Kisan Diwas 2021: झारखंड में वक्त के साथ किसान भी खेती में प्रयोग करने लगे हैं. खेती से ज्यादा आमदनी के लिए किसान नये-नये प्रयोग कर रहे हैं. ऐसा ही प्रयोग खूंटी जिले के एरेंडा गांव की मीरा देवी और उनके पति रूपचंद महतो ने किया है. उन्होंने पारंपरिक खेती के साथ-साथ इस वर्ष स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry cultivation ) की है. 200 रुपये किलो की दर से बेच भी चुके हैं. पीला तरबूज की खेती की तैयारी कर रहे हैं. इसके साथ-साथ ये अन्य फसलों की भी खेती करते हैं. आत्मा परियोजना उपनिदेशक अमरेश कुमार ने कहा कि जिले में स्ट्रॉबेरी के लिए अनुकूल माहौल है.
खूंटी जिले के एरेंडा गांव की मीरा देवी और उनके पति रूपचंद महतो आधुनिक तकनीक से खेती कर रहे हैं. इन्होंने पारंपरिक खेती के साथ-साथ इस वर्ष स्ट्रॉबेरी की खेती की है. गांव में ही लीज पर जमीन लेकर उन्होंने जेएसएलपीएस के सहयोग लगभग 500 पौधे लगाये हैं. जिसमें से एक फसल निकल भी गयी है. इसे 200 रुपये किलो की दर से बेच चुके हैं. अब वे दूसरी खेप बेचने की तैयारी में है. एरेंडा और आसपास के क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती करने की पहल की है.
किसान रूपचंद महतो ने बताया कि क्षेत्र के लिए स्ट्रॉबेरी नयी फसल है. अच्छी पैदावार भी हो रही है. अब वे हर वर्ष स्ट्रॉबेरी की खेती करेंगे. अपने खेतों में उन्होंने मटर, फूलगोभी, आलू और सरसों की भी खेती है. अब पीला तरबूज की खेती की तैयारी भी कर रहे हैं. इसके अलावा शिमला मिर्च, करेला, खीरा आदि की भी खेती करेंगे. आत्मा परियोजना उप निदेशक अमरेश कुमार ने कहा कि जिले में स्ट्रॉबेरी के लिए अनुकूल माहौल है. जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन ने बताया कि जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की गयी है.
रिपोर्ट: चंदन कुमार