Jharkhand News: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने खूंटी में आयोजित ढुकु सामुदायिक विवाह कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज में कई सामाजिक समस्याएं हैं. गरीबी के कारण कई जोड़े शादी के बिना ही लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते हैं. ऐसी महिलाओं को ढुकु कह कर संबोधित किया जाता है. इस सामाजिक समस्या को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. यह प्रशंसनीय है. इसके लिए कोषांग का गठन किया जाना चाहिए. इससे पहले उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और सफल वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दी.
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि समाज में भोज देने की परंपरा है. भोज सामर्थ्य के अनुसार होना चाहिए. इसके लिए दबाव नहीं होना चाहिए. इसलिए सामाजिक समस्याओं को दूर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक कोषांग का गठन किया जाना चाहिए. ढुकु युगलों को चिन्हित कर उन्हें सामाजिक मान्यता दिलाना चाहिए और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की कोशिश की जानी चाहिए. जिला प्रशासन जोड़ों को राशन कार्ड और बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये.
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खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि ढुकु जोड़ों को सरकारी सुविधा नहीं मिल पाता है. उन्हें सामाजिक मान्यता भी नहीं मिलती है. उनका विवाह कर पंजीकरण भी किया जा रहा है. इतना ही नहीं, सरकारी सुविधा से भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इस मौके पर डीडीसी नीतीश कुमार सिंह, एसडीओ सैयद रियाज अहमद, निमित संस्था की सचिव निकिता सिन्हा सहित अन्य उपस्थित थे.
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निमित संस्था के द्वारा रविवार को स्थानीय बिरसा कॉलेज स्टेडियम में 175 सरना जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया. संस्था द्वारा अब तक 1321 जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है. जिसमें 489 ईसाई, 274 हिन्दू और 558 सरना शामिल हैं. इनमें कई ऐसे जोड़े भी थे, जिनकी उम्र 70 वर्ष के करीब है.
रिपोर्ट: चंदन कुमार