Coronavirus in Jharkhand (चंद्रप्रकाश सिंह- लातेहार) : झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत गारू रेफरल अस्पताल में एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. अस्पताल के कर्मियों और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की लापरवाही से पांच माह पहले ग्रामीणों से लिए गये कोरोना जांच की सैंपल की जांच अब तक नहीं की गयी है जबकि जिला को जांच प्रतिवेदन भेज दी गयी. ग्रामीणों से लिये गये सैंपल अस्पताल के एक कोने में रखा पड़ा है.
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब MPW मनोज कुमार व संतोष कुमार ने अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ भरत भूषण से अस्पताल में पहले से कोरोना जांच के लिए रखे गये सैंपल के बारे में मार्गदर्शन की मांग की.
अस्पताल में ट्रू-नेट से लिए गये 1358 और आरटीपीसीआर किट से लिए गये 452 सैंपल पड़ा हुआ है. मार्गदर्शन की मांग करने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने दोनों MPW को जमकर फटकार लगायी. गारू प्रखंड में कहा जाये तो कोरोना जांच के नाम पर ग्रामीणों के साथ धोखा किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, गारू रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ भरत भूषण समेत अस्पताल के 18 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित हो गये थे. अस्पताल में कार्य बाधित ना हो इस बात को ध्यान में रखकर अस्पताल के सीएचओ ने अपने पत्रांक 197 दिनांक 02 मई 2021 को एक पत्र निर्गत कर बंदुआ उप स्वास्थ्य केंद्र के MPW मनोज कुमार व बारेसाढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र के MPW संतोष कुमार को गारू रेफरल अस्पताल में प्रतिनियुक्त कर कोविड-19 से संबंधित जांच व रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था. लेकिन, अस्पताल में पहले से जमा कोरोना के सैंपल को देख कर दोनों MPW ने मार्गदर्शन की मांग कर दी और तभी इस मामले का खुलासा हुआ.
इस संबंध में उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि सिविल सर्जन से पूरी रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकता है कि किसकी लापरवाही से यह हुआ है.
Posted By : Samir Ranjan.