Human Trafficking: बालूमाथ (मो शमीम) : नौ नाबालिग समेत झारखंड की 31 लड़कियों को बस में भरकर नौकरी दिलाने के नाम पर उनकी जाम जोखिम में डालकर 1700 किलोमीटर दूर चेन्नई ले जाया जा रहा था. लातेहार जिला की पुलिस को समय रहते इसकी सूचना मिल गयी और बालूमाथ में बस को रोककर लड़कियों को संदिग्ध मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त करा लिया. तमिलनाडु की बस को जब्त भी कर लिया है. दक्षिण भारतीय दोनों ड्राइवर न हिंदी समझ पा रहे हैं, न बोल पा रहे हैं. इसलिए दोनों से पूछताछ करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं.
लातेहार जिला के बालूमाथ थाना क्षेत्र के डाढा ग्राम के नावाबांध से बालूमाथ थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बस (टीएन-49एएम-9633) में सवार 31 लड़कियों को मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) से बचा लिया. जानकारी के अनुसार, बुधवार को सभी लड़कियों को धागा मिल में नौकरी का लालच देकर झारखंड से तमिलनाडु ले जाया जा रहा था. इन लड़कियों में नौ नाबालिग हैं.
पता चला है कि लातेहार, लोहरदगा, रांची और सिमडेगा जिलों से लड़कियों को तमिलनाडु के कृष्णा कपड़ा मिल ले जाया जा रहा था. पुलिस ने बस को रुकवाने के बाद सभी लड़कियों को बाहर ले जाने का परमिट या निबंधन की कोई कॉपी चालक और उप चालक से मांगी, तो वह कोई भी कागजात पेश कर पाने में असमर्थ रहा.
Also Read: 4500 रुपये की कोरोना जांच अब मात्र 1100 रुपये में, हेमंत सोरेन सरकार का बड़ा फैसलापुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बालूमाथ का शिवा उरांव नामक व्यक्ति इन सभी लोगों को तमिलनाडु ले जा रहा था. शिवा उरांव ने सभी लड़कियों से कहा था कि उन्हें नौ-नौ हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलेंगे. पुलिस ने चालक और उप चालक को हिरासत में लिया है. बरामद हुई सभी लड़कियो को स्थानीय कस्तूरबा विद्यालय में रखा गया है.
बालूमाथ के अंचल अधिकारी रवि कुमार ने कहा कि लातेहार, लोहरदगा, रांची व सिमडेगा सहित कई जिलों से लड़कियों को तमिलनाडु के कृष्णा कपड़ा मिल ले जाया जा रहा था. इनमें नौ नाबालिग लड़कियां भी हैं. बस चालक के पास से लड़कियों को ले जाने का कोई परमिट नहीं था. पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बालूमाथ का ही शिवा उरांव नामक व्यक्ति इन लड़कियों को बाहर ले जा रहा था. फिलहाल शिवा पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
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