कानपुर: उत्तर प्रदेश में कानपुर की जनता को जाम से निजात दिलाने के लिए सांसद सत्यदेव पचौरी की मेहनत रंग ले आई है. फर्रुखाबाद रेलवे ट्रैक पर स्थित अनवरगंज से मंधना के बीच 14.1 किमी लंबे एलिवेटेड ट्रैक को बनाने की मंजूरी नीति आयोग से मिल गई है. अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा. कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद इसकी टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी. इस पर लगभग1198.75 करोड़ों पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है. नीति आयोग से मंजूरी मिलने के बाद सांसद सत्यदेव पचौरी ने रेल मंत्री से मुलाकात कर आभार व्यक्त किया है.
अनवरगंज से मंधना तक एलिवेटेड ट्रैक बनकर तैयार हो जाने से, इस रूट पर पड़ने वाली 14 रेलवे क्रोसिंग पर लगने वाले जाम से जनता को निजात मिल जाएगी. अनवरगंज से फर्रुखाबाद को जाने वाली रेल लाइन वर्ष 1880 में डाली गई थी पहले दौर में यह ट्रैक कन्नौज तक था जिसे बाद में फिर आगे तक बढ़ाया गया. रेलवे के अफसरों का कहना है कि अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड ट्रैक का शिलान्यास अक्तूबर-नवंबर-2023 में होगा.
अफसरों का कहना है कि 14.1 किमी लंबा एलिवेटेड ट्रैक जरीब चौकी क्रॉसिंग के पहले और आईआईटी के आगे ढालनुमा होगा. यहां ट्रैक बॉक्सनुमा दीवार पर बनेगा. बीच का पूरा ट्रैक मेट्रो की तरह खंभों पर होगा. इस परियोजना के तहत रावतपुर और कल्याणपुर रेलवे स्टेशनों को खत्म कर दिया जाएगा. जिसे सीएसजेएमयू के सामने दलहन अनुसंधान की जमीन पर नया स्टेशन बनाया जाएगा. एलिवेटेड ट्रैक सिंगल होगा. लेकिन एलिवेटेड स्टेशन पर दो लाइनें होंगी. वहीं इस स्टेशन का नाम पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का प्रस्ताव पास हो चुका है.
अनवरगंज-मंधना एलिवेटेड ट्रैक के शिलान्यास से पहले छह अप्रैल तक चलने वाले संसद सत्र के बाद आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में इसकी मंजूरी पर मंथन होगा. सांसद सत्यदेव पचौरी ने दावा किया है कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वादा किया है कि इसे कैबिनेट से पास कराएंगे. बता दें कि कैबिनेट कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण से लेकर टेंडर प्रक्रिया में कम से कम छह महीने का समय लगेगा तब जाकर कहीं नवंबर में एलिवेटेड ट्रैक का काम शुरू हो पाएगा.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी