Modi Cabinet Reshuffle News, Jharkhand News (विकास, कोडरमा ) : संसदीय क्षेत्र कोडरमा के इतिहास में बुधवार को एक नया अध्याय जुड़ गया. जिस संसदीय इलाके से भाजपा को पहले 6 बार जीत मिली वहां से अब तक कोई भी केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह नहीं बना पाया था, पर करीब दो वर्ष पूर्व बदले घटनाक्रम में भाजपा में शामिल होकर लोकसभा सांसद बनी अन्नपूर्णा को केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह मिल गयी है. इससे पहले अन्नपूर्णा ने कोडरमा से पहली महिला सांसद होने का गौरव हासिल किया था. अब वह केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल हुई है, तो उनका कद और बढ़ गया है.
केंद्रीय मंत्रीमंडल में राज्य मंत्री पद की शपथ लेने के बाद अन्नपूर्णा देवी ने प्रभात खबर से बातचीत की. मोबाइल पर हुई बातचीत में अन्नपूर्णा ने कहा कि केंद्र में मंत्री पद इतना जल्दी मिलेगा इसकी उम्मीद नहीं थी. मुझे कल तक इस बारे में कुछ पता नहीं था. अचानक दिल्ली आने को कहा गया. यहां आने पर पार्टी नेतृत्व ने मंत्री पद की जिम्मेवारी सौंपी. शपथ लेने के बाद मेरी यह जिम्मेवारी और बड़ी हो गई है.
सबसे पहले मंत्री पद दिये जाने के लिए पार्टी संगठन, राष्ट्रीय नेतृत्व व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताना चाहती हूं. पार्टी ने इतना विश्वास इतने कम समय में जताया यह बड़ी बात है. पार्टी के भरोसे पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. अपने सभी कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक करते हुए जनहित में कार्य करुंगी. अन्नपूर्णा ने कहा कि क्षेत्र के लिए बेहतर से बेहतर काम हो सके इसके लिए मिलबैठकर विचार विमर्श के बाद विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी ने बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है इसका पूरी तरह निर्वहन कर सकूं यही ईश्वर से प्रार्थना है.
Also Read: कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने ली शपथ, मोदी मंत्रिमंडल में बनी मंत्री, जानिए इनका राजनीतिक सफरवैसे देखें, तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को 4.5 लाख से ज्यादा मतों से हराकर अन्नपूर्णा ने एक बड़ी लकीर खींची थी. उसी समय उन्हें केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा मंत्रीमंडल में जगह दिये जाने के कयास लगाये जा रहे थे, पर ऐसा नहीं हो पाया था. पार्टी ने उन्हें सितंबर 2020 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी दी, तो यह लगने लगा था कि अब मंत्रीमंडल में उन्हें जगह नहीं मिल सकेगी.
अब अचानक बदले समीकरण में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली है, तो कोडरमा के विकास को लेकर उम्मीदें बढ़ गयी है. कोडरमा संसदीय क्षेत्र के इतिहास को देखें, तो दिलचस्प बातें सामने आती है. अब तक कोडरमा से चुने गये सांसदों में से कोई भी केंद्र की सरकार में मंत्री नहीं बन सका था.
Also Read: डीजल के मूल्य में हुई वृद्धि के कारण ट्रैक्टर से खेती करना मुश्किल, हल-बैल ही सहारावर्ष 1977 में चतरा से अलग होकर कोडरमा अलग संसदीय क्षेत्र बना था. 1952 से 1977 तक कोडरमा चतरा संसदीय का हिस्सा था. मजेदार बात है कि तब भी किसी सांसद को केंद्र में मंत्री या राज्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिला था. वर्ष 1998 में चौथी बार सांसद बने रीतलाल प्रसाद वर्मा को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बनाये जाने की उम्मीद थी. लेकिन, 13 महीने की अटल सरकार में वर्मा को मौका नहीं मिल सका.
1999 में हुए चुनाव में मामूली वोटों से वर्मा हार गये. कांग्रेस पार्टी से तिलकधारी सिंह 1984 व 1999 में चुनाव जीत कर सांसद बने थे. 1984 में कांग्रेस के तिलकधारी सिंह रिकार्ड वोटों से चुनाव जीत कर पहली बार सांसद बने थे. 1999 में दूसरी बार जीते. दोनों ही बार केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, लेकिन तिलकधारी सिंह को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया.
कोडरमा से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी 3 बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचे. मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद वह एक बार भाजपा, फिर निर्दलीय और बाद में झाविमो प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते. 1999 में मरांडी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. केंद्र की एनडीए सरकार में वह वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री भी बने. लेकिन, उस समय मरांडी दुमका से सांसद चुने गये थे. कोडरमा से सांसद बनने के बाद से वह कभी मंत्री नहीं बनाये गये.
कोडरमा से सबसे अधिक बार भाजपा ने जीत का परचम लहराया है. भाजपा प्रत्याशियों ने 7 बार सीट जीती है. एक बार जनता पार्टी को छोड़ 6 बार भाजपा के रूप में पार्टी को जीत मिली है. भाजपा के रीतलाल प्रसाद वर्मा सबसे अधिक 5 बार निर्वाचित हुए हैं. बाबूलाल मरांडी ने भाजपा से एक बार चुनाव जीता था. वहीं, भाजपा उम्मीदवार के रूप में सातवीं बार अन्नपूर्णा देवी ने जीत हासिल की.
सांसद का नाम : पार्टी : वर्ष
रीतलाल प्रसाद वर्मा : जनता पार्टी : 1977
रीतलाल प्रसाद वर्मा : भाजपा : 1980
तिलकधारी सिंह : कांग्रेस : 1984
रीतलाल प्रसाद वर्मा : भाजपा : 1989
मुमताज अंसारी : जनता दल : 1991
रीतलाल प्रसाद वर्मा : भाजपा : 1996
रीतलाल प्रसाद वर्मा : भाजपा : 1998
तिलकधारी सिंह : कांग्रेस : 1999
बाबूलाल मरांडी : भाजपा : 2004
बाबूलाल मरांडी : निर्दलीय : 2006
बाबूलाल मरांडी : झाविमो : 2009
रवींद्र कुमार राय : भाजपा : 2014
अन्नपूर्णा देवी : भाजपा : 2019
– वर्ष 1998 में अपने विधायक पति स्व. रमेश प्रसाद यादव के निधन के बाद राजनीति में कदम रखा.
– वर्ष 1998 में पहली बार कोडरमा विधानसभा का चुनाव लड़ा. सहानुभूति लहर में हासिल की जीत.
– वर्ष 2000, 2005 व 2009 में लगातार कोडरमा से राजद के टिकट पर विधायक चुनी गयीं.
– वर्ष 2013 में झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री बनीं.
– वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर में भाजपा उम्मीदवार डॉ नीरा यादव से मिली हार.
– वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश राजद अध्यक्ष का पद छोड़ भाजपा में शामिल हुईं.
– 25 मार्च 2019 को लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा में शामिल हुईं.
– 6 अप्रैल 2019 को भाजपा ने कोडरमा लोकसभा से तत्कालीन सांसद डाॅ रवींद्र राय का टिकट काट अन्नपूर्णा को उम्मीदवार बनाया.
– 23 मई 2019 को लोकसभा चुनाव में चार लाख से अधिक मतों से पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को हराया. कोडरमा सीट से पहली महिला सांसद चुनी गई.
– 26 सितंबर 2020 को भाजपा ने पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी दी.
Posted By : Samir Ranjan.