Jharkhand News, लातेहार न्यूज (वसीम अख्तर) : झारखंड के लातेहार जिले के वन क्षेत्र महुआडांड़ के जंगल में भेड़िया दिखने लगे हैं. वन विभाग के द्वारा लगाये कैमरे में इसकी तस्वीर कैद हुई है. महुआडांड़ अभयारण्य भेड़ियों का प्रसव क्षेत्र भी है. वन विभाग के द्वारा लगाये गये कैमरे में भेड़िया के प्रसव की पुष्टि हुई है. इन दिनों भेड़ियों को जंगलों में भ्रमण करते अक्सर देखा जा सकता है. आपको बता दें कि देश का एकमात्र भेड़िया अभयारण्य लातेहार के महुआडांड़ में है. पिछले दिनों पूर्व मंत्री व पूर्वी जमशेदपुर से विधायक सरयू राय ने ट्वीट किया था कि कुप्रबंध के चलते इस भेड़िया अभयारण्य का अस्तित्व संकट में है.
भेड़िया अभयारण्य पलामू ब्याघ्र परियोजना के नियंत्रणाधीन है. इस अभयारण्य को 25 संरक्षित वन में वर्गीकृत किया किया गया है जो छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र से सटा है. भेड़िया अभयारण्य 63.256 वर्ग किलोमीटर तक फैला है. अभयारण्य तीन क्षेत्रों में बंटा है, जिसके अंतर्गत 16 चौकी हैं. वर्तमान में 12 वनरक्षी कार्यरत हैं, जबकि 16 वनरक्षी का पद स्वीकृत है. तीन वनपालों के स्थान पर एक ही कार्यरत है. 32 वन टेकर में 22 ही कार्यरत हैं.
Also Read: Jharkhand News : झारखंड में 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला में आरोपी आरके आनंद ने रांची कोर्ट में किया सरेंडरवन जीव विशेषज्ञ डॉ डीएस श्रीवास्तव कहते हैं कि भेड़िया अभयारण्य हमारी खोज है. इसको आगे बढ़ाने के लिए मैं लगातार प्रयासरत हूं, लेकिन भेड़िया अभयारण्य के प्रति राज्य सरकार गंभीर नहीं है. 1972 से 1974 तक मैंने अभयारण्य क्षेत्र में रिसर्च किया था. भेड़िया समतल जमीन व झाड़ीदार वाले क्षेत्र में रहना पंसद करता है. भेड़िया झुंडों में ही रहकर ट्रैवल करते हैं. उन्होंने बताया कि जंगल में शिकार नहीं मिलता तब भेड़िया मानव वाले क्षेत्र में रहना पसंद करते हैं.
वन जीव विशेषज्ञ डॉ डीएस श्रीवास्तव बताते हैं कि अक्टूबर और नवंबर का महीना इनके प्रसव का माह होता है. मार्च तक भेड़िया अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए साथ रहते हैं. भेड़ियों की संख्या में कमी होने का कारण जंगलों के आस-पास बढ़ती इंसानी आबादी है. जंगलों में छोटे जानवर जैसे खरगोश व बड़ा वाला चूहा इनका मुख्य भोजन है, लेकिन अब धीरे-धीरे जंगलों में खरगोश और बड़े चूहों की संख्या कम होती जा रही है.
Also Read: Jharkhand News : झारखंड के चतरा एसडीओ का स्टेनो 25 हजार घूस लेते गिरफ्तार, राशन डीलर से ले रहा था रिश्वतझारखंड के पूर्व मंत्री व पूर्वी जमशेदपुर से विधायक सरयू राय ने पिछले दिनों ट्वीट किया था कि भारत का एकमात्र भेड़िया अभयारण्य लातेहार जिले के महुआडांड़ में है. कुप्रबंध के चलते यह संकट में है. इसका प्रबंधन पलामू टाईगर रिजर्व के निदेशक के अधीन है. उन्होंने कहा था कि हेमंत सोरेन जी ध्यान दें नहीं तो बाघविहीन पलामू टाइगर रिजर्व की तरह यह भी समाप्त हो जायेगा.
Also Read: Jharkhand Weather Forecast : झारखंड में एक बार फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, जानिए बारिश से कब मिलेगी राहतभारत का एकमात्र भेड़िया अभयारण्य (wolf sanctuary) झारखंड के लातेहार जिला के महुआडांड में हैं. कुप्रबंध के चलते यह संकट में है. इसका प्रबंधन पलामू टाईगर रिज़र्व के निदेशक के अधीन है. @HemantSorenJMM ध्यान दें नहीं तो बाघविहीन पलामू टाईगर रिज़र्व की तरह यह भी समाप्त हो जायेगा.
— Saryu Roy (@roysaryu) July 31, 2021
पलामू ब्याघ्र परियोजना (पलामू टाइगर रिजर्व) के निदेशक कुमार आशुतोष कहते हैं कि पूरे देश में लगभग तीन हजार भेड़िया हैं, लेकिन महुआडांड़ भेड़िया अभयारण्य में अकेले 100 से अधिक भेड़िया हैं. उन्होंने बताया कि अभयारण्य में भेड़ियों के लिए अच्छा वातावरण है. भेड़िया अभयारण्य वाले क्षेत्र में कैमरा लगाये गये हैं. उन्होंने बताया कि जंगलों में लगभग 25 कैमरे लगये गये हैं. जिससे समय-समय पर इनकी गतिविधियों की जानकारी हम लेते रहते हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra