Jharkhand news, Koderma news : कोडरमा : वन्य प्राणी आश्रयणी अंतर्गत सिरसिरवा में पत्थर के अवैध उत्खनन मामले में वन विभाग ने कोडरमा के पूर्व जिप अध्यक्ष महेश राय सहित 22 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की है. यह पहली दफा है जब अवैध उत्खनन के मामले में जिला पुलिस प्रशासन और वन विभाग द्वारा हाल में किसी बड़े व्यक्ति को नामजद आरोपी बनाया गया है. यही नहीं दर्ज मामले में वन विभाग ने माना है कि वन्य प्राणी आश्रयणी अंतर्गत करीब 10 एकड़ क्षेत्र में बड़े स्तर पर खनन का कार्य किया जा रहा था. इस वजह से खदानों की गहराई 150 से 200 फीट तक हो गयी है, जबकि इस क्षेत्र में किसी भी तरह की गतिविधि की सख्त मनाही है.
जानकारी के अनुसार, वन्य प्राणी आश्रयणी चितरपुर के वन कर्मी के बयान पर केस दर्ज किया गया है. इसमें कहा गया है कि 18 जुलाई, 2020 की रात करीब 8 बजे सूचना मिली कि वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र अंतर्गत अधिसूचित कोडरमा आरक्षित वन के सिरसिरवा जंगल में महेश राय के साथ ही करीब 22 लोग एवं अन्य अवैध रूप से पोकलेन, जेसीबी, हाइवा, कम्प्रेसर कम ड्रील मशीन आदि की मदद से पत्थर उत्खनन एवं परिवहन का कार्य कर रहे हैं.
सूचना के आधार पर जिला प्रशासन, जिला पुलिस बल एवं वन विभाग के पदाधिकारियों का एक छापामारी दल गठित किया गया. 19 जुलाई, 2020 की सुबह 5 बजे छापामारी दल द्वारा सिरसिरवा जंगल में अवैध पत्थर खदान में छापामारी की गयी. टीम को देखते ही अवैध उत्खनन एवं परिवहन में संलिप्त अभियुक्त जंगल- झाड़ का लाभ उठाते हुए जेसीबी, हाइवा एवं अन्य बड़े वाहनों को जंगल के अन्य रास्ते की मदद से भगाने में सफल रहे. घटनास्थल पर 5 पोकलेन मशीन और खदान के अंदर एक कंप्रेशर ड्रील मशीन पाया गया.
खदान के अंदर पानी भरा रहने के कारण कंप्रेशर मशीन को निकाला नहीं जा सका. 5 पोकलेन मशीन की जब्ती सूची तैयार कर लाने के क्रम में एक पोकलेन मशीन में तकनीकी खराबी आ गयी, जिसे ठीक कराने का काफी प्रयास किया गया, पर अंधेरा एवं उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण उक्त पोकलेन को वहीं छोड़ देना बेहतर समझा गया. शेष जब्त चारों पोकलेन को रात करीब 11 बजे डोमचांच थाना परिसर में सुरक्षित लाकर रखा गया.
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घटनास्थल का मुआयना करने पर देखा गया कि अभियुक्तों द्वारा अधिसूचित वनभूमि पर लगभग 10 एकड़ वन क्षेत्र में वन्य प्राणी पर्यावास को क्षति पहुंचा कर अवैध खनन का कार्य किया गया है. अवैध खदानों की गहराई करीब 150-200 फीट है, जो स्पष्ट करता है कि अभियुक्तों द्वारा सुनियोजित तरीके से जंगल का लाभ उठाकर वृहत पैमाने पर पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. अधिकांश आरोपियों के खिलाफ पूर्व में भी सिरसिरवा जंगल में अवैध रूप से पत्थर उत्खनन और परिवहन को लेकर वाद दायर है.
वन विभाग की ओर से अवैध उत्खनन के मामले में महेश राय, लक्ष्मण राय एवं आनंद राय तीनों के पिता जगदीश राय निवासी ढ़ोढ़ाकोला डोमचांच, विरेंद्र मेहता पिता जीवलाल मेहता निवासी नावाडीह, प्रदीप यादव पिता लोकन यादव निवासी मधुबन, बीरू मेहता पिता शिव नारायण मेहता निवासी महेशपुर डोमचांच, भुन्नु यादव पिता स्वर्गीय कुमार देव यादव निवासी लक्खीबागी फरेंदा, उमेश मेहता पिता रामेश्वर मेहता निवासी तेतरियाडीह, बीरबल मेहता निवासी सिमरिया, सत्यम मेहता निवासी मसनोडीह, पंकज मेहता निवासी डोमचांच, मनोज पंडित निवासी चेचाई, महादेव यादव निवासी नेरो नावाडीह, संत मेहता निवासी महेशपुर, संतोष मेहता निवासी महेशपुर, शिबू मेहता निवासी बेहराडीह, पवन मेहता निवासी महेशपुर, उदय मेहता निवासी सिमरिया, बसंत मेहता निवासी काली मंडा डोमचांच, डोमन मेहता निवासी जेरूवाडीह, दीपक मेहता निवासी महेशपुर, धनंजय मेहता निवासी मंधौती महुआ महेशपुर एवं अन्य को आरोपी बनाया गया है. इन सभी के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम की विभिन्न एवं झारखंड लघु खनिज संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराएं लगायी गयी है.
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इधर, जानकारी सामने आयी है कि सिरसिरवा में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का काम सिस्टम के कुछ लोगों की मिलीभगत से चल रहा था. यही कारण है कि इस बार बड़े स्तर पर छापामारी की कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय रखा गया. बताया जाता है कि छापामारी को लेकर पूरी रणनीति डीसी रमेश घोलप ने खुद तैयार की, जिसकी सूचना मात्र एसपी डाॅ एहतेशाम वकारीब, वाइल्ड लाइफ के डीएफओ दिलीप कुमार यादव को थी. गठित टीम को देर रात यह बताया गया था कि अहले सुबह मंडल कारा में छापामारी करनी है, पर रणनीति के तहत पूरी फोर्स एवं दंडाधिकारी को सीधे नीरू पहाड़ी क्षेत्र एवं बाद में सिरसिरवा जंगल ले जाया गया. टीम जब इस क्षेत्र में प्रवेश कर गयी तब स्थानीय थाना, खनन विभाग एवं वन विभाग के निचले स्तर के पदाधिकारियों को जानकारी देकर बुलाया गया. यही वजह रही कि टीम के हाथ बड़ी सफलता लगी और करोड़ों रुपये का पोकलेन मशीन जब्त किया जा सका.
उपायुक्त रमेश घोलप ने बताया कि सिरसिरवा जंगल में पत्थर के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए सभी कदम उठाये जायेंगे. वन विभाग के साथ ही पुलिस एवं खनन विभाग को अलग से केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि सिरसिरवा में अवैध खनन स्थल की मापी कराने की भी तैयारी है. इसके लिए खनन विभाग को निर्देश दिया गया है. मापी में जितने खनिज के खनन की बात सामने आयेगी उसके आधार पर वसूली को लेकर आरोपियों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज किया जायेगा.
Posted By : Samir ranjan.