Jharkhand News: झारखंड के कोडरमा जिले के ड्रीम प्रोजेक्ट करमा के मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य को पूरा करने की अवधि खत्म हो गई है, पर स्थिति यह है कि आज तक मात्र 12 फीसदी ही काम हो सका है. यह हाल शुरुआत में कार्य के प्रति दिलचस्पी नहीं लेने व बाद में आए कई अवरोधों की वजह से हुआ है. जिस गति से काम हो रहा है, उससे मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा होने में कई वर्ष और लगेंगे. ऐसे में ड्रीम प्रोजेक्ट जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है. लोगों को अभी वर्षों इंतजार करना पड़ेगा.
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज का निर्माण करीब 319 करोड़ रुपये की लागत से होना है. इसके लिए श्रम कल्याण मंत्रालय ने 69.84 एकड़ जमीन स्वास्थ्य विभाग को ट्रांसफर की थी. पहले फेज में करीब 30 एकड़ जमीन पर काम किया जाना है. जमीन हस्तांतरण संबंधी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्माण कार्य का ऑनलाइन शिलान्यास किया था. 100 सीट के कॉलेज व 300 बेड के अस्पताल निर्माण कार्य को लेकर निर्माण कंपनी सिम्पलेक्स इंफ्रा. प्रा. लि. के साथ दो अगस्त 2019 को करार किया गया था. तय टाइम लाइन के अनुसार निर्माण कार्य सात जनवरी 2022 तक पूरा करना था, पर यह अवधि खत्म होने के बावजूद अब तक मात्र 12 प्रतिशत ही काम हो सका है. कार्य की मॉनिटरिंग झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड कर रहा है. बताया जाता है कि शुरुआत में काम शुरू होने में देरी हुई फिर कार्य की गति काफी धीमी रही. पिछले वर्ष कार्य की रफ्तार बढ़ी, पर कुछ अवरोधों की वजह से यह भी बाधित होता रहा. अब नए साल में कार्य को और गति दिए जाने के दावे हैं, लेकिन यह कितना सफल रहेगा यह आने वाले वक्त में पता चल पाएगा.
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योजना के तहत मेडिकल कॉलेज परिसर में मुख्य भवन के अलावा ग्लर्स व ब्वाइज हॉस्टल, गेस्ट हाउस, स्टाफ क्वार्टर टाइप थ्री, फॉर, फाइव, ऑडिटोरियम, कम्यूनिटी सेंटर, सर्विस ब्लॉक, डीन रेसीडेंस, बाउंड्री वाल के निर्माण के अलावा 300 बेड का अस्पताल सदर अस्पताल में अपग्रेडेशन का कार्य होना है. इसमें मेडिकल कॉलेज के मुख्य भवन का काम 12, ब्वायज हॉस्टल का 5, गर्ल्स हॉस्टल का 10, ऑडिटोरियम का सात, गेस्ट हाउस का सात, स्टूडेंट रेसीडेंस का 14, टाइप थ्री बिल्डिंग का 10, टाइप फोर का 8, टाइप फाइव का 10, एमएस रेसीडेंस का 9, कम्यूनिटी सेंटर का 13 फीसदी ही काम हुआ है. इसके अलावा सदर अस्पताल में तीन सौ बेड अपग्रेडेशन को लेकर कार्य हाल के महीनों में शुरू हुआ है.
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जानकारी सामने आई है कि मेडिक कॉलेज को लेकर चिन्हित भूमि व इसके आसपास अतिक्रमण आज भी बड़ी समस्या है. कई जगहों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं. चिन्हित भूमि की चहारदीवारी तो की जा रही है, पर जहां अतिक्रमण है वहां खाली छोड़ दिया जा रहा है. हालांकि, कार्य शुरू करने से पहले संबंधित विभागों से एनओसी लेने में देरी भी एक समस्या थी, जिसे अब दूर कर लिया गया है. कार्य की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है.
झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के कार्यपालक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण होने से कोडरमा को बड़ा तोहफा मिलेगा. निर्माण कार्य में गति आए इसके लिए निगम लगातार प्रयासरत है. शुरुआत में कुछ अड़चनों की वजह से कार्य में देरी हुई. करीब डेढ़ वर्ष से मैं यहा हूं. इस बीच कार्य को रफ्तार दिया गया है. अड़चनों को दूर किया जा रहा है. संबंधित कंपनी को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. अतिक्रमण आज भी एक समस्या है. प्रशासन की मदद से इसका हल निकल सकता है.
रिपोर्ट: विकास