Khagaria: संभावित बाढ़ के खतरे के बीच जिले में इस प्राकृतिक आपदा से निबटने की तैयारी जोरों पर है. जिला-प्रशासन के द्वारा दो स्तर पर तैयारी की जा रही है. पहला बाढ़ रोकने को लेकर तटबंधों के मरम्मती का कार्य कराया जा रहा है. विभिन्न तटबंधों के निरीक्षण के उपरान्त चिह्नित तटबंध के कमजोर भागों को मजबूत किया जा रहा है, ताकि पानी का दबाव बढ़ने पर तटबंध नहीं टूटे.
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जानकारी के मुताबिक बाढ़ प्रमंडल वन एवं टू के अधीन पड़ने वाले आधे दर्जन से अधिक तटबंधों के मरम्मती का कार्य कराया गया है और कुछ का कराया जा रहा है. अधिकतर जगहों पर मरम्मती का कार्य पूर्ण हो चुका है. जहां कार्य बचा है. वहां भी कार्य अंतिम चरण में है. कार्य समाप्ति की अंतिम डेट लाईन 31 मई रखी गयी है. डीएम के स्तर से दोनों प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को तय समय-सीमा के भीतर कार्य पूर्ण कराने के दो टूक आदेश दिये गये हैं.
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बाढ़ रोकने के साथ-साथ बाढ़ आने की स्थिति में प्रभावितों को कम से कम परेशानी हो, इसके लिए लगभग तैयारी पूरी कर ली गयी है. बाढ़ के दौरान प्रभावित परिवारों को दो वक्त का भोजन मिलता रहे, इसके लिए समुचित मात्रा में अनाज का भंडारण कर लिया गया है. सातों प्रखंडों के विभिन्न गोदामों में हजारों क्विंटल अनाज का भंडारण कर लिया गया है. 42 हजार क्विंटल गेहूं तथा 20 हजार 340 क्विंटल चावल बाढ़ पीड़ितों के लिए सुरक्षित रखे गये हैं.
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बाढ़ क्षेत्र से प्रभावितों को निकालकर ऊंचे क्षेत्रों में रखने के लिए 137 शरण स्थली बनाये गये हैं. इन शरण स्थली में रहनेवाले लोगों के मुलभूत सुविधाएं यानी खाना, पानी, शौचालय, बीमार पड़ने पर ईलाज आदि सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. बीमार लोगों के लिए 61 प्रकार की दवा उपलब्ध है. वहीं, पशुओं के लिए पशुचारा भी कुछेक दिनों में उपलब्ध हो जाने की बातें कही गयी है. वहीं 10 हजार 630 पॉलीथीनसीट, 182 लाईफ जैकेट जिले में उपलब्ध है.
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बाढ़ क्षेत्र में यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए 188 नौका की व्यवस्था की गयी है, जिसे बाढ़ क्षेत्र में लोगों के लिए लगाया जाएगा. अच्छी बात यह सभी घाटों तथा नावों जियो टैगिंग किया जाएगा. ताकि यह पता चल सके कि जिस क्षेत्र के लिये नाैका आवंटित किये गये हैं, वो वहां संचालित हो रहे हैं या नहीं. इसके अलावे जिला स्तर से टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है.
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों को पानी में तैराकी के गुर सिखाये जा रहे हैं, ताकि आवश्यकता होने पर वे बाढ़ के दौरान तैरकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें. जानकारी के मुताबिक जिला आपदा सलाहकार प्रदीप कुमार के नेतृत्व में 6 साल के बच्चों से लेकर 18 साल के युवाओं को सुरक्षित तैराकी के गुर सिखाये जा रहे हैं.
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जिला आपदा सलाहकार ने बताया कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर जिला स्तर पर आपातकालीन केंद्र/नियंत्रण कक्ष चालू किये गये हैं. इसका नंबर 06244-222384 है. नियंत्रण कक्ष पूरी बाढ़ अवधि तक दिन-रात संचालित होंगे. डीएम डॉ आलोक रंजन घोष ने सभी सीओ को नियंत्रण कक्ष का नंबर सभी पंचायत के सार्वजनिक भवनों पर अंकित करने के निर्देश दिये हैं.