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झारखंड के कोडरमा में चमकी बुखार से तीन बच्चों की मौत ! जांच कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम, गांव में दहशत

कोडरमा के सतगावां में मंगलवार को पूरे मामले की जानकारी स्थानीय सेविका ने स्वास्थ्य विभाग व प्रखंड प्रशासन को दी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए गांव पहुंची. विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि कहीं बच्चों में चमकी बुखार जैसा लक्षण तो नहीं.

Jharkhand News: कोडरमा जिले के सुदूरवर्ती सतगावां प्रखंड की मीरगंज पंचायत के झरगांव में पांच दिनों के अंदर तीन बच्चों की मौत हो गयी है. बच्चों की अचानक इस तरह से मौत होने से गांव में दहशत का माहौल है. लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मौत कैसे हो रही है. मंगलवार को इस पूरे मामले की जानकारी स्थानीय सेविका ने स्वास्थ्य विभाग व प्रखंड प्रशासन को दी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए गांव पहुंची. विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि कहीं बच्चों में चमकी बुखार जैसा लक्षण तो नहीं.

उल्टी, झाग, बेहोश और फिर मौत

लोगों की मानें तो हल्का बुखार के साथ मौत से पहले बच्चों को दो-तीन बार उल्टी होती है. इसके बाद मुंह से झाग आते ही बच्चा बेहोश हो जाता है और फिर मौत हो जा रही है. चार नवंबर को जहां दो बच्चों की मौत हुई थी, वहीं मंगलवार को एक बच्ची की मौत इसी तरह हो गई. लगातार तीन बच्चों की मौत के बाद पूरे मामले की जानकारी स्थानीय आंगनबाड़ी सेविका प्रतिमा देवी ने स्वास्थ्य विभाग व प्रखंड विकास पदाधिकारी वैद्यनाथ उरांव को दी. जानकारी सामने आई है कि चार नवंबर को वर्षा कुमारी (4 वर्ष) पिता साजन भुइयां व नंदनी कुमारी (3 वर्ष) पिता रामधनी भुइयां की मौत हो गई थी. आठ नवंबर को प्रीति कुमारी (3 वर्ष) पिता राजेश भुइयां की मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया.

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जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

सेविका द्वारा मामले की जानकारी दिए जाने के बाद बीडीओ वैद्यनाथ उरांव ने स्वास्थ्य विभाग को कैंप लगाकर जांच करने का निर्देश दिया. बीडीओ ने किस कारण से बच्चों की मौत हो रही है, इसकी भी जांच कराने की बात कही है. बीडीओ के निर्देश पर मंगलवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सत्यनारायण भकत के नेतृत्व में मेडिकल टीम गांव पहुंची व मामले की जानकारी ली. टीम ने इस तरह के लक्षण वाले बच्चों की पहचान करने की भी कोशिश की.

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चमकी बुखार का तो लक्षण नहीं, की जा रही है जांच

सतगावां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सत्यनारायण भकत ने बताया कि किसी भी बच्चे के परिजन इलाज के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में नहीं आए हैं. बुखार होने पर पहले इन्होंने गांव के डॉक्टरों से इलाज कराया, फिर बिहार के गोविंदपुर (नवादा) ले गए. मंगलवार को जिस बच्ची की मौत की बात है, उसकी भी मौत नवादा (बिहार) में इलाज के क्रम में होने की जानकारी सामने आई है. जिस तरह का लक्षण लोगों ने बताया है, वह डेंगू का तो नहीं हो सकता, पर हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं चमकी बुखार का लक्षण तो नहीं है. अगर बच्चे बीमार पड़ रहे हैं तो लोगों से अनुरोध है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में आएं.

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