Women’s Day 2022: पति की हत्या के बाद भी हिम्मत नहीं हारीं. विपरीत हालात में भी कुछ कर गुजरने का जज्बा था. राखी कश्यप चुनाव लड़ीं और वार्ड पार्षद का चुनाव जीतीं. इतना ही नहीं, नगर पंचायत उपाध्यक्ष के रूप में फिलहाल जनता की सेवा कर रही हैं. राखी कहती हैं कि महिलाओं को किसी की मदद का इंतजार नहीं करना चाहिए. अपनी किस्मत खुद लिखें.
नगर पंचायत खूंटी की उपाध्यक्ष राखी कश्यप अपने पति की हत्या के बाद भी कभी हिम्मत नहीं हारीं. हालातों से डटकर सामना कीं और आज वे नगर पंचायत की उपाध्यक्ष बनकर शहरवासियों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. इससे पहले वे दो बार पार्षद भी रह चुकी हैं. राखी कश्यप के पति जेपी कश्यप की 28 फरवरी 2006 को हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद राखी कश्यप के जीवन के सामने अंधेरा छा गया, लेकिन उन्होंने न सिर्फ खुद को संभाला बल्कि पूरे शहरवासियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गयीं.
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राखी कश्यप वर्ष 2008 में राखी वार्ड पार्षद के रूप में चुनाव लड़ीं और जीतकर पार्षद बनीं. 2013 में वे दोबारा वार्ड पार्षद चुनी गयीं. 2018 में उन्होंने उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा. उसमें भी वे जीतकर नगर पंचायत की उपाध्यक्ष बनीं. वे सफलतापूर्वक न सिर्फ नगर पंचायत की जिम्मेदारियों को निभा रही हैं बल्कि अपने परिवार का भी ख्याल रख रही हैं.
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राखी कश्यप न केवल नगर पंचायत उपाध्यक्ष के रूप में खूंटी की जनता की सेवा कर रही हैं, बल्कि भाजपा में भी सक्रिय रहकर राजनीति कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हालात कैसे भी हों, लोगों को घबराना नहीं चाहिए. बुरे हालातों से लड़ना चाहिए. उन्होंने महिलाओं से कहा कि कभी किसी की मदद के लिए इंतजार नहीं करें, बल्कि खुद ही अपनी किस्मत लिखें.
रिपोर्ट: चंदन कुमार