लखीसराय: नकली चालान पर जिले में बालू की ढुलाई धड़ल्ले से हो रही है. जिला प्रशासन द्वारा नकली चालान को लेकर पिछले माह जबरदस्त अभियान चलाया गया था, जिसमें दो तीन ट्रक नकली चालान के साथ पकड़े भी गये थे. तब से यह साबित हो गया था कि जिले में नकली चालान से बालू की ढुलाई कर बिक्री की जा रही है. एक तरफ नकली चालान से बालू माफिया मालामाल हो रहे हैं. वहीं नकली चालान बेचनेवाले भी पैसों के ढेर लगा चुके हैं, जबकि खनिज विकास राजस्व को भारी घाटा सहना पड़ता है. नकली चालान जिला प्रशासन के संज्ञान में आ चुका है, लेकिन इसके विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है. नकली चालान जिला मुख्यालय से सटे विभिन्न गांवों में निकाला जा रहा है.
जिले में शुरुआत में चानन स्थित किऊल नदी में तीन बालू साइड को चालू किया गया था. बालू साइड चालू होने के कुछ दिन बाद ही नकली चालान का खेल शुरू हो गया था. नकली चालान जिला मुख्यालय से सटे विभिन्न गांव के छोटे-छोटे कैफे से निकाला जा रहा है. बालू साइड के बैरियर से जहां से बालू साइड का चालान कटता है, वहां से चालान का फोटो ले कर व्हाट्सएप से भेज दिया जाता है, जिसे कंप्यूटर पर लेकर वाहन नंबर को बदल लिया जाता है. इस तरह असली चालान पर एक वाहन के अलावा एक और वाहन उसी नकली चालान पर सेम डेट पर चलाया जाता है. कैफे संचालक चिह्नित व्यक्तियों के साथ ही इस तरह का कार्य करते हैं.
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नकली चालान के माफिया द्वारा प्रतिदिन 10 से 15 हजार रुपये की कमाई कर लेता है. हैरत की बात है की डेढ़ माह पूर्व जिला प्रशासन द्वारा नकली चालान को पकड़ा था. इसके बाद भी प्रशासन द्वारा आगे की कारवाई नहीं कर बात को वहीं दवा दी गयी. जिससे कि जिले में शहर मुख्यालय से सटे गांवों में हो रही नकली चालान का खेल अभी भी जारी है. नकली चालान का खेल सबसे पहले चानन क्षेत्र से शुरू हुआ. जिसके बाद किऊल नदी से अवैध बालू खनन करने को लेकर जगह-जगह नकली चलान का प्रचलन बढ़ते जा रहा है.
जिला खनिज विकास पदाधिकारी रणधीर कुमार ने बताया कि चालान की चेकिंग लगातार हो रही है. नकली चालान, ओवरलोड बालू एवं अन्य सामान पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि जिला खनन के अलावा नकली चालान की जांच स्थानीय थाने द्वारा भी की जा रही है.