चंदवारा (कोडरमा) : मारपीट व मोटरसाइकिल छिनतई के आरोप में पुलिस के द्वारा पकड़े गये एक आरोपी को छुड़ाने थाना पहुंचे लोगों का शनिवार की देर रात पुलिस से विवाद हो गया. मामला तू-तू मैं-मैं से शुरू हुआ और पथराव तक पहुंच गया. आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पथराव कर दिया.
थाना में अचानक हुए पथराव में कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हो गये. पुलिस ने देर रात किसी तरह स्थिति को संभाला. बाद में पथराव करने वाले 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इन्हें रविवार को जेल भेज दिया गया. वहीं आठ मोटरसाइकिल भी जब्त किया गया है.
जानकारी के अनुसार, घटना को लेकर चंदवारा थाना में पदस्थापित अवर निरीक्षक रंजीत कुमार के बयान पर केस दर्ज किया गया है. इसमें कहा गया है कि 5 दिसंबर की रात 9:30 बजे कांड संख्या 122/20 के अभियुक्त राजकुमार यादव पिता अयोध्या यादव को गिरफ्तार कर थाना लाकर हाजत में रखा गया था.
इसी दौरान कुछ देर बाद करीब 10:10 बजे गिरफ्तार अभियुक्त के भाई बिनोद यादव, पिता अयोध्या यादव व अन्य 50-60 आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ थाना परिसर में गाली-गलौच करने लगे. कहने लगे कि मेरे भाई को पकड़ने की हिम्मत कैसे हुई. थाना के पदाधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, तो वे और उग्र हो गये.
आरोपी थाना के पदाधिकारियों से ही उलझ गये. पुलिसकर्मियों के द्वारा भीड़ को नियंत्रित कर थाना से बाहर किया गया, जिसके बाद सड़क निर्माण के लिए रखे गये पत्थरों को उठाकर लोग पथराव करने लगे. पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
पत्थर फेंकने वालों को खदेड़ने के क्रम में राम प्रसाद यादव पिता अयोध्या यादव, पिंकू प्रसाद कुशवाहा पिता सरयू महतो, रामदेव यादव पिता रोहन यादव, बिनोद यादव पिता अयोध्या यादव, अर्जुन यादव पिता चोलो यादव, महेश यादव पिता सरयू यादव, सोहर यादव पिता बंशी यादव सभी निवासी पिपराडीह को गिरफ्तार किया गया.
साथ ही मोटरसाइकिल नंबर जेएच-12-एच-1149, जेएच-12सी-6695, जेएच-02वाई-7428, जेएच-12एच-3033, जेएच-02जेड-1822, जेएच-12एल-7313, जेएच-12एल-1231 व जेएच-02क्यू-3433 को थाना गेट से जब्त किया गया.
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दूसरी ओर, किशोर यादव पिता सहदेव यादव, सूरज शर्मा पिता महेंद्र ठाकुर, पंकज वर्मा पिता भोली वर्मा, प्रकाश वर्मा पिता विजय वर्मा, सूरज यादव पिता बैजनाथ यादव, आनंद यादव पिता लखन यादव, संतोष यादव पिता भीखन महतो, बिक्की शर्मा पिता महेश शर्मा, कैलाश यादव पिता सहदेव यादव, सोनू राणा पिता तुलसी राणा, बैजनाथ यादव पिता खेदन यादव व 20-25 अन्य लोग फरार हो गये.
बताया जाता है कि नरेश यादव पिता बासुदेव यादव निवासी गैड़ा के बयान पर पुलिस ने मारपीट व छिनतई का केस दर्ज किया था. नरेश ने कहा था कि 5 दिसंबर की शाम 6:30 बजे पुराना थाना के बगल से पिपराडीह रेलवे स्टेशन रोड होते हुए मोटरसाइकिल से घर जा रहे थे.
इसी दौरान रेलवे स्टेशन ओवरब्रिज के पहले राजकुमार यादव पिता अयोध्या यादव, किशोर यादव पिता सहदेव यादव, सुरज शर्मा पिता महेंद्र ठाकुर, पंकज वर्मा पिता भोली वर्मा सभी निवासी पिपराडीह ने मिलकर मोटरसाइकिल को रोक दिया और गाली-गलौच करते हुए मारपीट करने लगे. विरोध करने पर सभी मुझे खींचकर झाड़ी की ओर ले गये और मारने लगे.
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अधमरा होने पर पॉकेट से पांच हजार रुपये व मोटरसाइकिल लेकर भाग गये. मैं कुछ समय तक बेहोश रहा. कुछ समय बाद मेरा मोबाइल बजा तो होश आया. पत्नी को बताया. फिर मित्र आये और थाना पहुंचाया. पुलिस इसी मामले में राजकुमार यादव को पकड़कर देर रात थाना लायी थी.