16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Delhi AIIMS की शोध टीम में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, दो गिरफ्तार, जानें कैसे हुआ खुलासा

दिल्ली एम्स के शोध टीम में अनुबंध पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. जिला प्रशासन और वन विभाग की कार्रवाई में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. एक आरोपी शोध टीम का सदस्य निकला. गिरफ्तार आरोपी के पास से फर्जी बहाली फार्म, मुहर, 10 हजार नकद आदि बरामद किया गया है.

Jharkhand News: हजारीबाग के साथ ही कोडरमा में कचनार के उपयोग के फायदे और अन्य विषयों पर शोध कर रही दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) की टीम में अनुबंध पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. यही नहीं, एम्स नई दिल्ली के नाम पर फर्जी बहाली फार्म और मुहर बनाकर झांसा देते हुए बहाली के लिए 50 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. इसमें से आरोपी द्वारा 10 हजार रुपये लेते वक्त जिला प्रशासन एवं वन विभाग की संयुक्त टीम ने उसे पकड़ कर पूरे मामले का खुलासा किया है.

मुख्य आरोपी गिरफ्तार, गया जेल

गिरफ्तार मुख्य आरोपी सोका संताप सिंह ओड़िशा का रहने वाला है और वर्तमान में कोडरमा और हजारीबाग में कचनार के उपयोग को लेकर शोध कर रही एम्स की टीम में अनुबंध पर बतौर फील्ड वर्कर काम कर रहा था. छापामारी टीम ने इसके साथ ही उसके सहयोगी कोडरमा निवासी शिवशंकर ठाकुर को भी पकड़ा है. दोनों के खिलाफ एसीएफ गौर सिंह मुंडा द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर केस दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया है. गिरफ्तार आरोपी के पास से एम्स नई दिल्ली के नाम पर बनाए गए फर्जी बहाली फार्म, मुहर, 10 हजार नकद आदि बरामद किया गया है.

सात पदों पर निकाली थी बहाली, 50 हजार की मांग की

जानकारी के अनुसार, जिले में इन दिनों कचनार के फायदे को लेकर सीसीएल, वन विभाग एवं एम्स नई दिल्ली के बीच हुए MoU के तहत सैंपल कलेक्शन और सर्वे का काम चल रहा है. टीम के प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर सहित अन्य सदस्य कोडरमा में ही संबंधित जानकारी को लेकर कैंप कर रहे हैं. इस बीच जिला प्रशासन के सीनियर अधिकारी को शिकायत मिली कि एम्स द्वारा किए जा रहे शोध टीम में अनुबंध पर रखे जाने को लेकर सात पदों के लिए बहाली निकली है. डीसी कार्यायल के ही एक कर्मी के रिश्तेदार तक इससे संबंधित जानकारी पहुंची, तो उसने भी बहाली को लेकर प्रयास किया. बाद में उनसे 50 हजार रुपये की मांग की गई, तो संदेह हुआ. इस मामले की जानकारी डीसी को दी गई.

Also Read: Agneepath Scheme के विरोध में भारत बंद का गुमला में नहीं दिखा असर, डंडा लेकर सड़क पर उतरे SP

शोध टीम का सदस्य ही निकला आरोपी

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी और डीएफओ ने संयुक्त टीम का गठन किया. छापामारी टीम में एसीएफ गौर सिंह मुंडा, कार्यपालक दंडाधिकारी जयपाल सोय, कोडरमा सीओ अनिल कुमार शामिल थे. टीम ने शिकायतकर्ता को 10 हजार रुपये के साथ ठग के पास भेजा. मोबाइल पर बातचीत के बाद खुद को अफसर बता सर्किट हाउस के पास ही पैसा लेने पहुंचे आरोपी सोका संताप सिंह नामक व्यक्ति को टीम ने धर दबोचा. इसके बाद हुई पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हुआ. अब विभाग स्तर से आरोपी को शोध टीम से टर्मिनेट करने को लेकर निर्देश दिया गया है. इसके आधार पर भी कार्रवाई हो रही है.

हजारीबाग के कंप्यूटर सेंटर में बनवाया फर्जी फार्म

गिरफ्तार सोका संताप सिंह ने पूछताछ में बताया है कि उसने मई माह में ही हजारीबाग में कैंप के दौरान वहां के एक कंप्यूटर सेंटर में फर्जी बहाली फार्म बनवाया. इसके बाद जान पहचान वाले लोगों के सहारे ही सोशल मीडिया आदि के माध्यम से इसका प्रचार करवाया और ठगी का काम शुरू किया. उसने एम्स के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर के नाम पर फर्जी मुहर भी बनवा लिया था. यही नहीं फर्जी ईमेल आईडी बनाकर उसे देते हुए भरे हुए फार्म को उसी पर मंगाने लगा. टीम की जांच में उसके ईमेल आईडी पर कई लोगों द्वारा भेजे गए फार्म मिले हैं. कोडरमा में उसने अपने सहयोगी शिवशंकर ठाकुर के मार्फत झांसा देने का काम शुरू ही किया था. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है.

Posted By: Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें