Jharkhand News: झारखंड के खूंटी जिले के डोंबारी बुरु अंग्रेजों के जुल्मों की याद दिलाता है. जहां अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की रणनीति तैयार कर रहे बिरसा मुंडा और उनके अनुयायियों की सभा में अंग्रेजों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. इसमें सैकड़ों महिला, पुरूष और बच्चों ने अपनी जान गंवाई थी. इस घटना में भगवान बिरसा मुंडा बच निकले थे, लेकिन बड़ी संख्या में लोग मारे गये थे. आज (9 जनवरी) शहीदों की याद में यहां मेला लगता है.
खूंटी में जिस स्थान पर गोली कांड हुआ था, उस स्थान पर शहीदों की याद में 110 फीट ऊंचा एक विशाल स्तंभ का निर्माण किया गया है. वहीं नीचे मैदान में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की गयी है. जहां प्रतिवर्ष नौ जनवरी को शहीदों की याद में मेला लगाया जाता है. डोंबारी बुरु में सैकड़ों लोगों ने अपनी शहादत दी थी. जिसमें से सिर्फ छह लोगों की पहचान हो सकी है. जिनके नाम डोंबारी बुरू स्थित मैदान में पत्थर पर उकेरे गये हैं. जिसमें हाथीराम मुंडा, हाड़ी मुंडा, सिंगराय मुंडा, बंकन मुंडा की पत्नी, मझिया मुंडा की पत्नी और डुंगडुंग मुंडा की पत्नी शामिल हैं.
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुये इस वर्ष डोंबारी बुरु में सादगी से मेला का आयोजन किया गया है. मेले में स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा पहुंचेंगे. केंद्रीय मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा के पहुंचने की भी उम्मीद है हालांकि शनिवार देर शाम तक इस संबंध में कोई निश्चित निर्णय नहीं हो सका था. मेला को लेकर डोंबारी बुरू में शनिवार को सारी तैयारी पूरी कर ली गयी थी. डोंबारी बुरु परिसर की साफ-सफाई और साज-सजावट कर ली गई थी. वहीं वाहनों के पार्किंग, मेला लगाने और दुकान लगाने के लिए भी स्थल को तैयार किया गया है. कई जगहों पर तोरण द्वार भी लगाये गये हैं.
रिपोर्ट: चंदन कुमार