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Bihar News: भीषण गर्मी व तेज धूप का लोगों पर असर, सदर अस्पताल 20 प्रतिशत मरीजों की हुई बढ़ोतरी

तेज धूप व अत्यधिक गर्मी बढ़ने के साथ ही लोग डायरिया की चपेट में आ रहे हैं. हालत यह है कि सदर अस्पताल में 20 प्रतिशत मरीजों की बढ़ोतरी हो गयी है. ओपीडी में सबसे ज्यादा उल्टी, दस्त और डायरिया से पीड़ित मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं.

तेज धूप व अत्यधिक गर्मी बढ़ने के साथ ही लोग डायरिया की चपेट में आ रहे हैं. हालत यह है कि सदर अस्पताल में 20 प्रतिशत मरीजों की बढ़ोतरी हो गयी है. ओपीडी में सबसे ज्यादा उल्टी, दस्त और डायरिया से पीड़ित मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं.

ओपीडी में 500 से ऊपर मरीजों की संख्या

यहां तक कि सिर्फ अप्रैल माह में सदर अस्पताल के इमरजेंसी में 96 मरीज डायरिया से पीड़ित अपना इलाज कराने के लिए पहुंचे हैं. जिसमे गंभीर अवस्था में 80 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया गया है. इस भर्ती मरीज में 32 पुरुष तथा 48 महिला मरीज शामिल है. ओपीडी में भी 500 से ऊपर मरीजों की संख्या हो गयी है. इन मरीज में सबसे ज्यादा मौसम के बदलते मिजाज के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है. ज्यादातर बुखार, सर्दी, खांसी उल्टी और दस्त के मरीज पहुंच रहे हैं.

चिकित्सक लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं

इस मौसम में बचाव को लेकर चिकित्सक लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं व इस मौसम से बचने के लिए सलाह दे रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सक डॉ आर सुमन ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में आने वाले मरीजो में पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेट में मरोड़, उल्टी, दस्त, बुखार कमजोरी आदि की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है. इस तरह के लक्षण आमतौर पर डायरिया के मामलों में देखने को मिलते हैं.

डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे लोग 

इन दिक्कतों की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. जिसके कारण लोग डिहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं. इसमें होठ और मुंह सूखने के अलावा पेशाब कम होने की समस्या हो जाती है. डॉ सुमन ने बताया कि डिहाइड्रेशन को नजरअंदाज करने की दशा में अस्थायी रूप से गुर्दा फैल हो जाता है.

लू जैसी स्थिति बन गयी है

उन्होंने बताया कि जिले में हिट स्टॉक से लू जैसी स्थिति बन गयी है. गर्मी में पसीने के साथ-साथ शरीर में संचित नमक और पानी बाहर निकलता रहता है. इससे रक्त और नारी की गति तेज हो जाती है. सांस लेने की दर भी ठीक नहीं रहती है. शरीर में धीरे-धीरे तो ऐठन शुरू हो जाती है. इस मौसम में लू लगने की प्रबल संभावना है. गर्मी में पीलिया होने का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है. हाल के 10 दिनों में डायरिया से पीड़ित ज्यादा मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं.

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चिकित्सक सुमन ने बताया

चिकित्सक सुमन ने बताया कि चिलचिलाती धूप और 40 से 42 डिग्री सेल्सियस में सभी का शरीर इस गर्मी को बर्दाश्त करने लायक नहीं होता है. इस मौसम में पाचन तंत्र सबसे ज्यादा गड़बड़ होते हैं. जिस कारण से डिहाइड्रेशन की शिकायत होती है. डॉ सुमन ने लोगों से अपील की कि इस मौसम में जरूरत पड़ने पर धूप में बाहर निकले. जितना हो सके अपने आप को धूप से बचाव करें. खासकर महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराने के समय साफ सफाई का बेहद ख्याल रखें.

डायरिया से बचाव को लेकर इन सभी बातों का रखें ख्याल

डायरिया से बचाव को लेकर इस मौसम में साफ-सफाई का बेहद ख्याल रखें. तला हुआ भोजन से परहेज करें. तेल मसाला का उपयोग कम करें. ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें. फास्ट फूड से परहेज करें. धूप में निकलने पर धूप से अपने आप का बचाव करें. धूप से आने के साथ ही तत्काल पानी का सेवन न करें. ताजे भोजन का सेवन करें और ठंडे खाद पदार्थ सामग्रियों गन्ने का जूस, मौसमी का जूस, नारियल पानी आदि का सेवन करें. ज्यादा ठंडे पानी का सेवन करने से भी परहेज करें. रात्रि के समय हल्का भोजन करें.

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