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झारखंड में अनाथ बच्चियों का गुरुकुल हुआ बंद, लोगों ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, डीसी ने दिया ये आश्वासन

उपायुक्त अबु इमरान कहा कि गुरुकुल को बंद नहीं किया गया है. कुछ आर्थिक व सुरक्षा कारणों से गुरुकुल में रहने वाली बालिकाों को जिला शिक्षा पदाधिकारी की देखरेख में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शिफ्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि बालिकाओं की सुरक्षा बहुत ही जरूरी थी.

Jharkhand News, लातेहार न्यूज (आशीष टैगोर) : बेसहारा एवं अनाथ बच्चों के लिए झारखंड के लातेहार जिला मुख्यालय में स्थापित गुरुकुल अब बंद हो गया है. गुरुकुल में रहने वाली 32 बालिकाओं को जिले के विभिन्न कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिफ्ट कर दिया गया है. गुरुकुल के संचालन के लिए नामित खाता में धन राशि उपलब्ध नहीं होने तथा स्थानीय स्तर पर समुचित धन राशि की व्यवस्था नहीं होने के कारण गुरुकुल की बालिकाओं को रखने में परेशानियां आ रही थीं और इसी कारण जिला प्रशासन के द्वारा गुरुकुल की बालिकाओं को वहां से हटा कर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिफ्ट कर दिया गया है. आपको बता दें कि गुरुकुल में पूर्व में बालक व बालिकाओं को साथ-साथ रखा जाता था, लेकिन पिछले वर्ष बालकों को रोज बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया था. चार अप्रैल 2012 को तत्कालीन उपायुक्त राहुल कुमार पुरवार ने गुरुकुल की स्थापना की थी.

स्थापना काल में गुरुकुल के संचालन के लिए एक कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया था. समिति का पदेन अध्यक्ष उपायुक्त एवं सदस्य सचिव रेडक्रास सोसायटी के सेक्रेट्री को बनाया गया था. इसके अलावा सदस्यों में पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, कल्याण एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, पेयजल व स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता, कुलाचार्य, उप कुलाचार्य, गुरुकुल के केंद्र समन्वयक, पेंशनर समाज, विजिटिंग शिक्षक व लायंस क्लब के प्रतिनिधि, एक महिला प्रतिनिधि, एक कारपोरेट एवं एक स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि को शामिल किया गया था.

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गुरुकुल के बंद होने पर जिलावासियों ने एक स्वर में गुरुकुल का संचालन फिर से शुरू करने की बात कही है. पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सुशील कुमार अग्रवाल ने कहा कि गुरुकुल का बंद होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि गुरुकुल को फिर से चालू कराना चाहिए. इसके लिए आम लोगों को भी आगे आना होगा. वहीं रेडक्रॉस सोसायटी सह गुरुकुल के सदस्य सचिव विकासकांत पाठक ने भी कहा कि गुरुकुल को फिर से संवारने की जरूरत है और इस संबंध में उन्होंने उपायुक्त अबु इमरान से बात की है. श्री पाठक ने कहा कि उपायुक्त ने इस संबंध में आम लोगों के सुझाव आमंत्रित किये हैं.

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उपायुक्त अबु इमरान कहा कि गुरुकुल को बंद नहीं किया गया है. कुछ आर्थिक व सुरक्षा कारणों से गुरुकुल में रहने वाली बालिकाों को जिला शिक्षा पदाधिकारी की देखरेख में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शिफ्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि बालिकाओं की सुरक्षा बहुत ही जरूरी थी. आये दिन सामग्रियां वितरित करने के बहाने असामाजिक तत्व गुरुकुल पहुंच रहे थे. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर गुरुकुल के संचालन में पर्याप्त धन राशि की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. इस कारण बालिकाओं के खाने-पीने एवं चिकित्सकीय देखभाल नहीं हो पा रही थी. उपायुक्त ने कहा कि गुरुकुल को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें आम लोगों की भागीदारी भी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि गुरुकुल के संचालन में किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिले के औद्योगिक घरानों एवं आम लोगों से भी सहयोग ली जायेगी.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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