Jharkhand news, Latehar news (चंद्रप्रकाश सिंह) : लातेहार जिला अंतर्गत सदर प्रखंड के 2 पंचायत के 6 गांव के 7 हजार लोग कोलियरी खुलने से विस्थापित होंगे. विस्थापन होने के डर से ग्रामीण कोलियरी के लिए जमीन नहीं देने के निर्णय लिया है. बुधवार को तुवेद गांव में ग्राम प्रधान नरेश उरांव के समक्ष सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया. बता दें कि दामोदर वेली कॉरपोरेशन द्वारा सदर प्रखंड के 2 पंचायत स्थित 6 गांव में कोयला उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला है.
इस दौरान महिलाओं का कहना था कि काफी समय से हमलोग गांव में रहते आ रहे हैं. कोलियरी के लिए जमीन देंगे, तो हमारे आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति को नहीं बचा पायेगी. वर्षों से हमारे पूर्वज खेती करते आ रहे हैं और हम जमीन दे देंगे, तो खेती कहा से करेंगे. ग्राम प्रधान श्री उरांव ने कहा कि जमीन हमारे जीवन का आधार है. कंपनी द्वारा बिना गांव में किसी से बात किये बिना ही कृषि भूमि प्रति एकड़ 27 लाख 6 हजार तथा आवासीय भूमि 54 लाख 12 हजार रुपये तय कर एक पत्र मुखिया को डीवीसी (Damodar Valley Corporation) के मुख्य अभियंता (यांत्रिकी) सुधीर मुखर्जी ने भेजा है.
श्री उरांव ने कहा कि यह निर्णय कब और कहा हुआ इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं है. आगे कहा कि हमलोग अपनी जमीन नहीं देंगे. इसके लिए आंदोलन भी करना पड़ेगा, तो परिवार के साथ मिल कर करेंगे. नेवाडी के विनोद सिंह ने कहा कि जमीन देने और नहीं देने का निर्णय ग्रामीणों को लेना है. लेकिन, गांव के बाहर बिचौलिये इसमें काफी सक्रिय हैं. मौके पर मुखिया मुनिया देवी, पूर्व मुखिया अमरेस उरांव, पड़हा राजा बुद्धदेव भगत, अनुज उरांव, विनोद सिंह, बाबुलाल उरांव, नवीन सिंह, शांति देवी एवं बुन्ना उरांव समेत कई गांव के ग्रामीण उपस्थित थे.
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दामोदर वेली कॉरपोरेशन (डीवीसी) द्वारा सदर प्रखंड के 2 पंचायत नेवाडी एवं डीही के 6 गांव में कोयला उत्खनन के लिए 1136.66 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है. डीवीसी कोयला का उत्खनन कर यहां से अन्य राज्यों को भेजेगी. इन गांवों में नेवाडी, डीही, अंबाझारण, धोबियाझारण, मंगरा और तुवेद गांव शामिल है. इन गांवों को मिलाकर कुल 7 हजार लोग विस्थापन होंगे. डीवीसी ने इन गांवों में पड़ने वाले 430 एकड़ वन भूमि का अधिग्रहण कर लिया है. कंपनी ने वन भूमि को चिह्नित कर लगभग 6 से 7 पीलर भी लगा दिया है.
इस संबंध में डीवीसी के कार्यपालक मिथिलेश कुमार ने कहा कि कई बार जिला स्तरीय समिति में सभी ग्रामीणों की उपस्थिति में यह निर्णय हुआ था. आगे श्री कुमार ने बताया कि पूर्व डीसी जिशान कमर के समय में कंपनी के अधिकारियों और ग्रामीण प्रतिनिधियों के समक्ष सर्वसम्मति से जमीन की कीमत तय हुई थी. इसके अलावा कंपनी और सरकार के प्रावधानों के अनुसार ही जमीन का मुआवजा दिया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.