Jharkhand news: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस इनदिनों नेतरहाट में हैं. दो दिवसीय दौरे के क्रम में रविवार को कोयल व्यू प्वाइंट और शैले भवन को देखा. इस दौरान नेतरहाट आवासीय विद्यालय भी गये. यहां उन्होंने स्टूडेंट्स से विस्तार में बातचीत की, वहीं स्टूडेंट्स भी राज्यपाल श्री बैस को पेंटिंग भेंट किया. नेतरहाट की खूबसूरत वादियों को देख मंत्रमुग्ध हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. साथ ही धार्मिक और प्राकृतिक टूरिस्ट सर्किट बनाने पर भी जोर दिया.
दो दिवसीय नेतरहाट दौरे पर राज्यपाल
पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि नेतरहाट की खूबसूरत वादियों को देख मंत्रमुग्ध हुए. यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा काफी अद्भुत है. वहीं, रविवार को कोयल व्यू प्वांइट और शैले भवन का अवलोकन करते हुए कहा कि नेतरहाट के बारे में काफी समय से जानकारी मिलती रही है. झारखंड के राज्यपाल बनने के बाद नेतरहाट आने की इच्छा जागी और परिवार संग दो दिवसीय दौरे पर नेतरहाट आ पहुंचे.
पर्यटन के विकास पर जोर
उन्होंने कहा कि राज्य के हर जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में सिर्फ विकास करने की जरूरत है. कहा कि राज्यपाल बनने के बाद से ही यहां के अधिकारियों से पर्यटन के विकास के संदर्भ में चर्चा की और समयबद्ध होकर विकास करने के लिए निर्देशित किया. साथ ही विस्तारपूर्वक अन्य जानकारी भी प्राप्त किया. कहा कि राज्य में धार्मिक और प्राकृतिक टूरिस्ट सर्किट बनाने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि बाहर से आनेवाले पर्यटक अपनी रुचि और समय के अनुसार भ्रमण कर सकें. ऐसा करने से राज्य में पर्यटन के विकास को गति मिल सकती है.
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राज्यपाल ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय का किया भ्रमण
नेतरहाट दौरे के क्रम में राज्यपाल ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय का भी भ्रमण किये. इस दौरान छात्रों के साथ बातचीत करते हुए स्कूल के पुस्तकालय, प्रयोगशाला और हॉस्टल को भी देखा. वहीं, विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया. इस मौके पर राज्यपाल महोदय को नेतरहाटा आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने उनकी पेंटिंग भेंट की.
इस विद्यालय का अलग महत्व
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि प्रकृति की गोद में बसे इस जगह के मनोरम दृश्य की जहां सर्वत्र चर्चा की जाती है, वहीं नेतरहाट आवासीय विद्यालय अपने गौरवशाली एवं गरिमामयी इतिहास के कारण किसी परिचय का मोहताज नहीं है. नेतरहाट आवासीय विद्यालय से पढ़े विद्यार्थी आज देश-विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने अपनी प्रतिभा से इस विद्यालय का नाम रोशन किया है.
गुरुकुल परंपरा पर आधारित यह विद्यालय
राज्यपाल श्री बैस ने कहा कि वर्ष 1954 में स्थापित नेतरहाट आवासीय विद्यालय शिक्षा जगत में एक प्रतिष्ठित नाम रहा है. गुरुकुल परंपरा पर आधारित इस विद्यालय ने अपने अतीत में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. यह शिक्षण संस्थान ना केवल बेहतर शिक्षा सुलभ कराने के लिए जाना जाता है, बल्कि विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रबल बनाने के लिए भी जाना जाता है. कहा कि भारत कभी विश्वगुरू कहा जाता था. हमारे देश के समृद्ध ज्ञान-विज्ञान की चर्चा पूरे विश्व में की जाती थी. हमारे देश में तक्षशीला, नालंदा जैसे विश्व प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान थे, जहां पूरी दुनिया के विद्यार्थी ज्ञान हासिल करने के लिए इच्छा रखते थे.
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पूर्व की भांति बनी रहे इस विद्यालय की ख्याति
उन्होंने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय में ज्ञान हासिल करना एक उपलब्धि माना जाता है. बच्चों को यहां पढ़ाना अपने-आप में गौरव की बात है. इस विद्यालय की ख्याति पूर्व की भांति बनी रहे, इसके लिए आप सभी विद्यार्थी, विद्यालय प्रशासन एवं यहां के शिक्षकों को शिक्षा के प्रति समर्पित रहना होगा. वहीं, विद्यार्थी अनुशासन के मार्ग पर चलकर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करें. अनुशासित मनुष्य ही जीवन में सफलता हासिल कर सकता है.
जीवन में आनेवाली हर चुनौतियों का डटकर करें मुकाबला
राज्यपाल श्री बैस ने कहा कि प्रतियोगिता एवं ज्ञान आधारित इस युग में किसी प्रकार की चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए. सफलता हासिल करने के लिए जीवन में आने वाली हर चुनौतियों का मुकाबला डट कर करना चाहिए. कहा कि राज भवन, झारखंड में दो प्रधान सचिव ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय से शिक्षा अर्जित की है. वहीं, लातेहार जिला के पुलिस अधीक्षक ने भी यहां से शिक्षा हासिल की है. आप सब विद्यार्थी इन सबसे प्रेरणा ले सकते हैं.
रिपोर्ट : वसीम अख्तर, लातेहार.