से यात्रियों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही आमजन भी बीमारियों का इलाज भी करा सकेंगे. उपचार सरकार द्वारा तय रियायती दरों पर होगा.